पाकिस्तान में लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी में 6 और 7 मार्च को होली मनाने के लिए इकठ्ठा हुए हिंदू स्टूडेंट्स पर हमला हुआ। इस हमले में 30 स्टूडेंट घायल हो गए। घायल हुए स्टूडेंट्स में मुस्लिम भी शामिल हैं। इस दोनों हमलों के पीछे पाकिस्तान के कट्टरपंथी स्टूडेंट संगठन इस्लामी जमीयत-ए-तलबा (IJT) का नाम सामने आया है।
ये संगठन कट्टरपंथी वहाबी विचारधारा वाली पार्टी जमात-ए-इस्लामी का स्टूडेंट विंग है। इसका नाम मरदान प्रांत की अब्दुल वली खान यूनिवर्सिटी में 13 अप्रैल 2017 को हुई मशाल खान की लिंचिंग में भी सामने आया था। IJT जिया उल हक की तानाशाही के दौरान भी काफी चर्चाओं में रहा था। तब इससे जुड़े स्टूडेंट जिया का विरोध करने वालों को सरेआम पीटा करते थे। फरवरी में इन्होंने वैलेंटाइंस डे की जगह ‘हया डे’ मनाने का अभियान भी चलाया था।
IJT से जुड़े लोगों ने कथित तौर पर पहले ही दोनों यूनिवर्सिटी में ऑर्गेनाइजर कमेटी को होली न मनाने के लिए धमकी भी दी थी। उधर, पाकिस्तान में हिंदुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था समाज सेवा फाउंडेशन ने बताया कि कट्टरपंथियों को जवाब देने के लिए सोमवार (13 मार्च) को फिर से होली समारोह रखा गया था।
होली समारोह ऑर्गेनाइज करने के लिए सिंध के मुस्लिम स्टूडेंट को भी पीटा
लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज में होली समारोह हिंदू छात्रों और सिंध स्टूडेंट काउंसिल ने मिलकर किया था। IJT इससे नाराज था और उससे जुड़े लोगों ने सिंध काउंसिल से जुड़े मुस्लिम स्टूडेंट्स पर भी हमला किया। यहां 6 मार्च को हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के छात्र होली मना रहे थे।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी माना है कि छात्रों को जिम्नेजियम में होली मनाने की इजाजत दी गई थी। 7 मार्च को कराची यूनिवर्सिटी में होली मना रहे हिंदू स्टूडेंट पर भी IJT से जुड़े स्टूडेंट्स ने हमला किया।
कराची यूनिवर्सिटी की एक स्टूडेंट ने नाम न जाहिर करते हुए कहा, ‘मैं हिंदू हूं। सिंध के थरपारकर में मेरा घर है। उस दिन हम सभी होली खेल रहे थे, मुसलमान स्टूडेंट भी हमारे साथ थे। अचानक इस्लामी जमीयत-ए-तलबा के लड़के आए और हमें पीटने लगे। हमारे साथ जो मुसलमान छात्र थे, उन्हें भी पीटा। पाकिस्तान का संविधान कहता है कि हम सब बराबर हैं। जब कैंपस में ईद मनाई जा सकती है तो होली क्यों नहीं?’
