करिअर फंडाये 7 गलतियां तोड़ सकती हैं UPSC का सपना:ज्यादा नहीं, सही पढ़िए...टाइम मैनेजमेंट में छुपा है सफलता का राज

9 महीने पहले
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कुछ यूं ही चलता रहता है, इम्तिहानों का दौर जिन्दगी में और,
हर इम्तिहान एक नया सबक दे जाता है
हर पल तैयार रहना हर इम्तिहान के लिए,
जरूरी है ये बनाने को अपनी पहचान के लिए
– अज्ञात

करिअर फंडा में स्वागत।

आपने पूरे जोश से सिविल परीक्षा (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन यदि ये 7 गलतियां आप कर रहे हैं, तो स्ट्रेटेजी गलत जा रही है। इनसे छुटकारा पाइए, और अपने स्टडी टाइम का बेस्ट यूज करिए।

7 गलतियां जो गलती से भी न करें

गलती नंबर 1: अखबारों में ही खो जाना: सभी स्टूडेंट्स न्यूजपेपर डेली बराबर पढ़ते ही हैं, और कुछ तो दो या तीन भी पढ़ते हैं, लेकिन यदि आपने टाइम की बजटिंग नहीं की, तो ये बहुत ‘एडिक्टिव’ होता चला जाता है। करंट अफेयर्स की तैयारी और एडिटोरियल पढ़ कर कॉन्सेप्ट्स स्ट्रॉन्ग करना तो ठीक है, लेकिन दो घंटों से ज्यादा डेली इस पर स्पेंड करना बड़ी गलती है। सबक: मैक्सिमम 2 पेपर्स, मैक्सिमम 2 आर्स

गलती नंबर 2: दूसरों के अनुभव से बहुत ज्यादा खुश होना या डरना: हर एक केस अलग होता है, इसलिए दूसरों का उदाहरण देख कर ये ना सोचें कि आप के साथ भी ऐसा ही होगा। अपने गोल के लिए कॉन्सेंट्रेटेड रहें और मेहनत करें। यूट्यूब पर अनेकों टॉपर आपको ऐसी बातें बता सकते हैं जो आपके लिए अप्लाई ही नहीं होतीं। सबक: I am I, I am different

गलती नंबर 3: प्रिसाइस और अपटुडेट नोट्स ना बनाना: शॉर्ट-नोट्स तैयार करना जरूरी है। स्टडी करते समय इन शॉर्ट-नोट्स को तैयार करना होगा। ये कम समय में पूरे सिलेबस को रिवाइज करने में बहुत मदद करते हैं। परीक्षा से कुछ घंटे पहले मोटी-मोटी पुस्तकों को फिर से नहीं पढ़ा जा सकता है। कई UPSC टॉपर्स भी ये मानते है कि परीक्षा से एक दिन पहले छोटे नोट्स के माध्यम से अध्ययन करना एक प्रभावी रणनीति है। सबक: ये PhD का एग्जाम नहीं है

गलती नंबर 4: आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस पहले दिन से ना करना: पहले दिन से आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करें। UPSC मेन्स एग्जाम में सभी प्रश्नों के उत्तर डीटेल में लिख कर देने होते हैं। इसके लिए आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस पहले दिन से करें। कई स्टूडेंट सोचते है कि पहले कोर्स कम्पलीट कर नॉलेज बढ़ा लेते हैं, यदि नॉलेज होगा तो आंसर तो लिख ही पाएंगे, लेकिन ये पूरा सच नहीं है। आंसर राइटिंग में नॉलेज एक पहलू है इसके अलावा आंसर का प्रेजेंटेशन, भाषा, ग्रामर इत्यादि भी मायने रखता है। सबक: स्किल्स टेक टाइम टु बिल्ड

गलती नंबर 5: बहुत सारे रिसोर्सेज में खो जाना: कई स्टूडेंट्स जोश में भरे होते हैं और वे एक विषय के लिए कई किताबें/नोट्स ले लेते हैं, या फिर एक से अधिक जगह कोचिंग (ऑनलाइन या ऑफलाइन) जॉइन कर लेते हैं, लेकिन आपका गोल केवल ज्यादा से ज्यादा बुक्स पढ़ना नहीं है, बल्कि उसमें दिए गए ज्ञान को फुली ग्रैब करना और याद रखना है। सही तरीका यह है कि किसी एक विषय के लिए सभी विषयों को कवर करने वाली पुस्तकों के एक विशिष्ट सेट का चयन किया जाए और किसी एक अच्छे इंस्टिट्यूट/ट्रेनर पर भरोसा किया जाए। सबक: ट्रस्ट वन, ट्रस्ट फुली

गलती नंबर 6: पिछले साल के पेपर्स इग्नोर करना: कई स्टूडेंट्स ये सोच रखते हैं कि UPSC द्वारा एक बार पूछे गए प्रश्न फिर तो नहीं ही पूछे जाएंगे, इसलिए वे पिछले सालों के पेपर्स को स्टडी करना इग्नोर करते हैं। बेशक प्रश्न फिर से नहीं पूछे जाएंगे, लेकिन इनको स्टडी करने से आप परीक्षा पत्र के रुझान, पैटर्न और विचार से परिचित होते हैं। एक बढ़िया रिसोर्स ये है – https://bit.ly/solvedpapers - कई वर्षों के फुली सॉल्व्ड पेपर मिलेंगे। सबक: यूज द पास्ट फॉर द फ्यूचर

गलती नंबर 7: बहुत ज्यादा सोचते रहना: कैंडिडेट्स यदि आप दस मिनट पढ़ कर पांच मिनट सोचते रहते हैं, तो ये एग्जाम आपके लिए नहीं! सोचिए कम, करिए ज्यादा। सोचने से आपकी स्पीड बहुत काम हो जाएगी, और कभी भी एजेंडा टाइम पर पूरा नहीं हो सकेगा। सबक: टू मच एनालिसिस इस पैरालिसिस

इन सात गलतियों से यदि आप बचें, तो आप अपने टाइम का 100 % यूज कर सकेंगे, और अपने पोटेंशियल का बेस्ट आउटपुट दे पाएंगे।

तो आज का करिअर फंडा यह है कि सिविल्स प्रेप में 'क्या करने' से ज़्यादा इम्पॉर्टेन्ट है ये समझना कि 'क्या नहीं करना' है।

कर के दिखाएंगे!

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