बसपा ने पहले चरण की विधानसभा सीटों के 12 नामों की एक और सूची जारी की है। इसमें शामली की थानाभवन सीट से जहीर मालिक, मुजफ्फरनगर की खतौली से करतार सिंह भड़ाना, मेरठ शहर से मोहम्मद दिलशाद, बागपत से अरुण कसाना, साहिबाबाद से अजीत कुमार पाल, गाजियाबाद से कृष्ण कुमार शुक्ल, हापुड़ की गढ़मुक्तेश्वर से मदन चौहान, बुलंदशहर से मोबीन कल्लू कुरैशी, अलीगढ़ की खैर (सुरक्षित) से चारूकेन, मथुरा से सतीश कुमार शर्मा, आगरा की एत्मादपुर से प्रबल प्रताप सिंह, और आगरा उत्तरी से शब्बीर अब्बास को टिकट दिया गया है।
भाजपा में शामिल हो सकती हैं कांग्रेस के 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' की पोस्टर गर्ल
यूपी में कांग्रेस के 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' अभियान की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्य भाजपा में शामिल हो सकती हैं। यूपी चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से प्रियंका नाराज हैं। यूपी में महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष प्रियंका मौर्य ने कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) मेरे चेहरे, मेरे नाम और मेरे 10 लाख सोशल मीडिया फॉलोअर्स का इस्तेमाल प्रचार के लिए किया। जब आने वाले चुनाव के लिए टिकट की बात आई, तो यह किसी और को दे दिया गया। यह अन्याय है। उन्होंने कहा कि मुझे टिकट नहीं मिला, क्योंकि मैं ओबीसी हूं।
प्रियंका मौर्य लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से चुनाव की तैयारी कर रही थीं। मगर कांग्रेस ने इस सीट से रुद्र दमन सिंह को टिकट दिया है। प्रियंका ने पिछले दिनों टिकट के बदले घूस मांगने का आरोप लगाया था। उन्होंने प्रियंका गांधी के सचिव संदीप सिंह पर यह आरोप लगाया था। कांग्रेस की सूची जारी होने के कुछ घंटे बाद ही उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि संदीप सिंह ने उनसे टिकट के एवज में रुपए के लिए किसी से फोन करवाया था। रुपए न देने पर उनकी जगह किसी और के नाम की घोषणा कर दी। उनका दावा है कि हर आरोप का उनके पास पुख्ता सबूत हैं, जिसे वक्त आने पर वह दिखाएंगी।
यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने सपा की सदस्यता से दिया इस्तीफा
यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले सपा को एक और झटका लगा है। यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने सपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है। नितिन पूर्व मंत्री और सांसद रहे नरेश अग्रवाल के बेटे हैं।
नितिन हरदोई सदर की सीट से 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। उनके पिता नरेश अग्रवाल इस सीट से सात बार विधायक रह चुके हैं। नितिन अग्रवाल पहली बार 2008 में अपने पिता के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट से उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उसके बाद पिता के साथ सपा में शामिल हो गए।
2012 में सपा के टिकट पर विधायक बने। अखिलेश यादव की सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे। 2017 में सत्ता बदली तो पिता नरेश अग्रवाल 2018 में भाजपा में शामिल हो गए। नितिन अग्रवाल लगातार सपा के खिलाफ बागी रुख अपनाए हुए थे। जिसकी वजह से सदन में सपा के नेता रामगोविंद चौधरी ने उनकी सदस्या खारिज करने की अपील की थी। मगर, स्पीकर हृदयनारायण दीक्षित ने इसे खारिज कर दिया था।
भाजपा समर्थित सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष चुना गया था। डिप्टी स्पीकर के चुनाव में नितिन अग्रवाल को 304 वोट मिले थे। वहीं नरेंद्र वर्मा को 60 वोट मिले थे। इस चुनाव के लिए भाजपा ने जहां सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया था, तो सपा ने पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा को मैदान में उतारा था।
यूपी विधानसभा को लगभग 14 साल बाद विधानसभा का उपाध्यक्ष मिला था। आखिरी बार 2007 में राजेश अग्रवाल यूपी विधानसभा के आखिरी डिप्टी स्पीकर थे। उसके 14 साल बाद यूपी में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव हुआ था। इसके लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र भी बुलाया गया था।
भाजपा ने 30 स्टार प्रचारक घोषित किए- वरुण, मेनका और मंत्री टेनी का नाम नहीं
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी से अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इसमें बीजेपी ने कुल 30 नामों का एलान किया है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जेपी नड्डा सहित जेपी एस राठौर और भोला सिंह का नाम शामिल है। खास बात है कि इस बार की लिस्ट में मेनकी गांधी और वरुण गांधी के नाम नही है। वहीं, गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को भी स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं किया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें..