पिछले साल भी मनाई थी होली, तब हंगामा नहीं हुआ था
लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी और कराची यूनिवर्सिटी में काफी हिंदू छात्र पढ़ते हैं, इनमें से ज्यादातर पाकिस्तान के सिंध इलाके से हैं। इस बार होली के समय ही यूनिवर्सिटीज में एग्जाम चल रहे थे और हिंदू छात्र त्योहार मनाने घर नहीं जा सके। पंजाब यूनिवर्सिटी के इन्हीं 35 हिंदू स्टूडेंट्स के लिए सिंध काउंसिल ने होली समारोह किया था।
लॉ डिपार्टमेंट के एक हिंदू छात्र ने नाम न बताते हुए कहा, ‘हमले के बाद से हिंदू छात्र डरे हुए हैं, लेकिन अब यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन और सरकार ने सुरक्षा का भरोसा दिया है। पिछली बार भी हमने होली मनाई थी, तब ऐसा हंगामा नहीं हुआ था।’ पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर भी हिंदू छात्रों पर हमले के वीडियोज शेयर हो रहे हैं।
पहले जमात के लोगों ने पीटा, फिर यूनिवर्सिटी के गार्ड्स ने
भास्कर ने उस दिन घायल हुए एक हिंदू स्टूडेंट से बात की। स्टूडेंट ने बताया- ‘इस यूनिवर्सिटी में हम 30-35 हिंदू छात्र हैं। सबसे ज्यादा हिंदू बच्चे लॉ डिपार्टमेंट में हैं। हम सिंध से हैं, हमने सिंधी मुसलमान दोस्तों के साथ मिलकर होली सेलिब्रेशन का प्लान बनाया था। यूनिवर्सिटी के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर ने हमें इस प्रोग्राम की इजाजत भी दी थी।’
स्टूडेंट ने आगे बताया- ‘होली मनाने से पहले ही हमें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं। हमने तय किया था कि पहले ग्राउंड में इकठ्ठा होंगे, फिर साथ में जिम्नेजियम जाएंगे। अचानक जमात से जुड़े स्टूडेंट्स आ गए और हमला कर दिया। हमला करने वालों में लॉ कॉलेज के स्टूडेंट भी थे। कुछ हमलावर यूनिवर्सिटी से बाहर के भी थे। हम हमलावरों को जानते हैं, उनके नाम भी हमें पता है।’
‘इस हमले के विरोध में हमने वाइस चांसलर के ऑफिस के बाहर प्रोटेस्ट भी किया। हमारी बात सुनने की जगह यूनिवर्सिटी के गार्ड्स ने हमें ही लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। हमारे 5 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें एक हिंदू स्टूडेंट था। हमने पुलिस को भी शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। हमारे पास वो वीडियो हैं, जिनमें यूनिवर्सिटी गार्ड्स हम पर हमला कर रहे हैं।’
IJT बिगाड़ रहा है यूनिवर्सिटी का माहौल
लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी के हिंदू छात्रों का कहना है कि इससे पहले कभी उन पर कैंपस में हमला नहीं हुआ था। उनके मुताबिक, ‘कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि हमारे साथ भेदभाव होता है, लेकिन कॉलेज में हमारे साथ माहौल ज्यादातर ठीक ही रहता है।
पिछले साल भी 5-10 हिंदू स्टूडेंट्स ने मिलकर होली मना ली थी। तब कोई मसला नहीं हुआ था, क्योंकि हमने होली मनाने के बारे में पहले नहीं बताया था। इस बार सिंध काउंसिल भी आयोजन में शामिल थी, इसलिए उन्होंने इसकी घोषणा की थी।’
सुरक्षा देने की जगह यूनिवर्सिटी उल्टा हमें ही धमकाने लगी। समाज सेवा फाउंडेशन के चेयरमैन लाला चमन लाल बताते हैं, ‘होली मनाने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन से इजाजत ली गई थी। होली मनाने पर सुरक्षा को लेकर आशंका थी। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी जगह की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी।’
