1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसने 161 सीटें जीतीं और गठबंधन सरकार बनाने का दावा किया। आज ही के दिन अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, उनकी सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई और 13 दिन में ही गिर गई। भारत के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री का ये सबसे छोटा कार्यकाल है।
1998 में बीच में ही चुनाव हुए। एक बार फिर भाजपा सबसे बड़े दल और NDA सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरा। अटलजी दोबारा प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनका यह कार्यकाल भी बहुत लंबा नहीं रहा। 13 महीने बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। एक बार फिर मध्यावधि चुनाव हुए। इस बार NDA 303 सीटें जीतकर बहुमत के साथ सत्ता में आया।
जवाहर लाल नेहरू के बाद अटलजी पहले नेता थे जिन्होंने लगातार तीन चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 25 दिसंबर 1924 में जन्मे अटलजी 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राजनीति में आए। 1951 में भारतीय जनसंघ के गठन में भी उनकी अहम भूमिका रही।
उन्होंने 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वे चुनाव हार गए। अटलजी को अपने राजनीतिक करियर की पहली सफलता 1957 में मिली। इस साल वे लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से लोकसभा चुनाव में उतरे। इन तीन में से दो सीट पर वे चुनाव हार गए, लेकिन बलरामपुर से उन्हें जीत मिली। इस तरह वाजपेयी का संसदीय सफर शुरू हुआ।
इमरजेंसी के बाद जब मोरारजी देसाई की सरकार बनी तब वाजपेयी ने विदेश मंत्री का पद संभाला। विदेश मंत्री बनने के बाद वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया।
2017: गर्भपात पर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
आज ही के दिन हरियाणा की एक कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 साल की बच्ची को गर्भपात की इजाजत दी थी। बच्ची को 22 हफ्तों का गर्भ था। उस समय के भारतीय कानूनों के मुताबिक 20 हफ्तों से ज्यादा के गर्भपात की इजाजत नहीं थी।
मामला हरियाणा के रोहतक का था। यहां बिहार से आई एक महिला अपने 4 बच्चों के साथ रहती थी। महिला घरों में साफ-सफाई का काम करती थी, इस वजह से घर में बच्चे अकेले रहते थे। महिला का कहना है कि इसी दौरान बच्ची से उसके सौतेले पिता ने रेप किया। जब बच्ची को पेट में दर्द होने लगा तो मां उसे अस्पताल लेकर गई। जांच में पता चला कि बच्ची गर्भवती है।
मां ने बच्ची का गर्भपात कराना चाहा, लेकिन डॉक्टरों ने कानून का हवाला देते हुए मना कर दिया। दरअसल डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची को 20 हफ्तों से ज्यादा का गर्भ था और भारतीय कानून 20 हफ्तों से ज्यादा के गर्भपात की इजाजत नहीं देता था। इसके बाद मां ने कोर्ट की शरण ली।
कोर्ट ने इस मामले में मेडिकल एक्सपर्ट की एक टीम बनाई। इस टीम का काम बच्ची की उम्र, जान के खतरे समेत तमाम पहलुओं पर ध्यान देते हुए गर्भपात के बारे में फैसला लेना था। इस टीम की सिफारिशों के बाद आज ही के दिन कोर्ट ने बच्ची के हक में फैसला सुनाते हुए गर्भपात की इजाजत दी।
इसके बाद से ही गर्भपात से जुड़े भारतीय कानूनों में बदलाव की मांग उठने लगी। 2020 में सरकार ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट-1971 में बदलाव करते हुए गर्भपात के लिए कानूनी सीमा को 20 से बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दिया
1929: ऑस्कर की शुरुआत
फिल्मी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित ऑस्कर अवॉर्ड की शुरुआत आज ही के दिन हुई थी। इसकी शुरुआत करने का उद्देश्य था कि फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिभावान कलाकारों को सम्मान मिले। कैलिफोर्निया की रूजवेल्ट होटल में करीब 250 लोगों की उपस्थिति में इस समारोह का आयोजन हुआ। डायरेक्टर विलियम वेलमेन की फिल्म ‘विंग्स’ ने बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड जीता। इस समारोह में कुल 12 कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड दिए गए।
शुरुआत में इस अवॉर्ड को ‘एकेडमी अवॉर्ड ऑफ मेरिट’ के नाम से जाना जाता था। 1939 में इसे बदलकर ऑस्कर कर दिया गया। आज फिल्मी दुनिया में काम करने वाले हर कलाकार के लिए ऑस्कर जीतना एक सपने जैसा है।
16 मई के दिन को इतिहास में और किन-किन वजहों से जाना जाता है
2014: भाजपा ने आम चुनावों में जीत दर्ज की। NDA को 543 में से 336 सीटें मिलीं। पहली बार भाजपा ने अपने दम पर लोकसभा में बहुमत हासिल किया।
2013: अमेरिकी वैज्ञानिकों को पहली बार क्लोन किए गए इंसानी भ्रूण से स्टेम सेल निकालने में सफलता मिली।
2007: निकोलस सारकोजी का फ्रांस के राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल शुरू।
2006: न्यूजीलैंड के 47 वर्षीय मार्क इंजलिस कृत्रिम पैरों के सहारे एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति बने।
1975: सिक्किम को 22वें राज्य के रूप में भारत में शामिल किया गया।
1960: भारत और ब्रिटेन के बीच अंतरराष्ट्रीय टेलेक्स सेवा की शुरुआत।
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