स्टार राइटरअपना पैशन पहचानना ही बनाइए लक्ष्य:जब आप पैशन को जीएंगे तो प्रोफेशन में सफलता अपने आप मिलेगी

15 दिन पहले
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शिक्षा से डॉक्टर, रितेश मलिक दिल से आंत्रप्रेन्योर हैं। वह भारत के दूसरे सबसे बड़े को-वर्किंग प्लेटफॉर्म Innov8 के संस्थापक हैं। यह प्लेटफॉर्म स्टार्ट-अप्स, कॉर्पोरेट्स , फ्रीलांसर्स और अन्य प्रोफेशनल्स को एक साथ लाता है। रितेश अब तक 60 से ज्यादा स्टार्ट-अप्स में निवेश कर चुके हैं। उन्होंने 2012 में अपनी MBBS की पढ़ाई के अंतिम वर्ष में ALIVE ऐप के रूप में पहला स्टार्ट-अप शुरू किया था, जिसे बाद में बेनेट एंड कोलमैन ग्रुप ने खरीद लिया। आज डॉ. रितेश मलिक स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के साथ ही मोहाली में प्लाक्षा यूनिवर्सिटी बना रहे हैं। आज वो बता रहे हैं कि जीवन में अपना पैशन पहचानना क्यों जरूरी है...

पैशन…ये एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल हम रोजमर्रा की जिंदगी में करते रहते हैं। कई लोग आपसे कहते हैं कि आपको अपना पैशन फॉलो करना चाहिए। मगर पैशन क्या है?

पैशन का सही मतलब है- किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहना।

हम पैशन शब्द का इस्तेमाल भले ही बहुत ज्यादा करते हों, लेकिन दुनिया में कम ही लोग हैं जो अपना पैशन पहचान पाते हैं। जापान में पैशन पैदा करने के लिए इकिगाई बहुत अच्छा मॉडल है।

इकिगाई एक जापानी कॉन्सेप्ट है, जिसका मतलब है- ‘अस्तित्व का कारण’। आप क्या करना पसंद करते हैं, दुनिया को किस चीज की जरूरत है, किस काम से आपकी आय हो सकती है और आप क्या बेहतर कर सकते हैं…ये कॉन्सेप्ट इन सब चीजों के बीच बैलेंस बनाना है। अगर आपको इन सभी सवालों के जवाब मिल जाते हैं तो आपको आपका इकिगाई मिल जाएगा।

सबसे बड़ा सवाल ये है कि कोई व्यक्ति अपना पैशन कैसे पहचाने? मुझे लगता है कि अपना पैशन पहचानने का रास्ता एक ही शब्द से होकर जाता है, और वो है- एक्सपोजर।

हमें अपने कॉलेज जाने वाले युवाओं को बहुत कम उम्र से ही ढेरों विकल्प देने होंगे। तभी वो पहचान पाएंगे कि वो किस चीज के बारे में पैशनेट हैं।

उदाहरण के लिए, मैं कभी भी डॉक्टर नहीं बनना चाहता था। मैं अपने परिवार के दबाव में डॉक्टर बना। लेकिन 26 की उम्र में मुझे समझ में आया कि मेरा असली पैशन स्पेस तैयार करना और बिजनेस खड़ा करना था।

यानी सच कहा जाए तो अपना पैशन पहचानने के लिए जरूरी है कि आप खुद कई अलग-अलग तरह के विकल्पों को आजमाएं, यात्राएं करें, कई अलग-अलग तरह की किताबें पढ़ने में समय बिताएं।

मैं सबसे यही कहाना चहूंगा कि अपने समय का सही इस्तेमाल करें। अलग-अलग सेशन्स में जाएं, टॉक-शो में जाएं। सफल लोगों को सुनें। ज्यादा से ज्यादा यात्राएं, कुछ समय तक अकेले रहें।

अपना कम्फर्ट जोन छोड़ें। तभी आप अपना असली पैशन ढूंढ पाएंगे। अपने कम्फर्ट जोन में आपको आपका पैशन कभी नहीं मिलेगा।

अगर आप हमेशा अपने माता-पिता के लाड़-प्यार से ही घिरे रहेंगे तो कभी भी ये नहीं समझ पाएंगे कि आप वाकई किस चीज में विश्वास करते हैं।

मैं आपको ये भी बताना चाहूंगा कि असली पैशन आपको वाकई आजाद कर देगा। आप आजाद होंगे क्योंकि आप वाकई में अपनी जिंदगी का नतीजा खुद तय करेंगे।

तब आप खुद हर सोमवार सुबह जल्दी बिस्तर से निकलकर काम पर लगना चाहेंगे। आपका काम ही आपका पहला प्यार बन जाएगा। जब ऐसा होगा तभी आप अपनी प्रोफेशनल जिंदगी में सच्ची सफलता हासिल कर पाएंगे।

अपना पैशन तलाशने के लिए एक और जरूरी चीज है फेल्योर को पॉजटिव शब्द बनाना। आप जितना ज्यादा फेल हों, उतना बेहतर। इससे आप चीजों की सही गुणवत्ता समझ पाएंगे।

रोज डायरी लिखना भी फायदेमंद होगा। अपने दिन के बारे में लिखिए। दिन में कुछ देर के लिए खुद को डिजिटल डिटॉक्स दीजिए। राइटिंग, अपना पैशन तलाशने में आपकी मदद करेगा।

आपको इस बात पर चिंतन करना होगा कि क्या करने में आपको वाकई मजा आता है। ये पेंटिंग हो सकता है, ड्राइविंग हो सकता है, बगीचे की देखभाल करना हो सकता है।

सबसे अच्छी बात ये है कि आज के आधुनिक युग में आपके सामने सीए, डॉक्टर, वकील या इंजीनियर जैसे 3-4 करिअर ऑप्शन्स ही नहीं हैं। आप जो चाहे बन सकते हैं। हर विकल्प के लिए ग्रोथ का पूरा मौका है।

टेक्नोलॉजी के सहारे आप अपने पैशन को एक सस्टेनेबल और प्रॉफिटेबल बिजनेस में बदल सकते हैं।

हर सफल व्यक्ति ने अपने पैशन को जीकर ही सफलता पाई है। जब आप अपने पैशन के लिए काम कर रहे होते हैं तो दरअसल आप काम नहीं कर रहे होते हैं। ये आपके लिए बिल्कुल नैचुरल होता है। आपको लगता ही नहीं कि आप काम कर रहे हैं।

फिजिक्स कहता है कि कुछ करने के लिए फोर्स की जरूरत होती है। लेकिन जब आप किसी चीज के प्रति पैशनेट होते हैं, जब उस काम में आपका दिल लगता है तो आप काम नहीं करते हैं। आप बस अपनी जिंदगी का सबसे बेहतर काम करना चाहते हैं। जब ऐसा होता है तभी हर आदमी आपके काम की तारीफ करता है।

हम सभी अलग-अलग हैं। आप एक मछली की तुलना एक बंदर से नहीं कर सकते हैं। एक मछली की तुलना सिर्फ उसी आकार की दूसरी मछली से की जा सकती है। किसी परीक्षा में बेहतर स्कोर करने से भी कहीं ज्यादा आपके जीवन का लक्ष्य अपना पैशन पहचानना होना चाहिए।