समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को 56 प्रत्याशियों की तीसरी लिस्ट जारी की है। इसमें कई चौंकाने वाले नाम हैं। गोरखपुर ग्रामीण से विजय बहादुर, चिल्लुपार से हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय तिवारी को टिकट दिया है। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल को कौशाम्बी चायल से टिकट मिला है। बसपा से आए लालजी वर्मा और रामअचल राजभर को भी टिकट दिया है। सूची में 12 यादव, 9 मुस्लिम और 10 एससी चेहरे हैं। इनमें 5 महिलाएं हैं। भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को भी टिकट दिया गया है।
गोरखपुर की सदर सीट पर मंथन
सपा ने गोरखपुर की 7 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन गोरखपुर सदर से प्रत्याशी का अभी ऐलान नहीं किया गया है। इस सीट से सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ चुनावी मैदान में हैं। सूत्रों की मानें तो अखिलेश जिताऊ प्रत्याशी तलाश रहे हैं। यह भी बात सामने आ रही है कि गोरखपुर से वर्तमान भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल को सपा से टिकट मिल सकता है। योगी के गोरखपुर सदर से चुनाव लड़ने के कारण राधा मोहन का टिकट काट दिया गया है, जिससे वह नाराज हैं।
भाजपा से सपा में आए दारा सिंह को घोसी से टिकट
भाजपा से बगावत करके पहुंचे कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान को घोसी विधानसभा से मैदान में उतारा है। इसके अलावा बसपा से सपा में गए पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी को चिल्लूपार से, अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा से बाहुबली माफिया अभय सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
बसपा सरकार में मंत्री रहे लाल जी वर्मा को कटेहरी विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। पूर्व मंत्री राम अचल राजभर को अंबेडकर नगर की अकबरपुर सीट से प्रत्याशी बनाया गया। अंबेडकरनगर की चारों सीटों पर बसपा से आए हुए लोगों को ही टिकट मिला है।
तिवारी परिवार ने तकरीबन डेढ़ दशक तक बसपा को किया मजबूत
पूर्वांचल की राजनीति में हरिशंकर तिवारी की पहचान ब्राह्मणों के बाहुबली नेता के तौर पर होती है। 12 दिसंबर 2021 को हरिशंकर तिवारी का कूनबा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया था। इसी के साथ सपा की पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण चेहरे की तलाश भी पूरी हो गई। विनय शंकर के साथ उनके रिश्तेदार और विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय व पूर्व सांसद कुशल तिवारी भी सपा में आ गए। यह परिवार तकरीबन डेढ़ दशक से पूर्वांचल में बहुजन समाज पार्टी का झंडा थाम कर ब्राह्मण-दलित गठजोड़ को मजबूत कर रहा था। मौजूदा समय में हरिशंकर तिवारी भले ही राजनीति में एक्टिव न हों, लेकिन उनके हाते से निकला फरमान आज भी सियासी गणित को बदलता रहा है। आज भी पूर्वांचल के बाहुबली और माफियाओं में उनका नाम इज्जत से लिया जाता है।
मोदी-योगी लहर में भी मिली थी जीत
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी-योगी की प्रचंड लहर के बावजूद गोरखपुर की चिल्लूपार सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी को हराकर बसपा को जीत दिलाई थी। वह जिले के इकलौते गैर भाजपाई विधायक रहे। इसके पहले वह 2012 के विधानसभा चुनाव में बांसी से 2009 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर और 2008 के उपचुनाव में बलिया से भी हाथ आजमा चुके हैं।
वहीं 2007 में बसपा सरकार के दौरान दलित ब्राह्मण गठजोड़ में सतीश मिश्रा के बाद गणेश शंकर पांडेय की भूमिका दूसरे नंबर पर मानी जाती थी। गोरखपुर और महाराजगंज से 4 बार विधान परिषद सदस्य रह चुके गणेश शंकर पांडेय 2010 में विधान परिषद के सभापति चुने गए थे। विनय शंकर के बड़े भाई भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी बसपा के टिकट पर ही 2 बार सांसद रह चुके हैं। 1 बार 2007 के उप चुनाव जबकि दूसरी बार 2009 के लोकसभा चुनाव में खलीलाबाद लोकसभा सीट से वह सांसद रहे हैं।
