नई दिल्ली. दिल्ली में प्याज की कीमतें नीचे उतरने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच केंद्र सरकार से दिल्ली सहित देशभर के सचिवों को मिली चिट्ठी ने आम आदमी पार्टी सरकार की नींद और उड़ा दी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव अविनाश के. श्रीवास्तव ने मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में कहा है कि सरकार मिश्र से प्याज आयात कर रही है। जो 10 दिसंबर से 31 दिसंबर तक आएंगी। ये मुंबई में अन्य खर्च के साथ 52-55 रुपए प्रति किलो और दिल्ली के लिए प्याज आने के 5 दिन बाद 60 रुपए प्रति किलो में उपलब्ध करा सकते हैं।
दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने प्याज की आपूर्ति को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पाास को गुरुवार को पत्र लिखकर राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैफेड) से पुरानी 15.60 रुपए प्रति किलो की दर पर दिलवाने की मांग रखी है। तर्क दिया है कि सितंबर से नैफेड उपलब्ध करा रहा था जिसकी वजह से दिल्ली सरकार प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड (पीएसएफ) में मिलने वाली प्याज खुदरा में 23.90 रुपए प्रति किलो पब्लिक को उपलब्ध करा रही थी। लेकिन हाल में रिव्यू मीटिंग में नैफेड ने प्याज की सप्लाई केंद्र सरकार के कहने पर रोकने की जानकारी दी गई। अलवर की मंडी और मिश्र की आयातित प्याज खरीद रेट व ढुलाई खर्च पर दिए जाने की जानकारी दी गई। मंत्री ने लिखा है अब केंद्रीय सचिव की 23 नवंबर को मिली चिट्ठी में कहा गया 60 रुपए किलो प्याज मिलेगी। ये जनता की पहुंच से बाहर हो जाएगी।
कांग्रेस करेगी रामविलास पासवान का घेराव
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा है कि दिल्ली में प्याज की कीमतें जल्द कम नहीं हुई तो केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का घेराव करेंगे। कीमतें 100-120 रु. किलो तक पहुंच गई। केंद्र सरकार के साथ जमाखोरों पर कार्रवाई नहीं करने के लिए दिल्ली सरकार भी जिम्मेदार है।
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