द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली। भारत में राष्ट्रपति राज्य के प्रधान होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजादी के बाद 1970 में इंदिरा गांधी और 1990 के दशक में अटल बिहारी वाजपेयी की चली होती तो भारत के राष्ट्रपति के पास भी अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह शक्तियां होतीं।
आज मंडे मेगा स्टोरी में जानते हैं कि जब अंबेडकर से लेकर गांधी तक देश में US की तरह राष्ट्रपति सिस्टम रखना चाहते थे, तो फिर हमने पार्लियामेंट्री सिस्टम क्यों अपनाया।
सबसे पहले बात संसदीय और राष्ट्रपति प्रणाली पर होने वाले डिबेट की..
अब बात देश में इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए सरकारों द्वारा किए जाने वाले प्रयासों यानी प्रोसेसिंग की..
इस स्टोरी के अगले हिस्से में राष्ट्रपति प्रणाली के समर्थन में दिए जाने वाले तर्क और भारत में इसके संभावनाओं की...
इस स्टोरी के अगले हिस्से में पढ़िए राष्ट्रपति प्रणाली और संसदीय प्रणाली के बीच अंतर और भारत में संसदीय प्रणाली के ओरिजिन यानी शुरुआत की...
आखिर में जानते हैं कि मोटे तौर पर दुनिया में कितने तरह की शासन प्रणाली है और ये प्रणाली किन-किन देशों में है..
आपने पूरी खबर पढ़ ली है तो आइए अब पोल में हिस्सा लेते हैं...
ग्राफिक्स: हर्ष साहनी, इलस्ट्रेशन: अवनीश सिंह
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