चुनावी मौसम शायद एकमात्र ऐसा समय होता है जब नेताजी को नामांकन के साथ जमा होने वाले शपथ पत्र में सच लिखना पड़ता है। इन शपथ पत्रों की परतों में पिछले 5 साल की कमाई, देनदारी और रिश्तेदारी की हर कहानी होती है। उत्तर प्रदेश के पहले चुनावी रण के लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि निकल चुकी है। खास बात ये है कि इस चरण में मौजूदा सरकार के 9 मंत्री भी उतरे हैं। दैनिक भास्कर ने इन मंत्रियों के 2017 के चुनावी शपथ पत्र से इस बार के शपथ पत्र की तुलना की।
अमीरी-गरीबी और आपराधिक मामलों के लेखे-जोखे के साथ ही कई रोचक तथ्य भी सामने आए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग की पत्नी सुधा गर्ग ने प्रोड्यूसर एकता कपूर को कभी 3 लाख रुपए बतौर ऋण दिए थे। इसका जिक्र उन्होंने 2017 के शपथ पत्र में किया था। 2022 के शपथ पत्र में भी इस कर्ज का उल्लेख है। 5 साल में भी एकता कपूर ये कर्ज चुकता नहीं कर पाईं। अतुल गर्ग ने 2017 में एकता कपूर की कंपनी बालाजी एसोशिएट्स में 54.50 लाख के निवेश की बात बताई थी। हालांकि 2022 में उन्होंने ऐसे किसी निवेश का जिक्र नहीं किया है।
आइए आपको मंत्रियों के शपथ पत्रों के ऐसे ही और रोचक तथ्यों से रू-ब-रू करवाते हैं-
सबसे अमीर अतुल गर्ग: सालाना आय 47 लाख से घटकर 16 लाख रह गई, मगर चल-अचल संपत्ति दोगुनी हुई
गाजियाबाद सीट से लड़ रहे मंत्री अतुल गर्ग पहले रण के 9 मंत्रियों में सबसे अमीर हैं। गर्ग ने 2017 में आईटी रिटर्न के मुताबिक सालाना आय 47.17 लाख बताई थी। 2022 में यह सालाना आय 16.11 लाख रह गई। इसके बावजूद उनकी चल संपत्ति 2.17 करोड़ से बढ़कर 4.07 करोड़ हो गई। वहीं अचल संपत्ति भी 7.27 करोड़ से बढ़कर 14.47 करोड़ हो गई। गर्ग ने बीकॉम प्रथम वर्ष तक ही पढ़ाई की है। करोड़पति होने के बावजूद अतुल गर्ग के नाम पर कोई वाहन नहीं है।
सबसे गरीब सुरेश राणा : पहले रण के 9 मंत्रियों में अकेले जो करोड़पति नहीं...मगर 5 साल में 2 हथियार ले लिए
थाना भवन सीट से उतरे गन्ना मंत्री सुरेश राणा इन 9 मंत्रियों में सबसे गरीब हैं। उनकी और उनकी पत्नी की चल-अचल संपत्ति कुल 81.69 लाख की है। वैसे तो इन 9 में से 5 मंत्रियों के खिलाफ केस लंबित हैं, मगर राणा अकेले मंत्री हैं जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज है। कैराना में धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के केस में लूट की धाराएं भी जुड़ी हुई हैं। यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है। 5 साल में राणा करोड़पति भले न हुए हों, मगर उन्होंने 2 हथियार जरूर ले लिए। 2022 के शपथ पत्र में उन्होंने एक पिस्टल और पत्नी के पास एक रिवॉल्वर दर्शाया है।
श्रीकांत शर्मा : मंत्री जी की जमीन के भाव जस के तस, दिल्ली में पत्नी के फ्लैट के दाम सिर्फ 4 लाख बढ़े
मथुरा से चुनाव लड़ रहे शर्मा की चल-अचल संपत्ति सिर्फ 19.38 लाख की है। उनसे ज्यादा अमीर उनकी पत्नी हैं। पत्नी की चल-अचल संपत्ति 1.03 करोड़ की है। खास बात ये है कि गोवर्धन के गंठोली गांव में शर्मा की 1 एकड़ की कृषि भूमि है। इसकी कीमत 2017 में उन्होंने 10 लाख रुपए दर्शाई थी। 2022 में भी इसकी कीमत 10 लाख ही है। शर्मा की पत्नी के नाम पर दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में एक फ्लैट है। इसकी कीमत 2017 में 68 लाख थी जो 5 साल में सिर्फ 4 लाख रुपए बढ़कर 72 लाख हुई है।
संदीप सिंह : कल्याण सिंह के पौत्र विदेश से पढ़ाई कर लौटे अकेले मंत्री
