- अवैध निर्माण को रोकने में स्पेशल प्रोविजन एक्ट बताया जा रहा अड़ंगा
- होटल का जीएम और मैनेजर 2 दिन की रिमांड पर, क्राइम ब्रांच को सौंपा गया केस
नई दिल्ली. करोलबाग के होटल अर्पित पैलेस अग्निकांड मामले में पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें होटल की तमाम खामियों का जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया कि होटल की छत पर अवैध रेस्टोरेंट के अलावा इसके बेसमेंट में एक अवैध रसोई चल रही थी।
यहां के अवैध निर्माणों को लेकर एमसीडी सूत्रों का कहना है इन्हें 6 बार गिराने का फैसला किया गया था। 5 बार 1993 और एक बार 1994 में। अब 2019 में होटल में 17 लोगों की जान चली गई लेकिन कार्रवाई अभी तक नहींं की गई। इस अग्निकांड में सोमवार को घटना के वक्त होटल में 60 गेस्ट और 12 लोगों का स्टाफ मौजूद था।
किचन में ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल : पुलिस ने करोलबाग थाने में होटल मालिक के खिलाफ सब इंस्पेक्टर नारायण के बयान पर जो केस दर्ज किया उसके मुताबिक होटल में कोई पैनिक बटन नहीं था, न इमरजेंसी गेट की ओर इशारा करते साइनेज डिस्पले थे। जांच पुलिस ने पाया होटल की छत पर अवैध तरीके से किचन चलाने के लिए प्लास्टिक व ज्वलनशील मेटेरियल का अस्थायी ढांचा बना रखा था। बिल्डिंग की दीवारों और पार्टीशन को बनाने में काफी जगह प्लास्टिक व ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया गया था। छत पर किचन में ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया गया था।
गुपचुप मुआयना करने पहुंची मॉनिटरिंग कमेटी : मॉनिटरिंग कमेटी बुधवार को गुपचुप तरीके से अर्पित होटल एवं उसके आसपास के इलाके की अनियमितताएं देखने गई। यह एरिया स्पेशल प्रोविजन एक्ट के तहत कवर है। इससे यहां मॉनिटरिंग कमेटी के सीलिंग के फैसले पर भी स्टे लग चुका है। कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि एफएआर 15 मीटर तक है, मगर ऊंचाई ज्यादा थी। आसपास के कई होटलों में अवैध गतिविधियां हो रही हैं। सदस्य ने कहा स्पेशल प्रोविजन एक्ट की वजह से इलाके में अवैध गतिविधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है।
जीएम-मैनेजर को आज होटल लेकर जाएगी पुलिस :मौके का मुआयना करने के लिए गुरुवार सुबह सभी एजेंसी के अधिकारी होटल पहुंचेंगे। गिरफ्तार किए गए होटल के जीएम राजेंद्र और मैनेजर विकास को भी साथ लेकर जाया जाएगा। दोनों को पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद 2 दिन के रिमांड पर लिया है। होटल का मालिक अब भी फरार है।
जिसे पुलिस ने माना लालचंद, परिवार ने किया इंकार : आरएमएल की मॉर्चरी में बुरी तरह जल चुकी एक लाश को पुलिस लालचंद मानकर चल रही है। बॉडी को पीड़ित परिवार को चार-पांच बार दिखाया जा चुका है, लेकिन परिवार उन्हें लालचंद मानने का तैयार नहीं है। परिवार ने इस लाश का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है।