पिछले साल से अब तक इंडोनेशिया का बाली द्वीप रूसी और यूक्रेनी नागरिकों के लिए युद्ध की विभीषिका से बचने का एक ठिकाना बना हुआ है।
रूसी बमबारी से बचने के लिए हजारों यूक्रेनी और सेना में जबरदस्ती भर्ती किए जाने से बचने के लिए कई रूसी यहां आए हैं। दरअसल, इंडोनेशिया ने दोनों ही देशों के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा दे रखी है।
मगर टूरिस्ट्स की भीड़ का आदी बाली भी अब इन विदेशी मेहमानों की उद्दंडता से परेशान हो गया है।
कुछ ही दिन पहले एक रूसी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर यहां पवित्र माने जाने वाले 700 साल पुराने पेड़ पर चढ़ गया…और वो भी बिना कपड़ों के।
एक ग्राफिटी आर्टिस्ट ने एक प्राइवेट प्रॉपर्टी पर एक एंटी-वॉर कलाकृति पेंट कर दी। आधे कपड़ों में सड़कों पर घूमते रूसी नागरिकों का नजारा अब यहां आम हो गया है।
पिछले कुछ दिनों में टू-व्हीलर्स के बढ़ते एक्सीडेंट्स के लिए भी स्थानीय लोग रूसी और यूक्रेनी पर्यटकों को जिम्मेदार मानते हैं।
शॉर्ट-टर्म टूरिस्ट वीजा पर यहां आए कई रूसी और यूक्रेनी नागरिकों ने नौकरियों के लिए भी अप्लाई करना शुरू कर दिया है।
स्थानीय लोगों की शिकायतों से परेशान बाली के गवर्नर वायान कोस्टर ने कहा है कि उन्होंने इंडोनेशियाई सरकार से रूस और यूक्रेन को दी गई वीजा ऑन अराइवल की सुविधा खत्म करने को कहा है।
बाली द्वीप के लिए टूरिस्ट्स की भीड़ कोई नई बात नहीं है। पहले भी टूरिस्ट्स की उद्दंडता के मामले हुए हैं, लेकिन पहले ऐसी घटनाएं गिनती की ही होती थीं।
अब पिछले एक साल में इस तरह की घटनाओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है। 33 साल के टूर गाइड आई वायान पार्दिका कहते हैं, ‘ऐसा लगता है जैसे वो अपनी ही अलग दुनिया में रहते हैं। उन्हें बाकी लोगों से कोई फर्क ही नहीं पड़ता। उनके लिए सड़कों पर अधनंगे घूमना सामान्य बात है। जबकि वो देख सकते हैं कि उनके अगल-बगल कोई दूसरा ऐसा नहीं कर रहा।’
बाली के लोग पहले रूस और यूक्रेन दोनों के ही नागरिकों से सहानुभूति रखते थे। प्रतिबंधों की वजह से रूसी नागरिक अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में कई स्थानीय लोगों ने रेंटल कार या मकान किराये में छूट और उधार भी दिया।
कोरोनाकाल में करीब दो साल तक ठप पड़े यहां के टूरिज्म कारोबार को भी तब कमाई की जरूरत थी। मगर जल्द ही हालात बदल गए। स्थानीय कारोबारियों को पता चला कि कई रूसी नागरिकों ने यहां सर्फिंग इंस्ट्रक्टर और टूर गाइड जैसी नौकरियां शुरू कर दी थीं।
कुछ लोगों ने अपना कार और होम रेंटल का बिजनेस शुरू कर दिया। टूरिस्ट वीजा पर आए मेहमानों का ऐसा करना इंडोनेशियाई कानून का उल्लंघन है जो स्थानीय लोगों की कमाई सुनिश्चित करता है।
बाली के एक लग्जरी शू ब्रांड की संस्थापक नीलूह जेलान्तिक कहती हैं, ‘हमने अपने घरों और दिल के दरवाजे उनके लिए खोल दिए थे। लेकिन हमारी उदारता का गलत फायदा उठाया गया है।’
कई स्थानीय लोग मानते हैं कि लोकल अधिकारी रूसियों की बड़ी संख्या से निपटने का उपाय ही नहीं समझ पा रहे हैं। पिछले 58 हजार रूसी और 7 हजार यूक्रेनी नागरिक बाली आए थे। इस साल जनवरी में ही 22,500 रूसी नागरिक बाली आ चुके थे।
इंडोनेशिया ने 85 देशों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा दे रखी है। इसमें रूस और यूक्रेन को मई, 2022 में ही शामिल किया गया था।
इस वीजा के तहत मेहमानों को 30 दिन तक देश में रहने की अनुमति मिलती है। ये अवधि खत्म होने के बाद अगर वो अप्लाई करते हैं तो 30 दिन और रहने की अनुमति मिल जाती है।
इंडोनेशिया के टूरिज्म मिनिस्टर सांडियागा उनो हाल ही में कह चुके हैं कि बाली के गवर्नर के अनुरोध के बावजूद रूस और यूक्रेन के लिए वीजा ऑन अराइवर की सुविधा खत्म नहीं की जाएगी।
उनका कहना है कि युद्ध से जूझ रहे इन लोगों के टूरिस्ट वीजा की सुविधा को खत्म नहीं किया जा सकता। उद्दंडता और कानून उल्लंघन की घटनाएं इतनी ज्यादा नहीं हैं कि उन पर कोई कदम उठाया जाए।
लेकिन बाली में प्रशासन का रवैया कुछ अलग है। हाल ही में बाली के प्रशासन ने बढ़ते टू-व्हीलर एक्सीडेंट्स के लिए सीधे तौर पर रूसी और यूक्रेनी टूरिस्ट्स को जिम्मेदार पाया था।
