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दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में राजा पार्क पुलिस स्टेशन के पास चप्पे-चप्पे पर अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं। युवाओं का हुजूम हाथों में भगवा झंडे लिए, नारेबाजी करते हुए एस-ब्लॉक चौराहे पर बने मंच की तरफ बढ़ रहा है। यहां 25 साल के रिंकू शर्मा की श्रद्धांजलि सभा हो रही है, जिनकी मौत 10 फरवरी को हुए चाकू हमले में हो गई थी। मंच पर रिंकू का परिवार और हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी बैठे हैं। दिल्ली BJP के नेता भी इनमें शामिल हैं।
पिछले कई दिनों से रिंकू शर्मा की हत्या का मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। दिल्ली पुलिस कह चुकी है कि हत्या के पीछे कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं, बल्कि निजी विवाद है, लेकिन रिंकू के परिवार और श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि रिंकू की हत्या मुसलमान युवकों ने जयश्री राम का नारा लगाने पर की है। इस श्रद्धांजलि सभा में लंबी-चौड़ी सड़क लगातार बढ़ती भीड़ के लिए छोटी पड़ती जा रही है। दिल्ली पुलिस के ड्रोन कैमरे की जहां तक नजर जा रही है, लोग ही लोग दिखाई दे रहे हैं। उत्तेजक नारेबाजी हो रही है। रविवार को हुई इस श्रद्धांजलि सभा में आक्रोश, प्रतिशोध, बदला, सजा, फांसी जैसे शब्द बार-बार सुनाई दे रहे थे।
सिर पर जय श्रीराम की टोपी लगाए, हाथ में भगवा ध्वज थामे कुलदीप पाल नोएडा से आए हैं। वे अपने स्मार्टफोन से सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो भी प्रसारित कर रहे हैं। कुलदीप एक युवा से पूछते हैं, रिंकू को क्यों मारा गया, युवा जवाब देता है, 'हमारे भाई ने जय श्री राम का नारा लगाया तो जिहादियों ने मार दिया।' कुलदीप के साथ उनकी बीवी और बच्चे भी आए हैं, जो पोस्टर थामे खड़े हैं। पोस्टर पर लिखा है, 'मैं भी जय श्रीराम का नारा लगाता हूं, कल मुझे भी मार दोगे क्या?'
कुलदीप कहते हैं, 'मुझे न्यूज से पता चला कि जिहादियों ने हमारे एक भाई की हत्या सिर्फ जय श्रीराम का नारा लगाने पर कर दी है। मैं बजरंग दल या किसी संगठन के बुलावे पर नहीं आया हूं। मैं अपने हिंदू भाई के लिए आवाज बुलंद करने आया हूं ताकि फिर ऐसा न हो।' आसपास गलियों में भी लोग हिंदू एकता और जागरूकता की बात कर रहे हैं। एक समूह में बैठी महिलाएं कह रही हैं, 'यदि पहले से सब एक साथ होते तो ऐसा होता ही नहीं।'
पिता की नौकरी छूट गई थी, परिवार में अकेला कमाने वाला था रिंकू
रिंकू का घर गली नंबर चार में है। यहां भारी पुलिसबल तैनात है। रास्ते पर मेटल डिटेक्टर लगा है और पुलिस जांच-पड़ताल के बाद ही आगे जाने दे रही है। एक कमरे के मकान में रिंकू के पिता अजय शर्मा कंबल ओढ़े सो रहे हैं। उन्हें हाल ही में अपनी ब्लड प्रेशर की बीमारी का पता चला है। 10 फरवरी की उस रात को याद करते हुए वो कहते हैं, 'मेरा बेटा उस दिन बर्थडे में गया था। हम घर में सो रहे थे। वो हड़बड़ाते हुए आया। पीछे वो लोग लाठी-डंडे लेकर आए। मेरे बेटे ने भी सिलेंडर उठा लिया। वो बाहर दौड़ा, मैंने रोकने की कोशिश की। मैं किसे-किसे रोकता।' रिंकू बाहर चला गया तो हमने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। उन्होंने उसे वहीं चाकू मार दिया। वो घर आया तो कमर में चाकू गड़ा था। खून की धार बह रही थी। हम तुरंत उसे संजय गांधी अस्पताल लेकर गए।' संजय गांधी अस्पताल यहां से बमुश्किल दो सौ मीटर दूर है। बुरी तरह घायल रिंकू ने यहां दम तोड़ दिया।
