मध्य प्रदेश के भोपाल में रहने वालीं प्रतिभा एक किसान हैं। 41 साल की प्रतिभा पिछले 7 सालों से ऑर्गेनिक खेती करने के साथ-साथ अन्य किसानों के प्रोडक्ट को प्लेटफॉर्म दे रही हैं। भारत जैसे पुरुष प्रधान देश में प्रतिभा के लिए एक महिला किसान होना किसी चुनौती से कम नहीं था। समाज से पहले उन्हें अपने घर में ही कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन, प्रतिभा ने न सिर्फ अपने सपने पूरे किए बल्कि 1200 से ज्यादा किसानों को अपने प्रोडक्ट लोगों तक पहुंचाने के लिए प्लेटफाॅर्म भी दिया। पढ़िए ‘भूमिशा ऑर्गेनिक’ की फाउंडर प्रतिभा तिवारी के खूबसूरत और ऑर्गेनिक सफर की कहानी।
प्रतिभा बताती हैं, ‘मैथेमेटिक्स से मास्टर्स करने के बाद मेरी शादी हो गई। पति और उनके पिता खेती करते थे। ससुराल में मैंने पहली बार खेती- किसानी का कल्चर देखा। इसी बीच हमारा पंजाब जाना हुआ। यहां मैंने पहली बार किसी बीमारी के नाम पर रखा गया ट्रेन का नाम सुना। कैंसर ट्रेन। रिसर्च की तो समझ आया कि ये सब हमारे खान- पान में मिले केमिकल की वजह से हो रहा है।’
विश्वास दिलाना था मुश्किल
लोगों के जीवन को खतरे में डलता देख प्रतिभा ने फैसला लिया कि वो जैविक खेती को अपनाएंगी, लेकिन उनके पति इसके लिए अभी तैयार नहीं थे। प्रतिभा बताती हैं कि मेरे पति सालों से खेती कर रहे हैं, लेकिन जब मैंने ऑर्गेनिक खेती करने की बात की, पहले तो वो तैयार नहीं हुए क्योंकि वो पारंपरिक तरीके से ही खेती करना चाहते थे। मैंने इसके बारे में रिसर्च करनी शुरू की। कुछ ही दिनों में मुझे समझ आ गया कि ऑर्गेनिक खेती करने के बाद किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है।
मैंने ऑर्गेनिक खेती करने के साथ एक मार्केटिंग प्लेटफॉर्म खड़ा करने का मन बनाया, लेकिन चीजें इतनी भी आसान नहीं थीं। मैंने इससे पहले कभी खेती नहीं की थी। सब कुछ नया था। ऐसे में किसान भी मुझ पर विश्वास करने को तैयार नहीं थे। वो मुझसे बोल दिया करते थे, ‘मैडम, पहले इस मेढ़ पर चल कर दिखाइए, फिर खेती करना।’ प्रतिभा बताती हैं, ‘मैंने उन्हें वो कर के दिखाया जो वो चाहते थे और वो भी, जो मैं चाहती थी।’
छोटे- छोटे किसानों को जोड़ खड़ा किया प्लेटफाॅर्म
चुनौतियों का सामना करने के बाद अब वक्त था कुछ कर दिखाने का। साल 2016 में प्रतिभा ने सात किसानों के साथ ‘भूमिशा ऑर्गेनिक्स’ की शुरुआत की। अपने इस प्लेटफाॅर्म के बारे में प्रतिभा बताती हैं, ‘ऑगेनिक खेती सुनते ही हर किसी को महंगे- महंगे प्रोडक्ट नजर आने लगते हैं। हम अपने प्लेटफाॅर्म के जरिए हर वर्ग के लोगों तक किफायती प्रोडक्ट पहुंचाना चाहते थे। इसलिए हमने छोटे- छोटे किसानों को जोड़ कर उन्हें बीज से लेकर ऑर्गेनिक खेती और मार्केटिंग में मदद की। हम उन्हें डिमांड के हिसाब से फसल उगाने की सलाह देते हैं जिससे उन्हें ज्यादा फायदा हो सके।’
प्रतिभा और उनकी टीम को फिलहाल दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, देहरादून जैसे शहरों से सबसे ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं।
तीन कैटेगरी में बिक रहे हैं 70 से ज्यादा प्रोडक्ट
इनमें दलहन, तेल, मसाले, जड़ी-बूटियां (हर्ब्स), काले गेहूं, अलसी, क्विनोआ जैसे 70 से ज्यादा रॉ प्रोडक्ट और कैंडी, अचार, मुरब्बा जैसे 23 प्रोसेस्ड प्रोडक्ट हैं। इन्हें तीन कैटेगरी में बांटा गया है ताकि कस्टमर अपनी जरूरत के हिसाब से प्रोडक्ट ले सकें।
50 लाख टर्नओवर, 15 महिलाओं को दिया रोजगार
बिना किसी तजुर्बे के साथ शुरू किया गया ‘भूमिशा ऑर्गेनिक्स’ आज मध्यप्रदेश के साथ राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों के 1200 से ज्यादा किसानों को जोड़ चुका है। साथ ही उनकी प्रोसेसिंग यूनिट में 15 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। प्रतिभा की इस ऑर्गेनिक शॉप का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपए से ज्यादा का है। वो देश के सभी राज्यों के किसानों से जुड़ना चाहती हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट पहुंचाना चाहती हैं।
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