इस पर कदम उठाते हुए बाली के गवर्नर ने पिछले हफ्ते एक आदेश जारी किया। इसके तहत सभी विदेशी नागरिकों के टू-व्हीलर चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि, सांडियागा उना मानते हैं कि ये आदेश पलटा जाना चाहिए।
रूसी डिजिटल आर्टिस्ट ग्रिशांति होलोन कहते हैं कि यहां आए ज्यादातर रूसी नागरिक छोटे-छोटे इलाकों से आए हैं। उन्हें रूस के बाहर की दुनिया का कोई अनुभव नहीं है। होलोन ने एक ग्रुप शुरू किया है, जिसमें वो रूसी युवाओं को बाली के तौर-तरीके सिखाते हैं। साथ ही उन्हें ऐसा बिजनेस शुरू करने की सलाह देते हैं जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा हों।
होलोन मानते हैं कि अभी कई लोग ऐसे हैं जो यहां आने के बाद सोचते हैं कि वो कुछ भी कर सकते हैं।
बाली की टूरिज्म एजेंसी ने अब अंग्रेजी, रूसी और फ्रेंच में साइनबोर्ड लगाना शुरू किया है। इन साइनबोर्ड्स पर विदेशियों से बेहतर व्यवहार करने की अपील की गई है।
कुछ बोर्ड्स सलाह देते हैं कि सोशल मीडिया पर भद्दी तस्वीरें न पोस्ट करें। कुछ बोर्ड्स बताते हैं कि बिकिनी जैसे बीचवियर सही जगह ही पहनें। साथ ही ये हिदायत भी होती है कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर बड़ा जुर्माना लगेगा और देश से निकाला भी जा सकता है।
इन घटनाओं के बीच एक और बहस भी शुरू हो गई है।
इंडोनेशिया में यूक्रेन के राजदूत वासील हामियानिन ने इस बात पर सख्त आपत्ति जताई है कि बाली के गवर्नर ने रूसी और यूक्रेनी नागरिकों को एक ही जमात में गिन लिया है।
उन्होंने गवर्नर से मिलकर उन्हें इंडोनेशियाई सरकार का डेटा दिखाया जिसके मुताबिक पिछले हफ्ते बाली में रूसी नागरिकों ने 56 एक्सीडेंट किए थे। ये संख्या यूक्रेनी नागरिकों के 5 एक्सीडेंट्स से कहीं ज्यादा है।
हामियानिन कहते हैं कि बाली में अभी रह रहे 5 हजार यूक्रेनी स्थानीय अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देते हैं और टैक्स भी भरते हैं। युद्ध की वजह से यहां रहना उनकी मजबूरी है, लेकिन लगभग सभी अपने देश लौटना चाहते हैं। वो कहते हैं कि युद्ध से बचने के लिए अगर कोई आपके देश में कुछ दिन रहना चाहता है तो उसकी मदद करना ही मानवता है।
वैसे भी बाली में हो रही घटनाओं का फोकस मुख्यत: रूसी मेहमानों पर ही है। लग्जरी शू ब्रांड की संस्थापक नीलूह के इंस्टाग्राम पर 5.64 लाख फॉलोअर्स हैं। उनका अकाउंट अभी बाली में रूसियों की बदतमीजियों का रिकॉर्ड बन गया है।
हाल ही में उन्होंने दो वीडियो पोस्ट किए थे। एक वीडियो में एक रूसी युवक यहां के पवित्र पर्वत पर कपड़े उतार रहा था तो दूसरे वीडियो में एक कथित रूसी युवक स्थानीय सिक्योरिटी गार्ड से भिड़ गया था।
पवित्र पर्वत पर कपड़े उतारने वाले रूसी युवक यूरी चिलिकिन ने पिछले गुरुवार को नीलूह से मिलकर माफी मांगी थी। नीलूह के कहने पर मास्को के रहने वाले यूरी ने पवित्र पर्वत पर एक अनुष्ठान करने पर भी रजामंदी दे दी।
नीलूह ने यूरी को आश्वासन दिया है कि अगर वो नियम मानकर रहता है तो वह स्थानीय अधिकारियों से कहेगी कि उसे देश से न निकाला जाए।
मास्को से पिछले साल सितंबर में बाली आईं 33 साल की इंजीनियर एलेना पोज्नियाकोवा कहती हैं कि रूसी नागरिकों की इन बदतमीजियों से उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है। एलेना यहां अपने पति और 3 साल की बेटी के साथ रहती हैं।
उनके पति सेर्गेई भी मानते हैं कि बाली के स्थानीय लोगों का गुस्सा जायज है। उन्होंने खुद भी कई बार रूसी नागरिकों का अभद्र व्यवहार देखा है। हालांकि वो कहते हैं कि स्थानीय लोगों के गुस्से के बावजूद उन्होंने कभी उनकी मेहमाननवाजी में कोई अंतर नहीं पाया है।
इंडोनेशियाई कानून और मानवाधिकार मंत्रालय में इमिग्रेशन के डायरेक्टर जनरल सिल्मी करीम कहते हैं कि बाली के गवर्नर के वीजा ऑन अराइवल खत्म करने से जुड़े अनुरोध पर अभी विचार किया जा रहा है।
ये देखा जा रहा है कि रूसी पर्यटकों की बड़ी आबादी वाले दूसरे देशों में क्या स्थिति है। थाइलैंड के फुकेट द्वीप पर ही 3.5 लाख रूसी नागरिक हैं। करीम कहते हैं कि रूसी नागरिक भी अनुशासित रह सकते हैं। ये हमारे ऊपर है कि हम उन्हें कैसे हैंडल करते हैं।
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