‘जीयें ऐसे, जैसे आपको कल ही मरना है, और सीखें ऐसे जैसे कि आपको हमेशा रहना है।’
- महात्मा गांधी
करिअर फंडा में स्वागत!
सदा सीखने के लिए तैयार
उपरोक्त बात से महात्मा गांधी का अर्थ था हमें हमेशा सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए और एक सिंपल लाइफ जीना चाहिए।
आज मैं आप को पावर कॉन्सेप्ट्स के बारे में बताऊंगा जो लगभग हर उस कॉम्पिटिटिव एक्जाम्स के लिए उपयोगी हैं जिसमें GK या GS आता है। इनपर कमांड करने से मार्क्स खूब मिलते हैं!
पावर कॉन्सेप्ट्स
कुछ ऐसे मूल कॉन्सेप्ट होते हैं जिनपर पूरा GK और GS टिका होता है। मेरे विचार में 25 ऐसे कॉन्सेप्ट तो हैं ही। आज हम उन पच्चीस में से पहले पांच पावर कॉन्सेप्ट पढ़ेंगे, और आगे के आर्टिकल्स में भी कवर करेंगे।
इन पावर कॉन्सेप्ट्स पर तगड़ी पकड़ आपको कॉन्फिडेंस देगी, और मार्क्स भी! तो तैयार हैं?
1) पावर कॉन्सेप्ट नं. 1: भारत का संविधान (The Constitution of India)
A. भारत का संविधान भारत को कानूनी रूप से चलाने की 'नियम पुस्तिका' है।
B. यह विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसे लिखने का काम 6 दिसंबर 1946 से शुरू हुआ।
C. इसे बनाने वाली कंस्टीटूएंट असेम्ब्ली थी जिसमें प्रोविंशियल असेम्ब्लियों और प्रिंसली स्टेट्स से आए 299 सदस्य थे (पार्टीशन से पहले 389)।
D. अथक श्रम से यह 26 नवंबर 1949 (लॉ डे (Law Day) या कानून दिवस) को तैयार हुआ।
E. गांधीजी, नेहरू और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 1930 में 26 जनवरी को मनाए गए स्वतंत्रता दिवस की याद में ठीक दो महीने बाद अर्थात 26 जनवरी 1950 (रिपब्लिक डे या गणतंत्र दिवस) से इसे लागू किया गया।
F. संविधान निर्माताओं ने विश्व भर के उपलब्ध संविधानों का अध्ययन किया, तथा सभी अच्छी बातों को भारत के परिप्रेक्ष्य में संविधान में शामिल किया गया।
G. उदाहरण के लिए समवर्ती सूची (कनकरेन्ट लिस्ट) का प्रावधान ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया तो कानून बनाने की प्रक्रिया जापान के संविधान से।
H. भारत के संविधान को वर्तमान रूप में लाने का कार्य 1946 से 1950 के मध्य लगभग 3 वर्षों में पूर्ण हुआ लेकिन यह लगभग 200 वर्षों तक धीरे-धीरे जुड़े नियमों और कानूनों के प्रयासों का नतीजा है।
I. आज भारत के संविधान में कुल 25 (शुरू में 22) भाग, 448 (शुरू में 395) आर्टिकल्स है और यह विश्व के सबसे आधुनिक विचारधारों जैसे सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक समानता, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र को शामिल करता है।
J. दुनिया भर के संविधानों से अध्ययन कर न्यायविद बीएन राउ ने डॉ आंबेडकर और ड्राफ्टिंग समिति को अनेकों इनपुट प्रदान किए, जिन्होंने बड़ी खूबसूरती से उन्हें जोड़ कर एक श्रेष्ठ ढांचा तैयार किया।
एक्जाम्स के लिए क्या क्या पढ़ें: मूल स्ट्रक्चर, महत्वपूर्ण प्रावधान, ऐतिहासिक माइलस्टोन, सभी संशोधन, सुप्रीम कोर्ट के बड़े निर्णय, भाग तीन और चार, नियुक्तियों और शपथ के नियम, आदि।
