2020 में कोरोना की दस्तक के बाद बहुत कुछ बदल गया। इसमें एक अहम पड़ाव है अमीर और गरीब के बीच की खाई। पिछले दो सालों में अमीर और अमीर बनता गया, जबकि गरीब और गरीब होता चला गया। इसका खुलासा ऑक्सफैम की हालिया रिपोर्ट से हुआ है, जिसका नाम है- प्रॉफिटिंंग फ्रॉम पैन।
आगे हम इस रिपोर्ट की बड़ी बातों को आसान भाषा में पेश कर रहे हैं….
ये उन लोगों के हालात हैं, जो कोरोना और रूस-यूक्रेन जंग से पहले किसी तरह गरीबी की रेखा से ऊपर उठ चुके थे।
क्या है वर्ल्ड इकानॉमिक फोरम
वर्ल्ड इकानॉमिक फोरम एक तरह से गवर्मेंट और प्राइवेट पार्टनर्शिप का एक इंटरनेशनल ग्रुप है। इसकी बैठक इस साल स्विट्जरलैंड के दावोस में हो रही है। कोरोना महामारी के कारण यह बैठक दो साल बाद हुई है।
अमीरों ने आपदा को अवसर में बदला
ऑक्सफेम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचरकी के अनुसार, कोरोनाकाल अमीरों के लिए वरदान बन गया जिससे, अमीरों और गरीबों के बीच असमानता बढ़ गई है। इसके साथ ही फ़ूड प्रोडक्ट्स, तेलों, दवाइयों के बढ़ते दामों ने भी आम जनता की नींद उड़ा रखी है। लेकिन इसके बावजूद अरबपतियों को इसका फायदा हुआ है। उनकी संपत्ति में तेजी से मुनाफा होता जा रहा है।
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