टूथपेस्ट में नमक होना सबकुछ नहीं:ब्रश ठीक से नहीं किया तो हार्टअटैक का खतरा

8 महीने पहले
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शेर कभी ब्रश करता है क्या? ये कहकर अक्सर लोग बिना ब्रश किए सुबह-सुबह खा-पी लेते हैं। 3-4 साल के बच्चों को भी पेरेंट्स ट्रैवल के दौरान बिना ब्रश खिला देते हैं।

हॉस्टल में रहने वाले देर से उठते हैं और लेट हो रहा हूं, यह सोचकर बिना ब्रश किए क्लासरूम पहुंच जाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि जो लोग दोनों समय ब्रश करते हैं, उन्हें भी मसूड़ों में सूजन और मुंह से बदबू की परेशानी आती है।

इसकी वजह है दांतों का सही तरीके से साफ नहीं करना। आपको पता है कि अगर ठीक से दांतों को साफ नहीं करेंगे, तो बैक्टीरिया की वजह से हार्ट अटैक भी हो सकता है।

तो आज हम जरूरत की खबर में जानेंगे कि दांतों से बदबू और खून का क्या कारण है? ब्रश करने का सही तरीका आखिर है क्या? बैड ओरल हेल्थ का हार्ट से क्या कनेक्शन है?

सबसे पहले शुरुआत एक ग्राफिक्स से करते हैं

ब्रश करते वक्त ये 5 गलतियां न करें आप

  • एक ही ब्रश को छह महीने से एक साल तक यूज करना– दरअसल, एक ब्रश को सिर्फ 200 बार यूज करना चाहिए। लंबे समय तक एक ही ब्रश को यूज करने से इसके ब्रिस्टल खराब हो जाते हैं। इससे दांत सही तरह से साफ नहीं हो पाते। मुंह में बैक्टीरिया पनप सकता है।
  • जल्दबाजी में ब्रश करना- लोग अक्सर जल्दी-जल्दी में ब्रश कर कुल्ला कर देते हैं। यह भी गलत आदत है। हमें 45 सेकंड से 2 मिनट तक ब्रश करना चाहिए।
  • टूथब्रश बाथरूम में रखना- ज्यादातर लोग बाथरूम में ब्रश रखते हैं। इससे बैक्टीरियल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। टॉयलेट की सफाई करने के बावजूद भी इसमें कीटाणु होते ही हैं। ऐसे में वहां रखी ब्रश से दांतों की सफाई करने से दांतों में इंफेक्शन हो सकता है।
  • जीभ साफ नहीं करना– बहुत सारे लोग दांतों की सफाई तो करते हैं, लेकिन जीभ की सफाई नहीं करते हैं। जीभ की सफाई से बैक्टीरियल प्रॉब्लम दूर होती है। अगर अलग से टंग क्लीनर नहीं हैं, तो आप ब्रश में लगे टंग क्लीनर से भी सफाई कर सकते हैं।
  • डेंटल फ्लॉस यूज करना - डेंटल फ्लॉस यूज करने से आपके दांत कमजोर और खराब हो सकते हैं। हालांकि, इसका इस्तेमाल अपने यहां बहुत कम लोग ही करते हैं। डेंटल फ्लॉसिंग की रोजाना आदत डालें। यह दांतों के बीच मौजूद गंदगी को साफ करती है। रोजाना एक बार इसे यूज करना चाहिए।
  • पान, गुटका और सिगरेट - जो लोग पान, गुटका और सिगरेट पीते हैं, उन्हें भी दांतों की सफाई पर ध्यान देना चाहिए। वैसे तो यह सारी चीजें सेहत के लिए नुकसानेदह है। सिगरेट से मसूड़ों की बीमारी होती है। यह इम्यून सिस्टम को भी कमजोर करता है।

बच्चों में किस उम्र से ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए?

  • डेढ़ साल की उम्र से ही बच्चों में ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए।
  • दांत निकलने के पहले से ही सॉफ्ट ब्रश की मदद से बच्चों के मसूड़ों की सफाई करें। इससे वो पहले से ही ब्रशिंग के लिए मानसिक रूप से तैयार रहेंगे।
  • रोजाना दांतों की सफाई क्यों जरूरी है, यह बच्चों को बताएं।
  • बच्चे के साथ पेरेंट्स को ब्रश करना चाहिए इससे वो आपको फॉलो करेंगे।
  • बच्चे को अगर दांतों से रिलेटेड कोई प्रॉब्लम हैं, तो लापरवाही न करें, डेंटिस्ट से मिलें।

अब इन 5 सवालों के जरिेए जानते हैं दातों से खून और मुंह से बदबू आने की समस्याओं के बारे में-

सवाल– दांतों से बदबू और खून आने का क्या कारण है?

