दो तरह की एजुकेशन होती हैं - एक हमें जीना सिखाती है और एक हमें रोजगार दिलाती है!
दिल की बात
एक छोटी-सी नौकरी का तलबगार हूं मैं, तुमसे कुछ और जो मांगूं तो गुनहगार हूं मैं
एक-सौ-आठवीं अर्जी मेरे अरमानों की, कर लो मंज़ूर कि बेकारी से बेज़ार हूं मैं....
फिल्में समाज का आईना होती हैं और डायरेक्टर विमल रॉय की 1954 में रिलीज फिल्म 'नौकरी' का यह गाना आज के भारत की सबसे बड़ी मुश्किलों में से एक - बेरोजगारी - का सुरीला इजहार है।
परिवार की चिंता
भारत की मिडिल-क्लास फैमिलीज में युवा पीढ़ी को अच्छे रोजगार मिलने की चिंता पूरे परिवार को होती है। निराश होने के बजाय आप अपने लेवल पर बहुत कुछ कर सकते हैं बेरोजगारी से लड़ने के लिए…
प्रोफेशनल एजुकेशन लें
प्रोफेशनल शिक्षा इंडस्ट्रियल या प्रोफेशनल जॉब्स के लिए दी जाती है। यह शिक्षा फॉर्मल रूप से ट्रेड स्कूलों, टेक्निकल सेकेंडरी स्कूलों, या जॉब्स पर ट्रेनिंग प्रोग्राम में दी जाती है। इनफॉर्मल रूप से भी स्किल्स की ट्रेनिंग ली जा सकती है।
जॉब ओरिएंटेड कोर्स का इम्पोर्टेंस किसी स्टूडेंट या प्रोफेशनल के इंटरेस्ट, कैलिबर और पहले की एजुकेशन पर निर्भर करता है।
भारत में सबसे पॉपुलर चार स्ट्रीम्स के अनुसार डिग्री /डिप्लोमा और फिर जॉब-ओरिएंटेड कोर्स भी होते हैं –
1) PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स),
2) PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी),
3) कॉमर्स और
4) आर्ट्स।
CBSE स्टूडेंट्स को अनेकों वोकेशनल कोर्स के ऑप्शन्स देता है
कॉमर्स बेस्ड - ऑफिस सेक्रेटरी, शॉर्टहैंड और कंप्यूटर एप्लिकेशन्स, एकाउंटिंग और ऑडिटिंग, मार्केटिंग और सेल्समैनशिप, बैंकिंग, रिटेल, फाइनांशियल मार्केट मैनेजमेंट, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
इंजीनियरिंग बेस्ड - इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, सिविल इंजीनियरिंग, एयर कंडीशनिंग एंड रेफ्रिजरेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी, जिओस्पेशिअल टेक, फाउंड्री, इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एप्लिकेशन्स
हेल्थ और पैरा मेडिकल बेस्ड - ऑप्थल्मिक टेक्नीक, मेडिकल लैब, ऑक्सिलियरी नर्सिंग, एक्स-रे टेक्निशन, हेल्थ साइंसेज, हेल्थ एंड ब्यूटी स्टडीज, मेडिकल डायग्नोस्टिक्स
होम साइंस बेस्ड - फैशन डिजाइन और वस्त्र निर्माण, टेक्सटाइल डिजाइन, डिजाइन फंडामेंटल्स, म्यूजिक टेक्नोलॉजी प्रोडक्शन, ब्यूटी सर्विसेज
एग्री बेस्ड - पोल्ट्री, हॉर्टिकल्चर, डेरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी
हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म - फ़ूड प्रोडक्शन, फ़ूड एंड बेवरेज सर्विस, ट्रेवल एंड टूरिज्म
अन्य - ट्रांसपोर्ट सिस्टम एंड लॉजिस्टिक्स, लाइफ इंश्योरेंस, लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस, मास मीडिया स्टडी, मीडिया प्रोडक्शन, बेकरी एंड कन्फेक्शनरी, फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट
आप अपने पोटेंशियल, अनुभव एवं इंटरेस्ट के बेसिस पर इन प्रोग्राम से बेनिफिट लेकर जॉब प्राप्त कर सकते हैं या एम्प्लॉयमेंट में बने रह सकते हैं।
याद रखें बेरोजगारी के कारणों में बड़ी यूथ वर्कफोर्स, कम विकसित इंडस्ट्रियल इकोनॉमी, कृषि क्षेत्र में धीमी ग्रोथ, ग्रामीण इंडस्ट्री का पतन, मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, सामाजिक प्रतिष्ठा, शामिल हैं. और इससे करोड़ों युवाओं में पैदा होती है निराशा।
आप अपने लिए क्या कर सकते हैं, वो पहले देखें। पहले आपको जीवित रहना है और वह भी खुशहाल।
लाइफ टिप्स
वोकेशनल एजुकेशन के साथ ही, कुछ और भी करते चलें
जान है तो जहान है, यानी स्वस्थ रहें मस्त रहें: गुड हेल्थ आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। बैलेंस्ड डाइट लें। टेंशन के दौरान बुरी आदतों से दूर रहें जैसे सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, शराब वगैरह। ये हेल्थ और वेल्थ दोनों खा जाते हैं।
टेंशन को छूने ना दें, मस्त-मौला रहें : ना आप कुछ लेकर आए थे ना आप कुछ ले कर जाएंगे। दुनिया आपके आने के पहले भी चल रही थी, आप हैं तब भी चल रही है, और आप के जाने के बाद भी चलती रहेगी।
नई स्किल्स सीखने को रेडी रहें : भले ही आज आप वेल-सेटल्ड हों, इस बात पर ना भरमाएं, क्योंकि दुनिया बहुत तेजी से बदलती है। और ज्यादातर बदलाव हमारी चेतना से परे होते हैं। नई स्किल्स सीखना इस तैयारी का एक हिस्सा है। वास्तव में अपने परिवार में सीखने और सिखाने का ट्रेडिशन बनाएं।
छोड़ो कल की बातें, नए दौर में है नई कहानी: प्रोग्रेसिव सोच रखें। अपने आस-पास के लोगो को सम्पन्न बनाने की कोशिश करें, आप, अपने-आप सम्पन्न हो जाएंगे। दूसरी चीजों की तरह अमीरी भी संक्रामक होती है।
मॉडर्न इकोनॉमी में तेजी से बदलती स्किल्स की कहानी में, आपको अपने आप को फिट करना आना चाहिए। आने वाले दिनों में हम आपको वोकेशनल शिक्षा के नए डाइमेंशन्स बताएंगे। याद रखें, सदा सीखने की आदत ही आपको लगातार आगे बढ़ाएगी. बड़े से बड़े डिग्री होल्डर पर ये नियम अब लागू होता है।
तो पॉजिटिव रहे, और कहते रहे ‘कर के दिखाएंगे’
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