भास्कर रिसर्चचीन में 6 साल में 5वां अरबपति ‘गायब’:विरोध करने वाली हस्तियों को उठवा लेती है चीन सरकार…कुछ लौटे; कुछ जेल में

3 महीने पहले
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चीन में एक बार फिर एक अरबपति बिजनेसमैन गायब है…। चीन के IT सेक्टर में बड़ा नाम माने जाने वाले बाओ फान पिछले कुछ दिनों से अपनी कंपनी के भी संपर्क में नहीं हैं।

उनके इन्वेस्टमेंट बैंक चाइना रेनेसां के मुताबिक उन्हें एक सरकारी पड़ताल के सिलसिले में बुलाया गया था, जिसके बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।

बाओ फान जैसा मामला चीन के लिए नया नहीं है। पिछले कुछ सालों में दर्जनों उद्योगपति सरकारी जांच के नाम पर गायब होते रहे हैं। इसमें अलीबाबा के को-फाउंडर जैक मा भी शामिल हैं।

सिर्फ उद्योगपति ही नहीं, कलाकार, खिलाड़ी और एक्टिविस्ट भी चीन में इसी तरह गायब हुए हैं। सभी मामलों में एक कनेक्शन साफ है कि इन सभी ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी या उसके किसी अधिकारी के खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान दिया था।

गायब हुए कुछ सेलिब्रिटी थोड़े समय बाद वापस आ गए, कुछ जेल भेज दिए गए…और कुछ जेल में ही मौत की नींद सो गए। जो पब्लिक के सामने लौटे उन सभी ने चीनी सरकार या उसके अधिकारियों पर अपना तल्ख रवैया जरूर बदल दिया।

2012 में जब शी जिनपिंग सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष और राष्ट्रपति बने थे तो माना जा रहा था कि फ्रॉड और करप्शन को लेकर उद्योगपतियों पर शिकंजा कसा है।

लेकिन अब चीनी जनता के बीच भी ये बात आम है कि जो भी शी जिनपिंग या उनकी सरकार के खिलाफ किसी भी तरह से आवाज उठाता है उसे गायब कर दिया जाता है।

पूछताछ के नाम पर इतना प्रताड़ित किया जाता है कि आखिरकार वो सरकार के प्रति अपना रुख बदल देता है। नहीं बदलता तो जेल भेज दिया जाता है।

जानिए, कौन से प्रमुख चीनी उद्योगपति और हस्तियां सरकार विरोधी बयान देने के बाद ‘गायब’ हो गईं और इनमें से कौन अपनी जान बचा पाया…

पहले मिलिए, बाओ फान से…जैक मा के बाद गायब होने वाले सबसे बड़े चीनी उद्योगपति

चीनी टेक कंपनियों के लिए सबसे बड़े बैंकर हैं बाओ फान, 2015 में कराई थी अलीबाबा और टेनसेंट के बीच डील

बाओ फान को चीनी टेक इंडस्ट्री के लिए रेनमेकर माना जाता है। वे न सिर्फ इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनियों के बीच डील कराने के लिए, बल्कि उनके इन्वेस्टमेंट बैंक ने कई स्टार्ट-अप्स में निवेश भी किया है।

बाओ फान के माता-पिता डिप्लोमैट थे। उन्होंने नॉर्वे में पढ़ाई की और मॉर्गन स्टैनली तथा क्रेडिट स्युइस जैसे संस्थानों में काम भी किया है। 2015 में उन्होंने अलीबाबा और टेनसेंट के कैब हेलिंग प्लेटफॉर्म्स का मर्जर करवाया था।

टेक इंडस्ट्री पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ दिया था बयान…इसके बाद ही मुश्किलें शुरू हुईं

बाओ फान अपने बॉक्सिंग और फॉर्मूला-1 रेसिंग के शौक खुलकर दिखाते रहे हैं। साथ ही टेक इंडस्ट्री पर सरकार के नियंत्रण के खिलाफ भी वो बोलते रहे हैं।

अब उनकी कंपनी के एक पूर्व अधिकारी कॉन्ग लिन के खिलाफ चल रही सरकारी जांच में सहयोग के नाम पर उन्हें बुलाया गया, जिसके बाद से वो लापता हैं।

