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आज की पॉजिटिव खबर:लंदन से पढ़ी अद्विका ने स्थानीय महिलाओं के साथ मिलकर होममेड मसाले का स्टार्टअप शुरू किया, अब हर महीने 10 लाख का बिजनेस

नई दिल्ली2 वर्ष पहले
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दिल्ली की रहने वाली अद्विका अग्रवाल ने लंदन से मास्टर्स किया है। पिछले तीन साल से वे अपनी मां प्रज्ञा अग्रवाल के साथ मिलकर एक होममेड स्टार्टअप चला रही हैं। जिसमें घरों में काम करने वाली लोकल महिलाएं हाथ से पिसे हुए मसाले तैयार करती हैं। इसके बाद देशभर में इसकी मार्केटिंग की जाती है। अभी हर महीने एक हजार तक ऑर्डर आ रहे हैं। और इससे 10 लाख रुपए महीने का बिजनेस हो रहा है।

25 साल की अद्विका बताती हैं कि मेरे घर में पार्वती नाम की एक मेड काम करने आती थी। उसका पति उसे बहुत तंग करता था, उसके साथ मारपीट करता था। एक तरह से वो डोमेस्टिक वॉयलेंस का शिकार थी। मेरी मां जब इसकी शिकायत पुलिस से करने के लिए बोलीं, तो उसने मना कर दिया। पार्वती ने कहा कि अगर वो पुलिस से अपने पति की शिकायत करती है तो उसे वो घर से निकाल देगा। ऐसे में वो कहां जाएगी, उसे जीविका चलाने में भी दिक्कत होगी।

अद्विका के साथ अभी 30 से 40 महिलाएं नियमित रूप से काम करती हैं। जरूरत पड़ने पर वे और भी महिलाओं को बुलाती हैं।
अद्विका के साथ अभी 30 से 40 महिलाएं नियमित रूप से काम करती हैं। जरूरत पड़ने पर वे और भी महिलाओं को बुलाती हैं।

महिलाओं का सेल्फ डिपेंडेंट होना जरूरी है

तब अद्विका की मां ने महसूस किया कि इस तरह की दिक्कत सिर्फ एक महिला के साथ नहीं है। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली कई महिलाओं को ऐसी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इसके बाद उन्होंने तय किया कि इन महिलाओं के लिए कुछ करना चाहिए। इसके लिए सबसे जरूरी चीज है सोर्स ऑफ इनकम। अगर ये महिलाएं सेल्फ डिपेंडेंट होंगी तो डोमेस्टिक वॉयलेंस से बेहतर तरीके से निपट सकेंगी। और इन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की भी जरूरत नहीं होगी।

साल 2017 में अद्विका की मां ने उस मेड के साथ मिलकर मसाले तैयार करने का काम शुरू किया। कुछ दिन बाद दो और महिलाएं जुड़ गईं। इन लोगों ने हाथ से पिसे हुए मसाले तैयार कर आसपास के लोगों में बांटना शुरू किया। लोगों को ये मसाले पसंद आए। इस तरह दिन-ब-दिन हैंडमेड मसालों की डिमांड बढ़ती गई। उधर काम करने वाली महिलाओं की संख्या में भी इजाफा होने लगा।

लंदन से पढ़कर इंडिया आई अद्विका भी इस काम से जुड़ गईं

अपनी मां प्रज्ञा अग्रवाल के साथ अद्विका। अद्विका ने लंदन से बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर्स किया है।
अपनी मां प्रज्ञा अग्रवाल के साथ अद्विका। अद्विका ने लंदन से बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर्स किया है।

इसी बीच अद्विका अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस इंडिया आ गईं। उन्हें मां का काम पसंद आया और तय किया कि वे इसी काम को आगे बढ़ाने में अपनी मार्केटिंग स्किल्स का यूज करेंगी। और अगले साल यानी 2018 से उन्होंने एक प्रोफेशनल के रूप में काम करना शुरू कर दिया। वे कहती हैं कि मार्केट में मिलने वाले मसालों के मुकाबले स्थानीय लोगों को हमारे प्रोडक्ट पसंद आ रहे थे। इसलिए मैंने तय किया कि इसके लिए एक कॉमर्शियल प्लेटफॉर्म की जरूरत है।