वित्त, चिकित्सा शिक्षा व तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता कल्याण सिंह के पौत्र हैं। अतरौली से चुनाव लड़ रहे संदीप इन 9 मंत्रियों में अकेले हैं जो विदेश से पढ़ाई कर लौटे हैं। उन्होंने यूके की लीड्स यूनिवर्सिटी से एमए किया है। 2017 में इन्होंने वार्षिक आय 12.95 लाख रुपए दर्शाई थी। 2022 में यह घटकर 10.44 लाख रुपए रह गई। जबकि उनकी चल संपत्ति 42.93 लाख से बढ़कर 7.46 करोड़ हो गई। अचल संपत्ति का मूल्य भी 1 करोड़ से बढ़कर 7 करोड़ हो गया।
अनिल शर्मा : मंत्री जी पर सिर्फ 1 केस लंबित...और वो भी परीक्षा अधिनियम के तहत नकल के मामले में
वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा ने 2017 में अपनी सालाना आय 38.71 लाख रुपए दर्शाई थी। 2022 में यह घटकर 25.02 लाख रुपए रह गई। शिकारपुर सीट से चुनाव लड़ रहे अनिल शर्मा के खिलाफ 1 केस दर्ज है। खास बात ये है कि यह केस परीक्षा अधिनियम के तहत नकल करने का मामला है। इस केस में 2011 में चार्जशीट भी हो चुकी है, मगर अब तक कोर्ट में लंबित है। 2017 में शर्मा के पास एक आई-20 स्पोर्ट गाड़ी थी। 2022 में उन्होंने एक फोर्ड एंडेवर और एक इनोवा का स्वामित्व दर्शाया है।
कपिल देव अग्रवाल : 2017 में एक भी केस नहीं था...5 साल में 7 केस दर्ज हो गए
वोकेशनल एजुकेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने 2017 के अपने शपथ पत्र में बताया था कि उन पर कोई भी मुकदमा लंबित नहीं है। जबकि 2022 के शपथ पत्र में उन्होंने बताया है कि उन पर 7 मामले लंबित हैं। इनमें से 4 में तो चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ रहे कपिल देव अग्रवाल की वार्षिक आय 2017 में 5.57 लाख रुपए थी जो 2022 में बढ़कर 15.24 लाख रुपए हो गई। साथ ही उन पर कर्ज भी दोगुना हो गया। 2017 में उन्होंने 21.66 लाख रुपए का कर्ज दर्शाया था जो 2022 में 41.94 लाख रुपए हो गया।
दिनेश खटीक : पहले रण के 9 मंत्रियों में सबसे कम शिक्षित...सिर्फ 9वीं तक की पढ़ाई
बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक पहले चरण के रण में उतरे 9 मंत्रियों में सबसे कम पढ़े-लिखे हैं। उनके शपथ पत्र के मुताबिक उन्होंने सिर्फ 9वीं तक की पढ़ाई ही की है। हालांकि हस्तिनापुर से चुनाव लड़ रहे दिनेश खटीक सोशल मीडिया पर पूरी उपस्थिति रखते हैं। फेसबुक और ट्विटर के साथ उनका एक इंस्टाग्राम अकाउंट भी है। 2017 में उनके पास एक मारुति स्विफ्ट डिजायर गाड़ी थी। 2022 के शपथ पत्र में उन्होंने एक फॉर्च्यूनर का स्वामित्व दर्शाया है। साथ ही एक स्कूटर भी खरीदा है।
डॉ. जीएस धर्मेश : अकेले मंत्री जिनका सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई अकाउंट नहीं
समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश चिकित्सा के व्यवसाय से जुड़े हैं। साथ ही उनकी आय का जरिये पेट्रोल पंप डीलरशिप से होने वाली कमाई भी है। खास बात ये है कि वे पहले रण के 9 मंत्रियों में अकेले हैं जिनका सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई अकाउंट नहीं है। अतुल गर्ग को छोड़ बाकी सभी मंत्रियों का 2017 में यही हाल था। मगर 2022 में सभी सोशल मीडिया पर आ चुके हैं। आगरा कैंट सीट से लड़ रहे डॉ. जीएस धर्मेश ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि उनका सोशल मीडिया पर कोई अकाउंट नहीं है।
चौधरी लक्ष्मी नारायण : 5 साल में खुद पर से 34.88 लाख का कर्ज उतारा, मगर पत्नी पर 16.14 लाख कर्ज बढ़ गया
डेयरी व पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने 2017 के शपथ पत्र में बताया था कि उन पर 42.88 लाख का कर्ज है। 2022 में यह कर्ज सिर्फ 8 लाख रह गया। वहीं उनकी पत्नी पर 2017 में 5.35 लाख का कर्ज था जो 2022 में बढ़कर 21.50 लाख का हो गया। अपनी आय के स्रोतों में उन्होंने कृषि के अलावा घरेलू गैस वितरण एजेंसी से कमाई को भी गिनाया है। करोड़पति हैं, मगर उनके नाम पर कोई भी गाड़ी नहीं है।
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