ये पूर्व अधिकारी कॉन्ग लिन दरअसल, पहले चीन के सरकारी बैंक ICBC में काम करता था। ICBC में किसी अनियमितता पर ही लिन के खिलाफ जांच शुरू हुई है।

बाओ फान की कंपनी ने मार्केट रेगुलेटर को दिए एक बयान में कहा है कि सरकारी जांच में मदद के लिए बाओ फान को बुलाया गया था। अभी कंपनी का उनसे कोई संपर्क नहीं है।

बाओ फान उस लंबी लिस्ट में सबसे लेटेस्ट नाम, जिसमें जैक मा से लेकर अभिनेत्री ज्याओ वेई तक शामिल

मिलिए, चीन की उन हस्तियों से जो सरकार के गुस्से का शिकार हो गईं…

1. जैक मा…आर्थिक नीतियों को बुरा बताया, अब पब्लिक में दिखते ही नहीं

जैक मा की कंपनी अलीबाबा और ऐन्ट ग्रुप ई-कॉमर्स से लेकर कैब हेलिंग तक कई तरह के टेक बिजनेस करती है। हुरुन के मुताबिक वे चीन के 5वें सबसे बड़े रईस हैं।

अक्टूबर, 2020 में शंघाई में एक कार्यक्रम में उन्होंने चीनी सरकार की आर्थिक नीतियों और देश की फाइनेंशियल इंडस्ट्री की जमकर आलोचना की थी।

इसके कुछ ही समय बाद वे गायब हो गए। अलीबाबा और ऐन्ट ग्रुप के खिलाफ सरकारी जांच भी शुरू हो गई। कंपनी ने बयान दिया कि जैक मा सरकारी जांच में सहयोग कर रहे हैं।

कुछ करीबियों ने ये भी कहा कि वो खुद ही पब्लिक से दूर रह रहे हैं। 2 दो महीने बाद जनवरी, 2021 में वो एक वीडियो में दिखे, मगर इसमें गायब होने के बारे में कोई बात नहीं की।

अक्टूबर, 2021 में जैक मा स्पेन में छुटि्टयां मनाते दिखे थे। मगर अब वो किसी पब्लिक मंच पर कोई बयान नहीं देते।

2. पेंग शुआई…टेनिस खिलाड़ी ने जिनपिंग के करीबी राजनेता पर यौन शोषण का आरोप लगाया, गायब हो गई

35 वर्षीय पेंग शुआई चीन की स्टार टेनिस प्लेयर हैं। 2 नवंबर, 2021 को उन्होंने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीबो पर एक लंबा मैसेज डाला।

इसमें उन्होंने बताया कि चीन के पूर्व उप-राष्ट्रपति और शी जिनपिंग के करीबी झांग गाओली ने उनका यौन शोषण किया था।

पेंग ने मैसेज में लिखा था कि 7 साल पहले गाओली ने पहली बार उनका यौन शोषण किया था। 3 साल पहले गाओली ने उप-राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद फिर पेंग को घर बुलाया और संबंध बनाए।

इसके बाद से गाओली ने लगातार उनसे संबंध रखे जिसके बारे में गाओली की पत्नी को भी पता था। पेंग का ये मैसेज पोस्ट होने के 20 मिनट के भीतर ही डिलीट हो गया।

लेकिन इसके स्क्रीनशॉट्स के साथ ये खबर पूरी दुनिया में फैल गई। इसके बाद से ही पेंग सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से गायब हो गईं। दुनिया के अन्य टेनिस प्लेयर्स और वर्ल्ड टेनिस एसोसिएशन (WTA) भी उनसे संपर्क नहीं कर पा रहा था।

पेंग शुआई और झांग गाओली के संबंधों की खबरें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के लिए बदनामी की वजह बनी थीं। इसके बावजूद गाओली पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2012 में शी जिनपिंग ने कई अधिकारियों को विवाहेत्तर संबंध रखने के आरोप में सजा दिलवाई थी।
पेंग शुआई और झांग गाओली के संबंधों की खबरें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के लिए बदनामी की वजह बनी थीं। इसके बावजूद गाओली पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2012 में शी जिनपिंग ने कई अधिकारियों को विवाहेत्तर संबंध रखने के आरोप में सजा दिलवाई थी।