ये नाम हैं शामिल
1 | नरेंद्र मोदी |
2 | जे.पी नड्डा |
3 | राजनाथ सिंह |
4 | अमित शाह |
5 | नीतिन गडकरी |
6 | स्वतत्र देव सिंह |
7 | धर्मेंद्र प्रधान |
8 | योगी आदित्यनाथ |
9 | राधामोहन सिंह |
10 | मुख्तार अब्बास नकवी |
11 | स्मृति ईरानी |
12 | केशव प्रसाद मौर्य |
13 | दिनेश शर्मा |
14 | संजीव बलियान |
15 | जसंवत सैनी |
16 | अशोक कटारिया |
17 | हेमा मालिनी |
18 | सुरेंद्र नागर |
19 | जनरल बीके सिंह |
20 | चौधरी भूपेंद्र सिंह |
21 | बीएल वर्मा |
22 | राजवीर सिंह |
23 | एसपी सिंह बघेल |
24 | निरंजन ज्योति |
25 | कान्ता करदम |
26 | रजनीकांत महेश्वरी |
27 | मोहित बेनीवाल |
28 | धर्मेद्र कश्यप |
29 | जेपीएस राठौर |
30 | भोला सिंह खटिक |
छपरौली विधानसभा सीट पर रालोद ने बदला उम्मीदवार, प्रोफेसर अजय कुमार को बनाया प्रत्याशी
रालोद ने अपने गढ़ में अचानक बड़ा परिवर्तन कर दिया है। बागपत की छपरौली विधानसभा सीट पर रालोद ने अपना प्रत्याशी बदल दिया। पूर्व एमएलए वीरपाल राठी का टिकट काटकर पूर्व एमएलए प्रोफेसर अजय कुमार को अपना नया प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि दो दिन पहले वीरपाल राठी को प्रत्याशी घोषित किया था। बताया जा रहा है कि पूर्व एमएलए वीरपाल राठी को टिकट देने का चल रहा था विरोध। इस वजह से अपने ही क्षेत्र में वीरपाल को कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा था।
अखिलेश भी लड़ेंगे यूपी विधानसभा चुनाव, छोड़नी होगी लोकसभा की सदस्यता
यूपी विधानसभा चुनाव में योगी ने गोरखपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अब अखिलेश भी चुनाव लड़ेंगे। फिलहाल, वह कहां से चुनाव लड़ेंगे ये बात साफ नहीं हो सकी। बता दें कि वर्तमान समय में वो आजमगढ़ से सांसद हैं।
अखिलेश अगर विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें लोकसभा की सदस्यता छोड़नी होगी। अखिलेश यादव आजमगढ़, कन्नौज से या फिर पूर्वांचल की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। चुनावी रण में उतरने के सवाल पर अखिलेश ने अब तक यही कहा है कि अगर पार्टी तय करेगी तो वह चुनावी मैदान में जरूर उतरेंगे। दैनिक भास्कर से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बाद खुद के चुनाव मैदान में उतरने पर फैसला करेंगे। अगर चुनाव लड़ते हैं, तो अखिलेश पहली बार विधानसभा का रण लड़ेंगे। पूरी खबर पढ़ें
गाजियाबाद सीट पर केके शुक्ला बसपा प्रत्याशी घोषित
गाजियाबाद में भाजपा को जोर का झटका लगा है। भाजपा के पश्चिमी यूपी के उपाध्यक्ष केके शुक्ला पार्टी छोड़ गए हैं। वह टिकट न मिलने से नाराज थे। बसपा ने उन्हें जॉयनिंग के साथ ही गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। गाजियाबाद के लाइन पार इलाके में पहले से सिटिंग विधायक एवं मंत्री अतुल गर्ग का विरोध है। अब अतुल के सामने उनकी पार्टी के पुराने कार्यकर्ता केके शुक्ला के खड़े हो जाने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
मंत्री अतुल गर्ग की जगह खुद को टिकट न मिलने पर भाजपा छोड़ी
केके शुक्ला भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष थे। आचार संहिता घोषित होने से पहले भाजपा ने तमाम शहरों में जनविश्वास यात्राएं निकाली। उन्हें इन यात्राओं का वेस्ट यूपी क्षेत्रीय संयोजक बनाया गया था। 25 दिसंबर को गाजियाबाद में योगी आदित्यनाथ की जनविश्वास यात्रा में भी प्रमुख भूमिका में रहे थे। कहा जाता है कि शहर सीट से विधायक और मौजूदा प्रत्याशी अतुल गर्ग और केके शुक्ला ने संघ की शाखाएं एक समय में एकसाथ की थी। मतलब ये है कि केके शुक्ला काफी पुराने बीजेपी कार्यकर्ता थे। इस बार वह गाजियाबाद विधानसभा सीट से अतुल गर्ग की जगह टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने सिटिंग विधायक पर ही दोबारा भरोसा जताया। इससे नाराज होकर केके शुक्ला ने भाजपा को अलविदा कह दिया।
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