आज पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता रहे सिद्धू मूसेवाला की पहली बरसी है। उधर, 18 मार्च की दोपहर में 'भिंडरांवाले 2.0' के नाम से मशहूर अमृतपाल सिंह पर पुलिस की कार्रवाई के बाद से पंजाब में तनाव की स्थिति बनी हुई है। सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने आरोप लगाया है कि लोग बरसी के कार्यक्रम में न पहुंचे, इसलिए पंजाब सरकार ने जानबूझकर इसी दिन ये कार्रवाई की है।
बरसी का कार्यक्रम मानसा की अनाज मंडी में हुआ। इसमें 5911 ट्रैक्टर पर सिद्धू मूसेवाला का स्टैच्यू रखा गया। कार्यक्रम से एक दिन पहले बलकौर सिंह ने दावा किया था कि इस कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा लोग आने वाले हैं। हालांकि, इतने लोग नहीं आए, ये संख्या करीब 10 हजार ही रही। पंजाब में बने माहौल पर बलकौर सिंह चुनौती देते हुए कहा था कि वे किसी से डरने वाले नहीं हैं। कुछ भी हो जाए ये कार्यक्रम रद्द नहीं होगा।
सिद्धू मूसेवाला की बरसी से एक दिन दैनिक भास्कर ने बलकौर सिंह से बात की थी, पढ़िए ये खास बातचीत:
सवाल: ये कितना बड़ा इवेंट है? क्या क्रैकडाउन के बाद भी करेंगे?
बलकौर सिंह: हम तो हर हाल में करेंगे। न करने का सवाल ही नहीं।
सवाल: पंजाब में जो हो रहा है, उस पर आप क्या सोचते हैं?
बलकौर सिंह: बुरा हाल है। बहुत बुरा हाल है। समझ नहीं आ रहा हो क्या रहा है। आज का दिन ही इसके लिए क्यों चुना गया। नेट बंद हैं, फोन नहीं चल रहे। कहीं कुछ दिखाया नहीं जा रहा।
सवाल: आपको क्या लगता है? आज का दिन ही क्यों चुना गया?
बलकौर सिंह: सिद्धू मूसेवाला की बरसी पर बहुत बड़ा कार्यक्रम होना था, लोग इकट्ठे होने थे। लाखों लोग आने वाले थे, उसके चाहने वाले आ रहे थे। ये नहीं होने देना था।
सवाल: कितने लोग आने वाले थे?
बलकौर सिंह: हमने एक लाख लोगों की रोटी-पानी का इंतजाम किया था। इससे ज्यादा ही लोग आने वाले थे।
सवाल: क्या अब लोग आ पाएंगे?
बलकौर सिंह: लोग तो आएंगे। अगर रात में कर्फ्यू लगा दें, तो बात अलग है। गाड़ी नहीं आने देंगे तो लोग पैदल ही आ जाएंगे। सिद्धू मूसेवाला के लिए तो पूरा मानसा जिला ही आ जाएगा, वो ही काफी हैं।
सवाल: अमृतपाल पर पुलिस की कार्रवाई को कैसे देखते हैं?
बलकौर सिंह: मैं इसे कैसे देखता हूं, इसका कोई मतलब नहीं। सरकार ही बता सकती है, उन्हें क्यों पकड़ा जा रहा है। मुझे उनके बारे में कोई नॉलेज नहीं है। उन्होंने क्या किया, क्या नहीं, मैं बिना जाने इस पर कुछ नहीं कह सकता। ऐसे किसी पर इल्जाम लगाना गलत है।
सवाल: आपने सोशल मीडिया पर लोगों को आने के लिए एक मैसेज भी डाला है?
बलकौर सिंह: हां, डेफिनेटली जब रास्ता रोका जाएगा, कर्फ्यू जैसा कुछ होगा, तो लोगों को आने में परेशानी होगी। इसलिए लोगों से कहा कि टाइम से घर से निकलें या फिर आने के लिए रूट चेंज कर लें। लोग अपना इंतजाम कर लेंगे।
सवाल: काफी भीड़ आने की संभावना है, क्या कुछ डर भी है। हालात भी बिगड़ सकते हैं?
बलकौर सिंह: डरकर तो हम कभी जीए नहीं हैं। जो होता है परिवार पर छोड़ देते हैं। डरने वालों में हम नहीं हैं।
सवाल: क्रैकडाउन का कोई संबंध मूसेवाला की बरसी से भी लगता है?
बलकौर सिंह: सिद्धू की बरसी पर ज्यादा लोग इकठ्ठा न हो जाएं, कोई बड़ा ऐलान न कर दें, इसलिए पंजाब सरकार को टेंशन हो रही होगी।
सवाल: क्या ये प्लानिंग के तहत हुआ है?
बलकौर सिंह: जी, बिलकुल ये सोची समझी प्लानिंग के तहत हुआ है।
सवाल: पंजाब के लिए आने वाला समय कैसा लग रहा है आपको?
बलकौर सिंह: अभी तो आसार अच्छे नहीं लग रहे। बाकी भगवान भली करेगा।
सवाल: पंजाब के लोगों से क्या कहेंगे?