2) पावर कांसेप्ट नं. 2: क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग (Climate Change and Global Warming)
A. कई वैज्ञानिकों का मानना है इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन के बाद से और फॉसिल फ्यूल के उपयोग से पृथ्वी के वातावरण में कार्बन-डाई-ऑक्साइड का जो स्तर तेजी से बढ़ रहा है उससे धरती का औसत तापमान भी तेजी से बढ़ रहा है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है।
B. कार्बन-डाई-ऑक्साइड से वातावरण के तापमान वृद्धि की घटना को ग्रीन हाउस इफेक्ट कहा जाता है क्योंकि जिस प्रकार ठन्डे प्रदेश में खेती के लिए कांच से बने 'ग्रीन हाउस' में सूर्य की गर्मी और प्रकाश ट्रैप हो जाता है, कार्बन-डाई-ऑक्साइड भी ठीक उसी प्रकार हमारे वातावरण में आने वाले सूर्य के प्रकाश और गर्मी को ट्रैप कर लेती है।
C. ग्लोबल वार्मिंग से केवल ध्रुवों पर जमी बर्फ पिघलकर समुद्रों का जल स्तर ही नहीं बढ़ेगा बल्कि इससे जलवायु में परिवर्तन होगा जिसे क्लाइमेट चेंज कहा जाता है।
D. आने वाले समय में विश्व में ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के और अधिक सामाजिक, आर्थिक और राजनितिक परिणाम दिखने लगेंगे। मसलन - रूस में लाखों एकड़ जमी भूमि पिघल कर कृषि के लिए तैयार हो जाएगी, और अफ्रीका और भारत में तीव्र तापमान से फसलें तबाह हो सकती हैं।
E. ग्लोबल वार्मिंग को धीमा करने के लिए यूनाइटेड नेशंस, UNFCCC (United Nations Framework Convention on Climate Change) अपने संस्थानों के साथ प्रयासरत है और इसने इस सदी के अंत तक विश्व के तापमान में एवरेज बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रखने का लक्ष्य रखा है।
एक्जाम्स के लिए क्या क्या पढ़ें: ग्रीनहाउस गैसों के प्रकार, कृषि और ग्लोबल वार्मिंग, समुद्र जल-स्तर बढ़ना और तटीय आबादी समस्याएं, जलवायु सम्मलेन, पेरिस समझौता, डायरेक्ट कार्बन कैप्चर, एयरोसोल इंजेक्शन तकनीक, आदि।
3) पावर कांसेप्ट नं. 3: भारत में यूरोपियों का आगमन और मॉडर्न भारत की आधारशिला (Europeans in India)
A. भारत में सत्रहवीं शताब्दी में से यूरोपियन आने लगे, और अगले वर्षों में, उन्होंने अपने सिस्टम, कानून और तकनीकें लगाकर भारत को बदल दिया। आज भी हम मोटे तौर पर उन्ही सिस्टम्स पर कार्य कर रहे हैं।
B. भारत में समुद्र मार्ग से सबसे पहले आने वाले यूरोपियन, पुर्तगाली थे। पुर्तगाली नाविक 'वास्को-डा-गामा' 1498 में भारत पहुंचे थे।
C. सत्रहवीं शताब्दी के शुरू में 'ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी' को ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वारा भारत से व्यापार करने के अधिकार दिए गए। सन 1609 में ब्रिटिश कप्तान विलियम हॉकिंस, मुग़ल बादशाह जहांगीर से मिले और सन 1615 में सर थॉमस रो।
D. फ्रांसीसियों ने भी इसी दौरान दक्षिण भारत में अपना प्रभुत्व जमाया।
E. अठारहवीं शताब्दी के उत्तर्राद्ध में मुगल साम्रज्य के कमजोर होने और प्लासी (1757) और बक्सर (1764) के युद्धों को जीतने के बाद अंग्रेज भारत में शक्तिशाली हो गए।
