- 30 प्रतिशत बुक्स और 70 प्रतिशत क्रिएटिविटी, इनोवेशन काे मिलेगा वेटेज
Dainik Bhaskar
Dec 02, 2019, 02:56 PM ISTनई एजुकेशन पॉलिसी में तकनीकी संस्थानों में चल रही रट्टा तकनीक को खत्म करने पर विचार किया गया। इसके अनुसार, तकनीकी संस्थानों में प्रेक्टिकल जैसे प्रश्नों काे 70 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। एआईसीटीई ने इसकी शुरूआत कर ताे दी। लेकिन ज्यादातर शिक्षकों काे यह कैसे करना है, प्रश्न पत्र कैसे तैयार हाेंगे, इसकी जानकारी नही है। एआईसीटीई हर जगह वर्कशाॅप, सेमीनार आयोजित करके शिक्षकों काे विशेष जानकारी दे रहा है। ताकि इसे बढ़ाया जा सके।
पारंपरिक विषयों से मिलने वाली नौकरियों पर संकट
एआईसीटीई के चेयरमेन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे का कहना है कि ग्रॉस एनरोलमेंट रेशो अब 26% है। जिसमें से एक चौथाई छात्र तकनीकी शिक्षा के हैं। पहले जहां क्वांटिटी पर फोकस किया जाता था, अब क्वालिटी पर फोकस करने की जरूरत है। इसके लिए काउंसिल की ओर से करिकुलम रिवीजन किया जा रहा है। क्योंकि 40% ऐसी नौकरियां है जो पारंपरिक विषयों को पढ़ने से मिल जाती थी, वे जल्द ही खत्म होने की कगार पर हैं। इसके लिए नई एजुकेशन पॉलिसी में एग्जामिनेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव करने पर फोकस किया जा रहा है।
पाॅलिटेक्निक काेर्स में भी विषय कम करके प्रैक्टिकल बढ़ेगा
ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्निकल एजुकेशन ने पॉलिटेक्निक काेर्स में भी प्रेक्टिकल नॉलेज बढाने के लिए सेशन- 2020 से सिलेबस में बदलाव की तैयारी कर ली है। छात्र काे अब 8- 10 सप्ताह की जहां इंटर्नशिप करना जरूरी हाेगी वहीं करीब 5 विषय कम करते हुए प्रेक्टिकल का वेटेज बढ़ाया जाएगा। इसी तरह जॉॅब ओरिएंटेड बनाने के लिए एआईसीटीई इंजीनियरिंग में डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विषय भी ला रहा है।