बलकौर सिंह: पंजाब के लोगों ने मुझे, मेरे बेटे को बहुत प्यार दिया है। हमारी हमेशा मदद की है। मुझे उन पर प्राउड है।
सिद्धू मूसेवाला के पिता ने जारी की अपील
पंजाब में तनावपूर्ण हालत देखते हुए बलकौर सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए एक अपील भी जारी की है। उन्होंने कहा है- 'सिद्धू के चाहने वालों से एक अपील करनी है। जिस तरह पंजाब में माहौल बना हुआ है, सिद्धू की बरसी के लिए इकठ्ठा होने वाले लोगों को रोकने की कोशिशें हो रही हैं। मैं सभी से अपील करता हूं, भाईचारा बनाकर रखना है और शांति से समय पर पहुंचने की कोशिश करनी है।'
उधर, मानसा के SSP नानक सिंह ने बताया कि बरसी के कार्यक्रम में पहुंचने के लिए मानसा से आते हुए पहले गेट से पब्लिक की एंट्री है। दूसरे गेट से वीवीआईपी और तीसरे गेट पर लंगर का इंतजाम किया गया है। पंडाल में सिद्धू मूसेवाला की लास्ट राइड थार भी रखी गई।
मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह को कई बार धमकी मिल चुकी है, इसलिए रविवार को कार्यक्रम वाली जगह ड्रोन उड़ाने पर रोक लगाई गई थी।
29 मई 2022 को हुई थी सिद्धू मूसेवाला की हत्या
सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर शुभदीप सिंह सिद्धू की 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पंजाब सरकार के मुताबिक इस मामले में अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, दो आरोपी मुठभेड़ में मारे गए और 5 को भारत के बाहर से लाया जाना है। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र और अन्य एजेंसियों के संपर्क में हैं। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर लॉरेन्स बिश्नोई गैंग का गोल्डी बराड़ है।
लॉरेंस बिश्नोई ने इंटरव्यू में किया मूसेवाला का जिक्र
बीते दिनों गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि सिद्धू मूसेवाला के परिवार से हमारी कोई दुश्मनी नहीं थी। उसने हमारे भाई को मरवाया था, एक्शन का रिएक्शन तो होगा ही। वह (सिद्धू) गैंगवार में घुस रहा था। लॉरेंस ने कहा कि उसने हमारे भाई विक्की को मरवाया था, जिसकी वजह से उसका मर्डर हुआ। वह (सिद्धू) अपनी सिंगिंग करने की बजाय हमारी आपस की लड़ाई में घुस रहा था। नेतागिरी में सिंडिकेट बना रहा था और मेरे खिलाफ गैंग बना रहा था। हमने भाई की मौत का बदला ले लिया है।
लॉरेंस के इस इंटरव्यू को भी मूसेवाला के पिता ने साजिश बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि लॉरेंस जेल से इंटरव्यू दे रहा है, ये बिना सरकार की मदद के कैसे संभव है।
पंजाब में खालिस्तान का मुद्दा फिर उठने लगा है। सिद्धू मूसेवाला पर भी खालिस्तान का समर्थन के आरोप लगे थे। सवाल ये है कि पंजाब के दोबारा ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं? इसे समझने के लिए हमने अमृतसर की गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर जगरूप सेखों से बात की। प्रो. सेखों पंजाब में मिलिटेंसी पर काफी काम कर चुके हैं। पढ़िए उनका एनालिसिस..
'अभी जो पंजाब में हो रहा है, ये एक तरह से इतिहास खुद को दोहरा रहा है। पीछे देखेंगे तो पाएंगे कि पंजाब में एक अंतराल के बाद इस तरह की चीजें होती रहती हैं। जो अब हो रहा है, इसके पीछे वैक्यूम नहीं है। अभी जो राजनीतिक अस्थिरता है, वही इसकी सबसे बड़ी वजह है। पिछले 30 साल में, खासकर आतंकवाद के दौर के बाद, जिस तरह राजनीति के फायदे के लिए मुद्दे उठाए गए हैं और लोगों के मूल मुद्दों को किनारे कर दिया है, उसी के बीच से ये सब खड़ा होता है।'
'कुछ लोगों को लगता है कि पंजाब में फिर से खालिस्तान मूवमेंट खड़ा हो रहा है। सच ये है कि हम 1970 या 1980 के दशक में नहीं जी रहे हैं। अभी हालात वैसे नहीं है। अमृतपाल की भिंडरांवाले से तुलना नहीं की जा सकती और न वो उन जैसे हालात से पैदा हुआ है।'
'ऐसा लग रहा है कि अमृतपाल का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा हैं। अमृतपाल बहुत तेजी से उभरा है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अमृतपाल को लोग स्वीकार करेंगे। किसान आंदोलन में भी ऐसे गुट थे, जो आक्रामक थे। लेकिन वे आंदोलन का मूल तत्व नहीं थे।'
'1970 में भिंडरांवाले खड़ा हुआ, तब जैसे हालात अब नहीं है। अब केंद्र सरकार को हर बात का पता है। वो जानते हैं कि अगर ऐसे लोग होंगे, तो समस्या आएगी। अभी पंजाब में जो सरकार है, उसे भी ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है। लोग भी इस तरह के तत्वों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि पंजाब के लोगों ने हिंसा का दौर देखा है।'
'ये जरूर कहा जा सकता है कि कहीं दबी हुई फाल्ट लाइन है, जिसकी वजह से ऐसे तत्व उभर जाते हैं। इसके पीछे ग्लोबल पॉवर्स भी हो सकती हैं। ब्रिटेन में जब रेफरेंडम हो रहा था, तब पंजाब में किसी को उसकी परवाह नहीं थी। ऐसे में ये सवाल तो उठता है कि अमृतपाल को अचानक क्यों खड़ा किया जा रहा है। मीडिया ने भी अमृतपाल को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है।'
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