जवाब- दांतों से बदूब और खून आने के कई कारण हो सकते हैं। मुंह का सूखापन, मसूड़ों की बीमारी और साइनस के कारण भी मुंह में बदबू की समस्या हो सकती है। इसका मुख्य कारण बैक्टीरिया होते हैं, जो दांतों के बीच पैदा होते हैं।

सवाल- मुंह से बदबू आने पर क्या करें?

जवाब- ऐसे में आपको बिना देर किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय भी हैं, जिन्हें आजमा सकते हैं।

  • सरसों के तेल में एक चुटकी नमक मिलाकर मसूड़ों की मालिश करें।
  • तुलसी की पत्तियां खाने से मुंह की बदबू दूर होती है।
  • लौंग मुंह में रखकर चूसने से बदबू तो कम होती ही है, दांत दर्द में भी आराम मिलता है।
  • पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल भी मुंह की बदबू को दूर करने में मदद करता है।
  • सौंफ माउथ फ्रेशनर का काम करती है, इसे मुंह में रखकर चबाना चाहिए। इससे मुंह से आने वाली बदबू को कम किया जा सकता है।
  • अमरूद की पत्तियां चबाने से मुंह की बदबू जल्दी दूर होती है।
  • पिपरमिंट, मुलेठी, हरी इलायची चबाने से भी मुंह की बदबू दूर हो जाती है।

सवाल - मुंह की बदबू को दूर करने का इलाज क्या है?

जवाब - मुंह की बदबू और खून आने से बचने के लिए ओरल हाइजीन को अपने जीवन का जरूरी हिस्सा बना लें। कैविटीज और मसूड़ों की बीमारियों से बचें। अगर ओरल हाइजीन रखने के बाद भी आपको ये होता है, तो डॉक्टर की सलाह लें।

सवाल - किन चीजों से लोगों को परहेज करना चाहिए?

जवाब - कॉफी और अल्कोहल जैसी चीजों से परहेज करें। इनसे आपके मुंह में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ती है। साथ ही, नॉनवेज, ऑरेंज जूस और सोडा भी आपकी ओरल हाइजीन को नुकसान पहुंचा सकता है। कोई भी ऐसा खाना जो आपके दांतों और मसूड़ों में फंसा रह जाए या चिपका रह जाए, बैक्टीरिया पैदा करने में मददगार होता है। ऐसा खाना खाने से बचना चाहिए।

सवाल - क्या बैड ओरल हेल्थ हार्ट अटैक की वजह बन सकता है? हां तो कैसे?

जवाब - खराब ओरल हेल्थ से खून में बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यह हमारे हार्ट को नुकसान पहुंचाता है। अगर आपके मुंह में सूजन है, तो यह खून में सूजन बढ़ाने वाले मार्कर्स को बढ़ाती है। यह हार्ट के पास की ब्लड वेसेल्स को दबाता है, जिससे खून जमने लगता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। खासकर, अगर शरीर में आर्टिफीशियल हार्ट लगा हुआ है, तो ओरल हाइजीन आपके लिए और ज्यादा जरूरी हो जाता है।

अब एक आंकड़े को पढ़िए...

85-90% भारतीय वयस्कों को है दांतों से जुड़ी समस्याएं

भारत में 85 से 90% वयस्क लोगों को दांतों की कोई न कोई बीमारी है। बच्चों की बात करें, तो 60 से 80% बच्चों में भी दांतों की बीमारी पाई जाती है। लगभग 30% बच्चों के दांत और मसूड़े टेढ़े-मेढ़े होते हैं।

वहीं, ध्यान देने वाली बात यह भी है कि यहां लोग दांतों की बीमारी को बहुत गंभीर नहीं समझते हैं। 50 फीसदी से भी ज्यादा लोग डेंटिस्ट के बदले, घरेलू उपायों और कैमिस्ट की दवा पर भरोसा करते हैं। केवल 28% भारतीय ही दोनों समय ब्रश करते हैं।

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