आज कहानी हरियाणा के शौफी गांव के रहने वाले गौरव राणा की। गौरव ब्यूटी सैलून का स्टार्टअप चला रहे हैं। मध्यप्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र में उनके सैलून हैं। वे इन राज्यों में ऑन डिमांड सर्विस भी प्रोवाइड कराते हैं। यानी जिसे जहां भी सर्विस चाहिए, वो एक कॉल पर सैलून की पूरी सर्विस ले सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने देश के तीन रेलवे स्टेशनों पर भी रेलून नाम से अपनी सर्विस शुरू की है। जहां वे कस्टमर्स को आधे घंटे के अंदर सैलून की फैसिलिटी प्रोवाइड कराते हैं। महज चार साल में उनकी कंपनी का वैल्यूएशन 20 करोड़ रुपए हो गया है। 150 से ज्यादा लोगों को उन्होंने रोजगार भी दिया है।
29 साल के गौरव का यह सफर मुश्किलों भरा रहा है। उनके पिताजी क्रॉकरी का बिजनेस करते थे। बढ़िया आमदनी हो जाती थी, लेकिन आगे चलकर उनके पापा और चाचा नशा करने लगे। इसका असर उनके कारोबार पर पड़ा। उनके ट्रक भी एक्सीडेंट का शिकार हो गए। धीरे-धीरे कारोबार घटने लगा और फिर एक दिन सब कुछ बेचकर वापस गांव लौटना पड़ा।
परिवार का खर्च चलाने के लिए नाई की दुकान पर काम किया
गौरव बताते हैं कि गांव लौटने पर मुसीबत और बढ़ गई। घर की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी। हालत यह हो गई कि मुझे खाना पकाने के लिए सड़कों पर से लकड़ी और गोबर लाने पड़ते थे। इसका असर मेरी पढ़ाई पर भी हो रहा था।
गांव में ही दादा जी ने एक किराने की दुकान खोली थी। जब 6-7वीं में था तो किराने की दुकान पर बैठता था। ताकि परिवार का खर्च निकल सके। खाली वक्त में नाई की दुकान पर भी काम करता था। मेरे दादा जी कहते थे कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। इसलिए मैं हर वो काम कर रहा था, जिससे मेरी पढ़ाई भी हो सके और घर का खर्च भी निकल सके।
जॉब के साथ-साथ इवेंट मैनेजमेंट का बिजनेस किया
गौरव ने 2008 में बोर्ड एग्जाम पास किया।और मेरिट लिस्ट में उन्हें जगह मिली। पैसे की कमी के चलते इंजीनियरिंग या मेडिकल करने के बजाय उन्होंने आगरा के एक कॉलेज से पॉलिटेक्निक किया। 2011 में इंदौर की एक प्राइवेट कंपनी में उनकी जॉब लग गई। ठीक-ठाक आमदनी होने लगी। नौकरी के साथ-साथ उन्होंने इवेंट मैनेजमेंट का काम भी शुरू कर दिया।
गौरव कहते हैं कि मेरी नाइट शिफ्ट की जॉब थी। इसलिए दिन में कुछ न कुछ करते रहता था ताकि और पैसे कमा सकूं। हालांकि इवेंट मैनेजमेंट का काम सफल नहीं हुआ। और जल्द ही उन्हें इसे बंद करना पड़ा।
2016 में शुरू किया ब्यूटी सलून का काम
गौरव बताते हैं कि मेरी मां ब्यूटीशियन का काम करती थीं। मैंने भी सलून में कई सालों तक काम किया था। इसलिए मैंने ऑन डिमांड सलून सर्विस शुरू करने का फैसला लिया। नौकरी के साथ-साथ मैं यह काम करता था। इसके लिए हमने एक ऐप डेवलप किया। इसकी मदद से लोग अपने मन मुताबिक जगह पर सर्विस के लिए ऑर्डर करते थे और हम उन्हें वो सर्विस प्रोवाइड कराते थे।
इसमें कमाई अच्छी होने लगी। फिर मैंने तय किया कि क्यों न खुद की शॉप ही खोल ली जाए। फिर मैंने नौकरी छोड़कर इंदौर और हरियाणा में कैलेप्सो नाम से सैलून ओपन किया।
रेलवे यात्रियों के लिए भी ऑन डिमांड सर्विस
साल 2019 में गौरव ने रेलवे यात्रियों के लिए ऑन डिमांड सलून की सर्विस लॉन्च की। अभी इंदौर, नागपुर, अहमदाबाद, नासिक में यह सर्विस चल रही है। आगे दूसरे शहरों में भी वे अपनी सर्विस शुरू करेंगे। इसके अलावा वे 50 ट्रेनों में कॉस्मेटिक सर्विसेज को उपलब्ध कराने की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
गौरव बताते हैं कि कई बार लोगों को काम के चलते कंटिंग या शेविंग के लिए वक्त नहीं मिल पाता है। ऐसे में उन्हें कहीं ट्रेवल करना हो तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमने यह सर्विस शुरू की। इसमें एक कॉल करने पर आधे घंटे में सैलून की सारी सुविधा यात्री को मिल जाएगी।
लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर हमारे काम पर हुआ
गौरव बताते हैं कि कोरोना के चलते जब देशभर में लॉकडाउन लगा तो उसका सबसे ज्यादा असर हमारे बिजनेस पर हुआ। हमारा काम पूरी तरह से ठप हो गया। संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने सलून की सर्विस लेनी बंद कर दी थी। इतना ही नहीं लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी कस्टमर्स की संख्या कम ही रही। हालांकि अब चीजें वापस ट्रैक पर लौट रही हैं। और हम जल्द ही अपने बिजनेस को फिर से रफ्तार देने में कामयाब होंगे।
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