चमनलाल आगे कहते हैं, ‘हमने बच्चों को होली से एक दिन पहले जगह देखने के लिए भेजा था। वे डरे हुए थे। आयोजन के दिन जैसे ही बच्चे इकठ्ठा हुए, उन पर जमात से जुड़े स्टूडेंट्स ने हमला कर दिया। यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड्स तमाशा देखते रहे। हमने यूनिवर्सिटी से बात की, तो वे कहने लगे कि हिंदू बच्चों ने ही नियमों का उल्लंघन किया है। उन पर एक्शन लिया जाएगा और रिपोर्ट गवर्नर को भेजी जाएगी।’
मैंने उनसे पूछा, ‘बच्चों ने नियम तोड़े, ये मान भी लें तो जमात के गुंडों ने हमला करके कौन से नियम बचा लिए। यूनिवर्सिटी कार्रवाई करे, लेकिन जमात वाले मारपीट क्यों कर रहे हैं।’ चमनलाल कहते हैं कि किसी ने रंग खेलना शुरू भी नहीं किया था, जमात के लोग हमले की तैयारी से आए थे।
चमनलाल कहते हैं, ‘कराची यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट में भी होली सेलिब्रेशन के दौरान जमीयत-ए-तलबा के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। मुस्लिम समुदाय और सिंधी काउंसिल को हमारे होली मनाने से दिक्कत नहीं है। पाकिस्तान में कुछ कट्टरवादी हैं, जो यहां अपनी चलाना चाहते हैं।'
'पाकिस्तान में हिंदू त्योहारों के मनाने से दुनिया को संदेश जाता है कि ये एक शांतिपूर्ण देश है। हमें अपने धर्म के हिसाब से जिंदगी जीने नहीं दी जा रही है।’
IJT ने हमले से इनकार किया
उधर, IJT ने हमले से इनकार कर दिया है। दैनिक भास्कर से बातचीत में IJT के कार्यकारी सदस्य मेहर हुजैफा जमाल ने कहा कि हमारे साथी हमले में शामिल नहीं थे। हुजैफा जमाल कहते हैं, ‘ये आरोप बिल्कुल झूठ हैं। हम 2-3 चीजें साफ कर देना चाहते हैं। पहली बात ये कि अगर हमला हुआ है तो कोई घायल भी हुआ होगा, अगर कोई जख्मी है तो उसे सामने लाया जाए।
दूसरा ये कि जो भी वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें कोई हिंदू स्टूडेंट नजर नहीं आ रहा। ये मुसलमान स्टूडेंट थे, जो हिंदू अल्पसंख्यकों का सिर्फ नाम इस्तेमाल कर रहे थे। यूनिवर्सिटी के गार्ड्स के साथ जो मामला हुआ, उसमें भी मुसलमान स्टूडेंट ही थे, हिंदू स्टूडेंट नहीं थे। हिंदू स्टूडेंट तो ऐसी गतिविधियों में हिस्सा ही नहीं लेते हैं।’
हुजैफा आगे कहते हैं, ‘हम तो हिंदू छात्रों की मदद करते हैं, पिछले साल ही हमने दो हिंदू छात्रों का दाखिला करवाया है। उस दिन एक संगठन के छात्र लॉ कॉलेज में आए, ये कहकर कि उन्हें होली मनानी है, जबकि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें होली मनाने के लिए अलग जगह तय करके दी थी।'
संगठन के कुछ लोगों ने गार्ड पर पथराव किया और फिर वहां से भाग गए। फिर वे दोबारा VC दफ्तर के बाहर इकट्ठा हुए। इनके साथ गार्ड्स की झड़प हो गई। ये एक मुसलमान संगठन के ही कुछ लोग हैं, जो इस मामले को हिंदू-मुसलमान बना रहे हैं।’
पाकिस्तान में कैसे मनाई जाती है होली
पाकिस्तान में ज्यादातर हिंदू आबादी सिंध प्रांत में रहती है। यहां होली मनाए जाने की पुरानी परंपरा है। पाकिस्तान के चर्चित हिंदू पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता कपिल देव बताते हैं कि सिंध में हिंदुओं और मुसलमानों के मिलकर होली मनाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। इसे लेकर कट्टरवादी सोच के कुछ संगठन असहज हैं।
कपिल देव कहते हैं, ‘हम होली का त्योहार मनाते रहे हैं। ज्यादातर हिंदू होते हैं और मुसलमान भी शामिल होते हैं। होली पर ढोल बजाने वाले ज्यादातर मुसलमान होते हैं। हिंदू मंदिरों में ढोल बजाने वाले सभी मुसलमान मनिहार समुदाय से होते हैं।’ सिंध में होली के दौरान हिंदू जुलूस भी निकालते हैं और मंदिरों में कार्यक्रम भी होते हैं।
