नई दिल्ली(शरद पाण्डेय) . देश के पहले दो एंटी थेफ्ट ई-हाईवे पर इस साल से इलेक्ट्रिक वाहन चलने शुरू हो जाएंगे। दिल्ली से आगरा (यमुना एक्सप्रेस-वे) और दिल्ली से जयपुर के बीच करीब 500 किमी में इलेक्ट्रिक हाईवे का काम लगभग खत्म होने की ओर है। इसके लिए प्राइवेट ऑपरेटर ने एक साल में 100 बसें और 2000 कार टैक्सी के रूप में चलाने के लिए सहमति दे दी है। यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। इसकी खासियत यह है कि बेड़े में शामिल कोई भी वाहन तय रूट से निश्चित दूरी से इधर-उधर होगा, तो वाहन लॉक हो जाएगा। इसके लिए ग्रेटर नोएडा और गुड़गांव में दो कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। इन दोनों हाईवे के इसी साल शुरू हो जाने के बाद देशभर के 9 और हाईवे को ई-हाईवे बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
ई-हाईवे के बेड़े में शामिल सभी वाहन टेलीमैट्रिक्स के जरिए चार्जिंग स्टेशन से आपस में लिंक रहेंगे। वाहनाें के रूट की मैपिंग कर दी जाएगी। जब कोई वाहन निर्धारित रूट से अलग जाएगा, तो ऑटोमैटिक अलार्म बजेगा। इसके बाद कंट्रोल रूम से ड्राइवर से संपर्क किया जाएगा। वहां से जब कोई जवाब नहीं मिलेगा तो वाहन लॉक कर दिया जाएगा। इससे सभी चार्जिंग पॉइंट बंद हो जाएंगे और वाहन खड़ा हो जाएगा। इन वाहनों में एंटी थेफ्ट तकनीक 98% से अधिक सफल है। ये सुविधा सिर्फ उन्हीं वाहनों को मिलेगी, जो इन रूट के लिए संभागीय कार्यालय से पंजीकृत होंगे।
30 मिनट में वाहनों को बैकअप मिलेगा
नेशनल हाईवे इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोजेक्ट के निदेशक अभिजीत सिन्हा ने बताया कि इस हाईवे में 30 मिनट में वाहनों को बैकअप देने की भी व्यवस्था की गई है। वाहन और चार्जिंग स्टेशन दोनों आपस में लिंक होने से जिस-जिस स्टेशन से गाड़ी पार होगी, उससे अगले स्टेशन को गाड़ी की पूरी सूचना पहुंचती जाएगी। इसमें यह भी मैसेज पहुंचेगा कि गाड़ी में कितनी बैटरी बची है। 100-100 किमी की दूरी में चार्जिंग पॉइंट लगे हैं, इसलिए गाड़ी की अधिकतम दूरी 50 किमी ही हो सकती है। 30 मिनट में अगले स्टेशन से बैकअप लेकर वाहन से पहुंचा दिया जाएगा। इन वाहनों में यह भी सुविधा होगी कि अगर कोई बगैर ड्राइवर के खुद ड्राइव कर आगरा या जयपुर जाना चाहता है, तो वाहन किराए पर ले सकता है।
दो के बाद ये 9 हाईवे ई-हाईवे में बदलेंगे
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