करिअर फंडागौतमी पुत्र सातकर्णी के जीवन से 4 सबक:कोशिश से पहले तैयारी जरूरी, स्त्रियों का सम्मान करने वाला ही सम्राट

6 महीने पहले
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‘धर्म, कैसा धर्म, आपको जन्म देने वाली भी माता ही थी, यहां जो आप बोल रहे हैं वो शब्द भी माता ने ही सिखाए, नौ माह कोख में रख, अपना रक्त पिलाकर पाला है हमें, हम जिसके योग्य हैं, उसके योग्य माता नहीं है!’ – अपने राज्याभिषेक के अवसर पर अग्रपूजा में माता (विधवा महिला) को शामिल ना होने देने पर गौतमीपुत्र सातकर्णी (कृष द्वारा निर्देशित फिल्म 'गौतमीपुत्र सातकर्णी' से लिया गया संवाद)

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मौर्यों के बाद सातवाहन

A) बात उस समय की है जब भारत का पहला सबसे बड़ा साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य, अपने वैभव के दिनों को पार कर, विदेशी आक्रमणों और आंतरिक कलह से कमजोर हो चुका था।

B) यूनानी अलेक्जेंडर प्रथम के नेतृत्व में भारत की उत्तर पश्चिम सीमा पर दस्तक दे चुके थे। अलेक्जेंडर जब सिंधु नदी तट से वापिस लौटा तो उसने जीता हुआ सीमांत इलाका अपने सेनापति 'सेल्यूकस' को सौंप दिया।

C) कालांतर में यह और इनसे निकले और साम्राज्य शक (पश्चिमी क्षत्रप), पहलव (इंडो-पार्थियन) और यवन (इंडो-ग्रीक) कहलाए।

D) दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के अंत के बाद पहली शताब्दी ईसा पूर्व में मध्य भारत में जिसमें वर्तमान महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश राज्य शामिल है एक नए साम्राज्य ने जन्म लिया जिसे 'सातवाहन संम्राज्य' कहा गया।

गौतमी पुत्र सातकर्णी के जीवन से 4 बड़े सबक

1) युद्ध का उद्देश्य शांति स्थापित करना

A) इस साम्राज्य के पांचवे शासक गौतमी पुत्र सातकर्णी हुए। उस समय तक साम्राज्य शक (पश्चिमी क्षत्रप), पहलव (इंडो-पार्थियन) और यवन (इंडो-ग्रीक) भारत के उत्तरी पश्चिमी सीमा के कई क्षेत्रों पर कबजा कर चुके थे, जिनमें मुख्य रूप से वर्तमान पंजाब, राजस्थान और गुजरात क्षेत्र शामिल थे।

B) गौतमीपुत्र पहले राजा थे जिन्होंने इन विदेशी आक्रांताओं से भारत के भू-भाग को मुक्त करवाया।

C) उनका विचार था ‘युद्ध का उद्देश्य शांति स्थापित करना होता है। अर्थात ज्ञान, आध्यात्म और धर्म द्वारा प्रकाश को फैलाना और युद्ध के माध्यम से अन्धकार को मिटाना एक ही बात है।’

2) प्रयास के पहले सम्पूर्ण तैयारी

A) उन्होंने अपने विरोधी नहपान के क्षहारत वंश को नष्ट कर दिया था। 800 से अधिक नहपान चांदी के सिक्के (नासिक के पास पाए गए) सातवाहन राजा द्वारा फिर से बनाए जाने के निशान हैं।

B) नहपान एक शक्तिशाली पश्चिमी क्षत्रप राजा था। लेकिन इसके लिए पहले गौतमीपुत्र ने अनेक वर्षों तक सबसे पहले अपनी सेना का विस्तार किया और उसे एक दुर्जेय युद्धक बल बनाया।

C) उसके बाद उन्होंने विदेशी शक शासकों के खिलाफ अभियानों का नेतृत्व किया, उन्हें महाराष्ट्र से बाहर कर दिया।

D) उस क्षेत्र को मुक्त करने के बाद, उसने यवनों और पल्हावों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उनके पश्चिमी क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की।

सातवाहन ऐसे पहले भारतीय शासक थे जिन्होंने अपने राजाओं के चित्रों के साथ खुद के सिक्के जारी किए। इसकी शुरुआत राजा गौतमीपुत्र सातकर्णी से हुई थी।
सातवाहन ऐसे पहले भारतीय शासक थे जिन्होंने अपने राजाओं के चित्रों के साथ खुद के सिक्के जारी किए। इसकी शुरुआत राजा गौतमीपुत्र सातकर्णी से हुई थी।

3) माता और स्त्रियों का सम्मान करने वाला सम्राट

A) सातवाहन वंश के इस सम्राट को सबसे अधिक अपनी माता और स्त्रियों का सम्मान करने के लिए जाना जाता है।

B) उन्होंने अपना सभी कुछ अपनी माता गौतमी को समर्पित किया था।

C) उन्होंने अपनी माता के नाम को धारण कर गौतमीपुत्र के नाम से पहचाना जाना पसंद किया। उनका पुत्र वशिष्ठीपुत्र पुलमावी कहलाया।

D) प्राचीन भारत में जहां स्त्रियों विशेष कर (विधवा स्त्रियों) की दशा दयनीय थी, यह उदाहरण अपने समय से कहीं आगे की सोच को बताता है।

4) भारत को राष्ट्रीय कैलेंडर की देन

A) क्या आप जानते हैं भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर क्या है?

B) आप लोगो ने कैलेंडर्स पर पढ़ा ही होगा? जी हां यह, शक सम्वत (शकांत सम्वंत भी) है।

C) क्या आप जानते है कब, क्यों और किसने शुरू किया था? वर्तमान वर्ष (2022 ईस्वी), शक वर्ष 1944 है। यह कैलेंडर 'गौतमीपुत्र सातकर्णी' की विदेशी ताकतों पर विजय प्राप्त करने की याद में 78 ईस्वी से शुरू होता है।

D) उनके शिलालेखों में, गौतमीपुत्र को ‘पश्चिमी विंध्य के भगवान’ के रूप में भी जाना जाता था। लंबे शासन के बाद इस राजा की मृत्यु 130 ई में हुई थी।

अपनी मृत्यु के समय तक उन्होंने सम्पूर्ण मध्य भारत में एक लम्बे शांतिपूर्ण शासन का एक मजबूत आधार रख दिया था। उम्मीद है उनके जीवन काल से मिलें कुछ सबक आपके काम आएंगे।

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