कपिल देव बताते हैं, ‘होली के जुलूस को हम लोग पाली कहते हैं। होली का पर्व पाकिस्तान में हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 11वीं तारीख से पूनम यानी 15 तारीख तक मनाया जाता है। 6 दिन लगातार हम जुलूस निकालते हैं और मंदिरों में जो गीत गाए जाते हैं, उसे हम धमाल कहते हैं। हमारे मंदिरों में 6 दिनों तक धमाल चलती है। सिंध में कभी इसे लेकर टकराव नहीं हुआ है।’
इस्लामिक कट्टरवादी संगठन होली मनाने पर बवाल कर रहे
पाकिस्तान की सरकार ने भी अखबारों में विज्ञापन देकर हिंदुओं को होली की मुबारकबाद दी थी। उधर, पाकिस्तान के कट्टरपंथी तत्व हिंदुओं के होली मनाने को लेकर परेशान हैं। सिंध प्रांत के कट्टरपंथी नेता राशिद सुमरू का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं, ‘होली मनाई जा रही है, ऐसे होली मनाई जा रही है, जैसे दिल्ली में कोई प्रोग्राम हो रहा है। ये ऐसे होली मना रहे हैं, जैसे हिंदुस्तान में हों। सिंध की जमीन पर ऐसा हो रहा है।’
कपिल देव कहते हैं, ‘पाकिस्तान के कट्टरवादी अपने वोट बैंक को रिझाने के लिए हिंदुओं पर निशाना साधते रहते हैं। राशिद सुमरू जमात-ए-उलेमा-ए-इस्लाम नाम की पार्टी से जुड़े हैं। हिंदू विरोधी बयान देते रहते हैं। जाहिर तौर पर ऐसे बयानों से पार्टी को फायदा पहुंचता है। ये सीधे तौर पर हमला नहीं करते, लेकिन अकसर उकसाने वाले बयान देते रहते हैं।'
'सिंध में बड़े पैमाने पर मुसलमान भी होली में शामिल होते हैं। इसे देखकर इन्हें तकलीफ होती है।’
कपिल के मुताबिक IJT भी इन्हीं का छात्र संगठन है और हिंदू विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का उसका भी इतिहास है।
पाकिस्तान में हिंदुओं के हालात
पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी करीब 40 लाख है। 2022 में पाकिस्तान के सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान में 22 लाख 10 हजार 566 हिंदू रहते हैं, जो पाकिस्तान की कुल आबादी का 1.18 प्रतिशत ही हैं।
सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस की ये रिपोर्ट पाकिस्तान के नेशनल डेटाबेस के आंकड़ों पर आधारित है। इसके मुताबिक, देश में रजिस्टर्ड कुल 18 करोड़ 68 लाख 90 हजार 601 लोगों में से 18 करोड़ 25 लाख 92 हजार मुसलमान हैं। हालांकि पाकिस्तान में हिंदुओं की वास्तविक संख्या इस आंकड़े से ज्यादा हो सकती है, क्योंकि पाकिस्तान में अधिकतर हिंदू समुदाय बेहद पिछड़े हैं और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े हैं।
पाकिस्तान में हिंदुओं के पास सीमित धार्मिक आजादी है और उन पर हमले होते रहे हैं। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की लड़कियों की जबरदस्ती मुस्लिम लड़कों से शादी कराना सबसे बड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान में कट्टरवादी हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर भी हमले करते रहे हैं। डर और खौफ की वजह से पाकिस्तान के हिंदू भारत पलायन करते रहे हैं। डर और मौकों की कमी की वजह से पाकिस्तान में हिंदू परिवार इस्लाम भी अपनाते रहे हैं।
पाकिस्तान के हिंदू कार्यकर्ताओं का कहना है कि यहां हिंदुओं पर होने वाले सभी हमले रिपोर्ट नहीं किए जाते और हिंदुओं पर अत्याचार की पूरी तस्वीर साफ नहीं हो पाती है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए धार्मिक आजादी की बात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान में बढ़ते कट्टरपंथ ने हिंदुओं के लिए पहले से मुश्किल हालात को और भी मुश्किल कर दिया है।
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