ये रहा है हरिशंकर तिवारी का इतिहास
उत्तर प्रदेश में ठाकुरों और ब्राह्मणों के बीच वर्चस्व की जंग गोरखपुर की जमीन से ही शुरू हुई थी। वीरेंद्र शाही और हरिशंकर तिवारी के बीच की लड़ाई की वजह से ही पूर्वांचल की सियासत में बाहुबलियों के लिए दरवाजे खोल दिए। हरिशंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा सीट से 6 बार विधायक भी रहे। हालांकि 2007 में उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा। हरिशंकर तिवारी कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मुलायम सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। जानकारों का मानना है कि इस ब्राह्मण परिवार का सपा में जाना बसपा के लिए झटका तो होगा ही, साथ ही बीजेपी के लिए भी चुनौती बढ़ेगी, क्योंकि ब्राह्मणों के नाराजगी का मुद्दा योगी सरकार में काफी गरमाया हुआ है।
अखिलेश को ठाकुरों पर सबसे कम भरोसा
अखिलेश ने 56 प्रत्याशियों की जो लिस्ट जारी की है। उसमें सबसे ज्यादा ओबीसी प्रत्याशी हैं। वहीं, 10 मुस्लिम। यानी वाई-एम समीकरण पर अखिलेश पर पूरा फोकस रहा है। इसके अलावा, सबसे कम भरोसा अखिलेश ने ठाकुरों और ब्राह्मणों पर जताया है।
जाति-वर्ग | संख्या |
ओबीसी | 22 |
मुस्लिम | 9 |
एससी | 13 |
ब्राह्मण | 7 |
ठाकुर | 4 |
अंबेडकरनगर में दल-बदलुओं को टिकट
अंबेडकरनगर में समाजवादी पार्टी ने जिले की 4 विधानसभा सीटों पर बीएसपी से आए दल-बदलुओं को अपना उम्मीदवार चुना है। इसमें अकबरपुर से रामअचल राजभर, कटेहरी से लालजी वर्मा, जलालपुर से राकेश पांडेय और आलापुर से त्रिभुवन दत्त को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है।
9 मुस्लिमों को टिकट
गुरुवार को जारी लिस्ट में सपा ने 9 मुस्लिमों को टिकट दिया है। इनमें 2 मौजूदा विधायक हैं और 2 नेताओं ने 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2017 में भदोही सीट पर महज 0.5% वोट से हारने वाले जाहिद बेग पर सपा ने फिर भरोसा जताया है। अमेठी जिले की तिलोई सीट से पार्टी ने मोहम्मद नईम को टिकट दिया है। सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज सीट से बसपा से आईं सईदा खातून को उतारा गया है। 2017 में यहां से बसपा के टिकट पर लड़ीं सईदा महज 171 वोट से भाजपा उम्मीदवार राघवेंद्र प्रताप सिंह से हार गईं थीं।
अभिनेत्री काजल को कैंपियरगंज से टिकट
सपा ने कैंपियरगंज से अभिनेत्री काजल निषाद को टिकट दिया है। काजल भोजपूरी के साथ ही कई फिल्मों और टीवी सीरियल में काम कर चुकी हैं। मशहूर टीवी सीरियल लापतागंज से उन्हें एक अलग पहचान मिली थी। काजल मुंबई की रहने वाली हैं, उनके माता-पिता कच्छ गुजरात से हैं। काजनल ने गोरखपुर जिले भाऊपार गांव के रहने वाले भोजपुरी फिल्म निर्माता संजय निषाद से शादी की है। काजल निषाद का नाम तब उछला जब वह एक विवाद में फंसी। फरवरी 2021 में उन्होंने बीएसपी नेता राम भुवाल निषाद और उनके समर्थकों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया कि ककरखोर में चुनाव प्रचार के दौरान राम भुवाल व उनके समर्थकों ने उन पर जानलेवा हमला करवाया था।
फूलपुर पवई में पिता-पुत्र के बीच हो सकता है मुकाबला
आजमगढ़ जिले की फूलपुर पवई से बाहुबली नेता रमाकांत यादव को सपा ने टिकट देकर मैदान में उतारा है। रमाकांत यादव आजमगढ़ सीट से सासंद और फूलपुर पवई सीट से विधायक रह चुके हैं। इस सीट पर रमाकांत के बेटे अरुण भाजपा से विधायक हैं। अगर भाजपा अरुण को टिकट देती है तो इस सीट पर पिता-पुत्र के बीच सीधी लड़ाई होगी।
56 प्रत्याशियों की पूरी लिस्ट देखें...