टेनिस प्लेयर नाओमी ओसाका ने #WhereIsPengShuai जैसे हैशटैग भी ट्विटर पर चलाए। WTA के चीफ एग्जीक्यूटिव स्टीव साइमन ने चीनी अधिकारियों के सामने भी ये मुद्दा उठाया और बिना सेंसरशिप के जांच की मांग की।

17 नवंबर को चीनी मीडिया ने एक ई-मेल प्रसारित किया जो पेंग शुआई ने स्टीव साइमन को लिखा था। इसके मुताबिक पेंग अपने घर पर आराम कर रही थीं और यौन शोषण की सारी बातें भी गलत थीं।

इसके बावजूद ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में चर्चा में बना रहा। चीनी सरकारी मीडिया ने पेंग के कई वीडियो और इंटरव्यू भी दिखाए, लेकिन इन सभी के बावजूद पेंग का बाहरी दुनिया से संपर्क कटा रहा।

2022 के विंटर ओलिंपिक के दौरान पेंग को कई प्रोग्राम अटेंड करते हुए दिखाया गया, लेकिन अभी तक किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उसका हिस्सा लेना बाकी है।

3. व्हिटनी डुआन…चीनी प्रधानमंत्री पर लगाए थे करप्शन के आरोप, 4 साल तक लापता रहीं

2012 में जब शी जिनपिंग ने चीन की सत्ता संभाली थी, उस समय व्हिटनी डुआन और उनके पति डेसमंड शम को चीनी बिजनेस जगत में बड़ा नाम माना जाता था।

2012 में ही व्हिटनी डुआन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को एक इंटरव्यू में बताया था कि किस तरह चीन में टॉप नेता ज्यादा से ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं। उन्होंने तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री वेन जिआबाओ के रिश्तेदारों का भी जिक्र किया था।

इसके बाद 2017 में टाइम मैग्जीन ने खबर छापी कि व्हिटनी डुआन लापता हैं। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में रहने वाले उनके पूर्व पति डेसमंड शम का कहना था कि चीन छोड़ने के बाद से उनका व्हिटनी से कोई भी संपर्क नहीं हो पाया है।

इसके 4 साल बाद सितंबर, 2021 में डेसमंड शम ने टाइम मैग्जीन को बताया कि उनके पास व्हिटनी डुआन का मैसेज आया। फोन पर हुई बातचीत में व्हिटनी ने शम से अनुरोध किया था कि वो अपनी किताब न छापें। इस किताब में शम ने चीनी सरकार में फैले करप्शन का विवरण दिया था।

शम के मुताबिक व्हिटनी ने कहा था कि अगर ये किताब छपी तो उनके बेटे के लिए अच्छा नहीं होगा।

4. रेन झिकियांग…कोविड पॉलिसी पर सरकार को लताड़ा, जिनपिंग को कहा-जोकर…अब जेल में

रेन झिकियांग चीन में रियल एस्टेट सेक्टर का सबसे बड़ा नाम माने जाते थे। मार्च, 2020 में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक आर्टिकल पब्लिश किया।

इस आर्टिकल में झिकियांग ने चीनी सरकार की कोविड पॉलिसी की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने शी जिनपिंग का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया था, मगर कई जगह उनका रेफरेंस देते हुए जोकर कहा था।

इस आर्टिकल के पब्लिश होने के बाद झिकियांग के कुछ करीबी लोगों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था कि वो झिकियांग की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

इसके कुछ ही समय बाद झिकियांग अचानक गायब हो गए। झिकियांग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी थे, उनके पिता पार्टी के पदाधिकारी भी रहे थे।

जुलाई, 2020 में कम्युनिस्ट पार्टी ने बयान जारी किया कि रेन झिकियांग की पार्टी सदस्यता खत्म की जा रही है। इसके कुछ ही समय बाद उनकी कंपनी पर करप्शन के आरोप में जांच शुरू हुई।

झिकियांग को चीन की अदालत ने करप्शन के आरोप में 18 साल जेल की सजा सुना दी। लोगों का मानना है कि ये सरकार की कोविड पॉलिसी के खिलाफ बोलने की सजा है।

5. गुओ ग्वांगचांग…चीन के वॉरेन बफे कहे जाते हैं, एक बार सरकारी जांच में फंसे…1.3 बिलियन डॉलर का घाटा