F. अंग्रेजों का इंटेंशन जो भी रहा हो भारत में उनके काल के दौरान ही 1853 में पैसेंजर रेलवे और 1854 में पोस्ट ऑफिसेस, डाक, तार आदि की व्यवस्था शुरू की गई, जिसने मॉडर्न भारत की नींव रखी।
एक्जाम्स के लिए क्या क्या पढ़ें: इम्पोर्टेन्ट डेट्स, इम्पोर्टेन्ट युद्ध, कानूनी व्यवस्था और परिवर्तन, सभी कमीशन और एक्ट, 1857 का स्वतंत्रता युद्ध, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध आदि।
4) पावर कांसेप्ट नं. 4: अस्तित्व की अवधारणाएं (Theories of Existence)
A. ये फिलॉसफी से रिलेटेड है।
B. हिन्दू धर्म में यह विश्व 'विष्णु का स्वपन' है तो ईसाइयों और मुसलमानों के अनुसार हम क्रमशः ऐडम और ईव या आदम और हव्वा की संतानें। इनसे दुनिया के तमाम धर्म और मानव-प्रकृति संबंधों की व्याख्या होनी शुरू होती है।
C. विज्ञान कुछ विश्वसनीय थ्योरीज देता है जिनमें से एक है ‘बिग बैंग सिद्धांत’ जिसके अनुसार ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति 13.7 बिलियन वर्ष पहले एक जोरदार धमाके अर्थात बैंग के साथ हुई।
D. चार मूल फोर्सेज अर्थात (i) एलेक्ट्रोमैग्नेटिस्म, (ii) ग्रेविटेशन फोर्स (गुरुत्वाकर्षण), (iii) स्ट्रॉन्ग एवं (iv) वीक नुक्लियर फोर्स का जन्म हुआ जिनसे बाद में सबसे प्रारंभिक एलिमेंट्स जैसे हाइड्रोजन और हीलियम का निर्माण हुआ।
E. इन्ही के बड़े-बड़े बादलों में नाभिकीय संलयन (न्यूक्लियर फ्यूजन) की प्रक्रिया से तारों का निर्माण हुआ। ग्रहों का निर्माण तारों के समाप्त हो जाने के बाद उनकी बची राख से हुआ और फिर ग्रहों (पृथ्वी ग्रह) पर हमारे जैसे जीवन का।
एक्जाम्स के लिए क्या क्या पढ़ें: फिलॉसफी के मूल सिद्धांत (सिलेबस अनुसार), वैज्ञानिक उत्पत्ति के सिद्धांत, थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन (नेचुरल सिलेक्शन) आदि।
5) पावर कांसेप्ट नं. 5: महंगाई, मौद्रिक व्यवस्था और आरबीआई (Inflation, Monetary System and RBI)
A. उत्पादन की कमी होने और मांग के बने रहने या बढ़ने से महंगाई का जन्म होता है।
B. देशों के केंद्रीय बैंक कुछ हद तक इसे नियंत्रित कर सकते हैं। किन्तु अर्थव्यवस्था में थोड़ी महंगाई को अच्छा माना जाता है जब तक इसके बढ़ने का रेट अर्थव्यवस्था के बढ़ने के रेट से कम हो।
C. तो यदि आपकी सैलरी 20% की दर से हर साल बढ़ती है और इन्फ्लेशन 4% की दर से तो ऐसा अर्थव्यवस्था के लिए बुरा नहीं है लेकिन यदि आपकी सैलरी बढ़ ही नहीं रही और इन्फ्लेशन 8-10% बढ़ जाए तो यह अर्थव्यवस्था के लिए बुरा है।
D. मौद्रिक व्यवस्था में आरबीआई अनेकों रेट और रेश्यो के माध्यम से धन के प्रवाह, धन की उपलब्धता और धन की कीमत को तय करता है।
एक्जाम्स के लिए क्या क्या पढ़ें: आरबीआई रेट्स और रेश्यो, इन्फ्लेशन और डिफ्लेशन, जीडीपी गणना के प्रकार और इन्फ्लेशन से संबंध, करेंसी एक्सचेंज रेट और इन्फ्लेशन, आदि।
तो दोस्तों, उम्मीद करता हूं, पावर कॉन्सेप्ट आपको एक दिशा और कॉन्फिडेंस देंगे।
आज का करिअर फंडा यह है कि बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक्स तगड़े बनाइए और सफलता की सीढ़ी पर चढ़ते जाइए।
कर के दिखाएंगे!
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