धौरहरा | वरुण चौधरी |
मोहम्मदी | दाउद अहमद |
सवायजपुर | पदमराज सिंह पम्मू |
बालामऊ | रामबलि वर्मा |
तिलोई | मो. नईम गुर्जर |
बाबागंज | गिरिजेश |
चायल | पूजा पाल |
फूलपुर | मुर्तजा सिद्दीकी |
कुर्सी | राकेश वर्मा |
रामनगर | फरीद महमूद किदवई |
बाराबंकी | धर्मराज सिंह उर्फ सुरेश यादव |
दरियाबाद | अरविन्द सिंह गोप |
गोसांईगंज | अभय सिंह |
कटेहरी | लालजी वर्मा |
आलापुर | त्रिभुवन दत्त |
जलालपुर | राकेश पाण्डेय |
अकबरपुर | रामअचल राजभर |
महसी | के के ओझा |
गैसड़ी | एस पी यादव |
बलरामपुर | जगराम पासवान |
कपिलवस्तु | विजय कुमार |
इटावा | माताप्रसाद पाण्डेय |
डुमरियागंज | सईदा खातून |
कप्तानगंज | अतुल चौधरी |
कैंपियरगंज | काजल निषाद |
पिपराइच | अमरेन्द्र निषाद |
गोरखपुर ग्रामीण | विजय बहादुर |
सहजनवां | यशपाल रावत |
खजनी | रूपवती |
बांसगांव | संजय कुमार |
चिल्लूपार | विनय तिवारी |
पथरदेवा | ब्रह्मा शंकर तिवारी |
रामपुरकारखाना | गजाला लारी |
भाटपाररानी | आशुतोष उपाध्याय |
अतरौलिया | संग्राम सिंह यादव |
गोपालपुर | नफीस अहमद |
आजमगढ़ | दुर्गा प्रसाद यादव |
निजामाबाद | आलम बदी |
फूलपुर पवई | रमाकांत यादव |
दीदारगंज | कमलाकांत राजभर |
लालगंज | बेचई सरोज |
घोसी | दारा सिंह चौहान |
सिकंदरपुर | जियाउद्दीन रिजवी |
फेफना | संग्राम सिंह |
बांसडीह | रामगोविन्द चौधरी |
बदलापुर | बाबा दुबे |
शाहगंज | शैलेन्द्र यादव ललई |
मल्हनी | लकी यादव |
केराकत | तूफानी सरोज |
जंगीपुर | वीरेन्द्र यादव |
जमानिया | ओमप्रकाश सिंह |
सफलडीह | प्रभुनाथ सिंह |
भदोही | जाहिद बेग |
रॉबर्ट्सगंज | अविनाश कुशवाहा |
ओबारा | सुनील सिंह गौड़ |
दुद्धी | विजय सिंह गौड़ |
रामपुर कारखाना सीट से गजाला लारी को टिकट
बांसगांव सुरक्षित सीट से डॉक्टर संजय कुमार, देवरिया की रामपुर कारखाना सीट से गजाला लारी, भाटपार रानी सीट से आशुतोष उपाध्याय, आजमगढ़ की अतरौलिया सीट से संग्राम सिंह यादव, गोपालपुर से नफीस अहमद, आजमगढ़ से दुर्गा प्रसाद यादव, निजामाबाद से आलम बदी, दीदारगंज से कमला कांत राजभर और लालगंज सुरक्षित सीट से बेचारी सरोज को सपा ने टिकट दिया है।
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