हाई कोर्ट की फटकार के बाद याचिकाकर्ता ने कहा- कोर्ट के फैसले में दर्ज है कि इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए, पर कहां? जाहिर सी बात है कि यह बहस चौराहों या चाय की टपरी पर तो होगी नहीं। अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, हम बहस के लिए कहां जाएं?
मोहब्बत की निशानी ताजमहल के वजूद पर सवाल खड़े करने वाले अयोध्या के BJP नेता डॉ. रजनीश सिंह ने दैनिक भास्कर से इस मुद्दे पर लंबी बात की।
उन्होंने कहा, 'हमारी लीगल टीम ने याचिका खारिज होने के बाद अदालत के 6 पेज के फैसले पर गहराई से चर्चा की। याचिका में कुछ नए आधार जोड़ने और कुछ पुराने आधार हटाने की तैयारी है। हफ्ते भर के अंदर हम सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर करेंगे। हाईकोर्ट के फैसले से हम हताश हैं पर हारे नहीं है।'
डॉ. रजनीश ने कहा, 'चाहे कितनी ही लंबी लड़ाई हो, हम लड़ेंगे। बंद 22 दरवाजों के पीछे के सच को सामने लाकर रहेंगे। ये मेरा संकल्प है।’
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 12 मई को ताजमहल के 22 बंद दरवाजे खोलने की याचिका को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।
मुद्दे पर बहस हो, पर कहां? यह नहीं बताया
याचिकाकर्ता ने बताया, 'कोर्ट के 6 पन्नों के फैसले में यह साफ लिखा है कि यह एक अकादमिक विषय है। इस पर बहस होनी चाहिए, लेकिन यह नहीं बताया कि यह बहस किस प्लेटफॉर्म पर हो। इस बहस के लिए ही तो मैंने एक टीम गठित करने की मांग की थी।'
वे कहते हैं, ‘इस फैसले से एक बात तो तय है कि कोर्ट भी इस मुद्दे को बहस के काबिल समझता है। अब हमें यह पूछना है कि यह बहस कहां हो, जाहिर है, चौराहों और चाय की दुकानें तो बहस का प्लेटफॉर्म होंगे नहीं। कोई संस्था, कमेटी ही इस पर बहस कराएगी।’
एक ने कहा शिव मंदिर, तो दूसरे बोले- ताज हमारे पुरखों का!
जयपुर राजघराने की राजकुमारी और BJP सांसद दीया कुमारी ने पिटिशन को जायज ठहराते हुए कहा था- ‘अगर कोर्ट आदेश देगा तो ताज जिस जमीन पर खड़ा है हम उसके मालिकाना हक के कागज भी याचिकाकर्ता को देंगे।’
याचिकाकर्ता BJP नेता डॉ. रजनीश ने दीया कुमारी से संपर्क साधा है। उन्होंने बताया कि हमने BJP सांसद से मिलने का वक्त मांगा है। अगर वह हमारी मदद करेंगी तो उन सभी सुबूतों को भी याचिका में लगाएंगे जो उनके पास हैं।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद दीया कुमारी भी बैकफुट पर!
BJP सांसद ने पिटिशन दाखिल होने पर मीडिया के सामने आकर दावा किया था कि यह ताज उनके पूर्वजों की जमीन पर बना है। इस दावे के डाक्यूमेंट्स भी उनके पास हैं। अगर कोर्ट कहेगा तो वो उन डाक्यूमेंट्स को याचिकाकर्ता को सौंपेंगी, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद दीया कुमारी ने मीडिया के सामने कोई भी बयान देने से मना कर दिया।
हमने जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो उनके PA ने कहा, 'दीया कुमारी जी अपनी बात कह चुकी हैं। उन्होंने कहा था वे कोर्ट के आदेश पर डॉक्यूमेंट्स सौंपेंगी, लेकिन याचिका खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्स सौंपने का आदेश नहीं दिया।'
तो क्या वे अपने दावे से पीछे हट रही हैं? इस पर PA ने कहा, ‘नहीं। वे कोर्ट के आदेश के बाद ही बेशकीमती कागजात किसी को सौंपेंगी।’
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