करिअर फंडाहॉलीवुड मूवी से जीवन के 7 सबक:द शॉशैंक रिडेम्पशन बताती है-आशावादी होने के सही मायने

6 महीने पहले

‘होप इज अ गुड थिंग, एंड नो गुड थिंग एवर डाइस’

- एंडी दूफ्रेन (एक किरदार)

यानी उम्मीद एक अच्छी चीज है, और कोई भी अच्छी चीज मरती नहीं।

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मैंने हमेशा कहा है कि अच्छी बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। अपनी प्रोफेशनल लाइफ के लिए, आइए, आज एक और अच्छी फिल्म देखी जाए।

1994 में फ्रैंक दराबांट के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'The Shawshank Redemption' (द शॉशैंक रिडेम्पशन) आज भी प्रासंगिक सबक देती है। प्रसिद्ध लेखक स्टीफन किंग के नॉवेला पर बेस्ड यह फिल्म एक ऐसे बैंकर एंडी दुफ्रेन की कहानी है जिसकी सोफिस्टिकेटेड लाइफ तब तहस-नहस हो जाती है जब उस पर अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की हत्याओं का आरोप लगता है। लेकिन जब उम्रकैद की सजा काटने वो जेल पहुंचता है (शॉशैंक नामक जेल), तो वो अपनी असली ताकत पहचानने लगता है।

‘द शॉशैंक रिडेम्प्शन की शूटिंग के दौरान की तस्वीर में एलिस रेड का किरदार निभाने वाले मॉर्गन फ्रीमैन, डायरेक्टर फ्रैंक दराबांट के साथ हैं। फ्रैंक जब इस स्क्रिप्ट के साथ प्रोडक्शन हाउस गए थे तो उन्हें इसका डायरेक्शन किसी और को सौंपने के लिए करीब 20 करोड़ रु. ऑफर किए गए थे, मगर उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
‘द शॉशैंक रिडेम्प्शन की शूटिंग के दौरान की तस्वीर में एलिस रेड का किरदार निभाने वाले मॉर्गन फ्रीमैन, डायरेक्टर फ्रैंक दराबांट के साथ हैं। फ्रैंक जब इस स्क्रिप्ट के साथ प्रोडक्शन हाउस गए थे तो उन्हें इसका डायरेक्शन किसी और को सौंपने के लिए करीब 20 करोड़ रु. ऑफर किए गए थे, मगर उन्होंने इसे ठुकरा दिया।

‘द शॉशैंक रिडेम्पशन’ फिल्म से प्रोफेशनल लाइफ के लिए 7 सबक

1) बुरी किस्मत से किसी का भी पाला कभी भी पड़ सकता है: रातोंरात एंडी का जीवन बर्बाद हो जाता है, और वो भी उस अपराध के लिए जो उसने किया ही नहीं! जेल में पहुंचने के बाद वो भयानक हालातों से रूबरू होता है - टॉर्चर, क्रूरता, दोस्तों की कमी, अकेलापन, सेक्शुअल अब्यूज आदि। पहले महीने में ही उसे ये समझ आ जाता है कि या तो वो रो ले और मर जाए, या अपनी जिन्दगी को धीरे-धीरे ठीक करना शुरू करे। वो दूसरा रास्ता चुनता है। सबक – ये हमारी चॉइस है कि हम रोते रहें या जीवन में लड़ना शुरू करें।

2) बड़े प्रोजेक्ट में छोटे-छोटे टुकड़े करने पड़ते हैं: एंडी पहले ही दिन से तय कर लेता है कि ‘मैंने अपराध किया नहीं, तो मैं सजा नहीं भुगतूंगा ​​​​​​’, और वो मोहरे बनाने की एक छोटी सी हथौड़ी से सुरंग बनाना शुरू कर देता है। रोजाना वो एक मुट्ठी भर मिटटी निकल पता है। जेल में नए बने दोस्त एलिस रेड को भी वह अपना प्लान नहीं बताता। सिर्फ इतना ही कहता है कि उम्मीद कभी खत्म नहीं होनी चाहिए। जेल में किसी को भी उस पर शक नहीं होता क्योंकि सभी का यही मानना था कि इस हथौड़ी से सुरंग खोदने में 600 साल लग जाएंगे। सबक – एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट छोटे-छोटे कदमों से पूरा होता है, बस धैर्य चाहिए।

3) आशा का दीपक कभी बुझने नहीं देना: एंडी पढ़ा-लिखा था, लिहाजा वो जेल की ही एक लाइब्रेरी को बेहतर बनाना चाहता था, लेकिन प्रॉब्लम थी पैसे की। तो एंडी स्थानीय 'विधानसभा' को चिट्‌ठी लिखना शुरू करता है, और फंड की रिक्वेस्ट करता है। सब कहते हैं वो पागल है, लेकिन एंडी लिखते जाता है, लिखते जाता है, और एक दिन उसे किताबों का एक बड़ा कलेक्शन भिजवा दिया जाता है! सबक – यदि आपने आशा नहीं छोड़ी, तो दूसरे भी आपके साथ आ जाएंगे।

4) हमेशा दोस्तों की कद्र करना: एंडी की मदद जिन दोस्तों ने की, वो हमेशा उनके लिए कुछ न कुछ करता रहा, और अंत में अपने सबसे अच्छे साथी को भी उसने वहीं बुला लिया जहां वो चला गया था (जेल से भाग कर)। वो चाहता तो चुपचाप अकेले अपनी आजादी का मजा लेते रहता, पर उसने पैरोल पर छूटे अपने दोस्त को अपने पास बुला लिया। सबक - दोस्तों का सम्मान करें, और अपनी खुशी और अवसर बांटें।

5) दिमाग का इस्तेमाल करना न भूलें: फिल्म में जेल का वार्डन एंडी की फाइनेंशियल समझ का पूरा फायदा अपने खुद के पैसों के लिए करता है, और एंडी शांति से मदद करता चला जाता है, आपत्ति नहीं उठाता। उसे पता है कि ऐसा करने से उसका केवल नुकसान ही होगा, और मदद करते रहने से वो शार्प बने रहेगा। सबक - अपनी स्किल्स को खत्म न होने दें, पॉलिश करते रहें।

6) अंधेरे में भी खुद को न खोएं: एंडी एक नेगेटिव माहौल में बीस साल बिताता है, लेकिन एक इंसान के रूप में वो अपनी अच्छाई को कभी नहीं छोड़ता, और किसी को भी परेशान नहीं करता। उसकी इंसानियत जिंदा रहती है। सबक - अपनी इंसानियत को मार देना या नहीं, ये हमारी चॉइस होती है।

7) अच्छी चीज अपने आप में इनाम होती है: अंत में, ये बता दूं कि इस मूवी को शुरुआत में अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था, लेकिन धीरे धीरे अगले कुछ सालों में, ये हॉलीवुड की सबसे खूबसूरत फिल्मों में गिनी जाने लगी। सबक - अच्छा काम करो, और बाकी किस्मत पर छोड़ दो।

तो आज का करिअर फंडा यह है कि अपनी प्रोफेशनल या स्टूडेंट लाइफ में परमानेंट आशावाद एक आशीर्वाद है।

कर के दिखाएंगे!

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