कुछ दिनों बाद अद्विका ने Organic Condiments नाम से अपनी कंपनी रजिस्टर की। फिर वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए मार्केटिंग करना शुरू कर दिया। अभी वो देशभर में अपने प्रोडक्ट की सप्लाई कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने एक कूरियर कंपनी से टाइअप किया है। वे कहती हैं कि कोरोना के पहले हमारी अच्छी-खासी सेल हो जाती थी। अभी भी हर महीने एक हजार तक ऑर्डर आ जाते हैं। हालांकि लॉकडाउन की वजह से सप्लाई चेन थोड़ा प्रभावित जरूर हुआ है।

100 महिलाएं इस स्टार्टअप के जरिए अपनी जीविका चला रही हैं

इन महिलाओं को अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने पति से पैसे नहीं मांगने पड़ते हैं।
इन महिलाओं को अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने पति से पैसे नहीं मांगने पड़ते हैं।

अद्विका कहती हैं कि अभी हम करीब 50 तरह के मसाले तैयार करते हैं। इसमें हल्दी, मिर्च, धनिया सहित वे सारे मसाले शामिल हैं जो एक नॉर्थ इंडियन किचन में होने चाहिए। ये खड़े, पिसे हुए, और मिक्स्ड, तीन तरह के होते हैं। वे बताती हैं कि हमने अब खुद की प्रोसेसिंग यूनिट भी खोल ली है। जहां मसालों को तैयार करने से लेकर पैकिंग और ब्रांडिंग तक का काम होता है। उन्होंने अपने स्टार्टअप से 100 महिलाओं को रोजगार दिया है।

इनमें से 30-40 महिलाएं उनके यहां रेगुलर काम करती हैं। जबकि बाकी महिलाएं जरूरत पड़ने पर आती-जाती रहती हैं। इन महिलाओं को अब किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होती है। ये खुद का खर्च निकालने के साथ-साथ परिवार का खर्च भी निकाल रही हैं। अद्विका के घर काम करने वाली पार्वती हर महीने 7 से 8 हजार रुपए कमा लेती है। इसका फायदा ये भी हुआ है कि अब उसका पति उसे तंग नहीं करता है।

कैसे तैयार करती हैं मसाले?

अद्विका के घर काम करने वाली पार्वती मसाले तैयार करने के काम से हर महीने 7 से 8 हजार रुपए कमा लेती है।
अद्विका के घर काम करने वाली पार्वती मसाले तैयार करने के काम से हर महीने 7 से 8 हजार रुपए कमा लेती है।

अद्विका कहती हैं कि हमारे सभी प्रोडक्ट पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं। हम मसाले तैयार करने के लिए कोई भी रॉ मटेरियल किसी दुकान से न लेकर इनकी खेती करने वाले लोकल किसानों से लेते हैं। हमने ऐसे किसानों का भी नेटवर्क और लिस्ट बना रखी है कि किस किसान के यहां से कौन सा सामान लेना है। रॉ मटेरियल लाकर हम अपने यहां सुखाते हैं, उसका ट्रीटमेंट करते हैं। इसके बाद महिलाएं उसे हाथ से चलने वाली चक्की से पीसती हैं। फिर हम उसकी प्रॉसेसिंग और पैकेजिंग करते हैं।

वे कहती हैं कि पैकेजिंग के लिए हम इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। इसके साथ ही हमने ब्राउन मस्टर्ड, हिमालयन पिंक साल्ट, आमचोर, चाय मसाला जैसे स्पेशल मसाले तैयार करने के लिए शेफ को भी हायर कर रखा है, ताकि क्वालिटी मेंटेन रहे।

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