रिंकू के घर के सामने खून के धब्बे अभी भी हैं। यहां रहने वाले अधिकतर लोगों का कहना है, 'रिंकू अस्पताल जाते-जाते भी जय श्री राम के नारे लगा रहा था।' रिंकू के पिता की दस महीने पहले नौकरी छूट गई थी। निजी अस्पताल में लैब टेक्नीशियन की जॉब करने वाले रिंकू परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे। उनका पांच लोगों का परिवार एक ही कमरे में सोता है।
रिंकू पर हमले का आरोप पांच भाइयों के मुसलमान परिवार पर है। इनमें से एक का घर रिंकू के घर से बीस कदम की दूरी पर ही है। इस घर में अब कोई नहीं है। उत्तेजक भीड़ ने इसके दरवाजे तोड़ दिए हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक हमलावरों में से एक पुलिस का मुखबिर है और आपराधिक प्रवृति का है। उसका यहां रसूख भी है। यहां अधिकतर घर हिंदुओं के हैं। मुसलमानों के घर गिने-चुने हैं जिन पर अब ताले लगे हैं।
बर्थ डे पार्टी में झगड़ा हुआ था; लेकिन किस बात पर, यह कोई नहीं बता पाता
दिल्ली पुलिस रिंकू की मौत को आपसी विवाद और पैसे के लेन-देन में हुई हत्या मान रही है, जबकि पीड़ित परिवार का कहना है कि उनका अभियुक्तों से किसी तरह का कोई व्यापारिक विवाद नहीं था। परिजन और आस-पड़ोस के लोग कहते हैं, 'रिंकू हिंदूवादी संगठन से जुड़ा था। जय श्री राम के नारे लगाता था। पिछले साल अगस्त में राम मंदिर के लिए नारेबाजी करने को लेकर अभियुक्तों से विवाद हुआ था।' हालांकि रिंकू के पिता अजय शर्मा कहते हैं, 'वो बात भी तब ही रफा-दफा हो गई थी। वो दिल में कुछ रखते हों तो पता नहीं।' कुछ लोग ये भी बताते हैं कि बर्थडे पार्टी में झगड़ा हुआ था, लेकिन कोई ये नहीं बताता कि किस बात पर झगड़ा हुआ था। जिन लोगों पर हत्या करने का आरोप है, उनका पक्ष रखने के लिए कोई उपल्ब्ध नहीं था।
दिल्ली पुलिस इस घटना में सांप्रदायिक एंगल से इनकार कर चुकी है। अब क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है। रिंकू की हत्या की वजह क्या है, ये जांच का विषय है, लेकिन मंगोलपुरी के इस इलाके के बहुसंख्यकों को लगता है कि रिंकू को हिंदू होने की वजह से मारा गया है। रिंकू शर्मा के घर पर हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा है। कुछ कार्यकर्ता उनके घर की चौखट पर माथा टेक रहे हैं तो कुछ तस्वीरें खिंचा रहे हैं। हिंदूवादी कार्यकर्ताओं का एक समूह कहता है, 'यदि इस हत्या का बदला नहीं लिया गया तो ऐसे हमले होते रहेंगे।'
इस सबके बीच यहां रहने वाले चुनिंदा मुसलमान परिवार जा चुके हैं। उनके घर देखने से लगता है कि ये सभी लोग जल्दबाजी में भागे हैं। बालकनी में अभी भी बच्चों के कपड़े टंगे हैं। नीचे अर्धसैनिक बलों के जवान इन घरों के सामने खड़े हैं।
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