इनवेस्टमेंट बैंकर गुओ ग्वांगचांग को चीन का वॉरेन बफे कहा जाता है। उनकी इनवेस्टमेंट फर्म फॉसुन इंटरनेशनल की नेटवर्थ 115 बिलियन डॉलर आंकी जाती है।

दिसंबर, 2015 में वो अचानक गायब हो गए। कुछ लोगों के मुताबिक शंघाई एयरपोर्ट से उन्हें पुलिस कार में ले जाया गया।

हॉन्गकॉन्ग शेयर मार्केट में लिस्टेड उनकी कंपनी ने ये खबर फैलने के बाद कुछ समय के लिए अपने स्टॉक्स की ट्रेडिंग ही रोक दी थी।

हालांकि, कुछ ही दिनों बाद ग्वांगचांग अपनी कंपनी के दफ्तर में लौट आए, लेकिन इसी दौरान उनकी नेटवर्थ 1.3 बिलियन डॉलर घट गई।

6. शियाओ जियानहुआ…हॉन्गकॉन्ग के एक होटल से उठाया गया, आज तक लापता

शियाओ जियानहुआ की कंपनी टुमॉरो ग्रुप को चीन के बिजनेस जगत में कभी सबसे तेजी से बढ़ती कंपनी माना जाता था।

जनवरी, 2017 में शियाओ अचानक गायब हो गए। बताया जाता है कि उन्हें हॉन्गकॉन्ग के फोर सीजन्स होटल्स से उठा लिया गया था। लोगों ने उन्हें व्हीलचेयर पर ले जाते हुए देखा था।

इसके बाद टुमॉरो ग्रुप के खिलाफ सरकारी जांच शुरू हो गई। कंपनी ने वीचैट पर एक स्टेटमेंट दिया था कि शियाओ जांच में सरकार की मदद कर रहे हैं।

अगस्त, 2022 में शियाओ को 13 साल की जेल की सजा सुनाई गई। उनके आधे से ज्यादा बिजनेस पर सरकार ने अब अपना नियंत्रण कर लिया है।

7. शू मिंग…कभी चीन के 8वें सबसे बड़े रईस थे, जेल में हुई रहस्यमय मौत

शू मिंग को 2005 में फोर्ब्स मैग्जीन ने चीन का 8वां सबसे रईस व्यक्ति बताया था। उनकी कंपनी डालियान शिडे ग्रुप को चीन में बिजनेस जाएंट माना जाता था।

उनकी चीनी राजनेता बो शिलाई से नजदीकी मानी जाती थी। बो शिलाई को शी जिनपिंग का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता था।

2012 में शी जिनपिंग के सत्ता संभालने के बाद बो शिलाई पर करप्शन के आरोप लगे और उसी समय शू मिंग को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, शू मिंग ने बो शिलाई के खिलाफ सरकार को सबूत दिए थे, मगर इसके बावजूद मिंग को जेल भेज दिया गया।

दिसंबर, 2015 में शू मिंग की जेल में ही हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनकी उम्र 44 साल थी। लोगों का मानना है कि उनकी मौत की असली वजह सरकार ने कभी जाहिर नहीं होने दी।

चीन में दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति…मगर इनकी भी संख्या घट रही है

हुरुन रिच लिस्ट के हिसाब से चीन में दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति हैं। हुरुन की वेबसाइट पर मौजूद 2022 के चीन के अरबपतियों की सूची में कुल 1,221 नाम हैं।

हालांकि, ग्लोबल लिस्ट में चीन के 1,193 अरबपतियों को ही शामिल किया गया है। फिर भी ये संख्या अमेरिका के 716 अरबपतियों से कहीं ज्यादा है।

हुरुन की ही चीन के अरबपतियों की बीते सालों की लिस्ट देखें तो चीन में बिलियनेयर्स की संख्या घटती हुई दिखती है।

2021 में इस लिस्ट में 2,769 लोग थे। 2020 में चीन में 2,303 अरबपति थे और 2019 में इनकी संख्या 1,727 थी।

एक्सपर्ट इसकी एक वजह चीन में मंदी के माहौल को मानते हैं। जबकि, कुछ जानकारों का कहना है कि चीनी उद्योगपति भी अब चीन के बजाय दूसरे देशों में जाकर बसना चाहते हैं।

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