बॉलीवुड में हिंदी भाषा का चलन कम होता जा रहा है। इस मुद्दे पर मनोज बाजपेयी का रिएक्शन सामने आया है। दरअसल मनोज एक बुक लॉन्च पर पहुंचे थे, जहां उनसे बॉलीवुड में इंग्लिश भाषा के चलन के बारे में सवाल किया गया। जिसपर मनोज ने माना कि हिंदी को न केवल फिल्म इंडस्ट्री में साइडलाइन किया जा रहा है, बल्कि हमारे समाज में भी इसकी महत्ता कम होती जा रही है। इसलिए मनोज ने बताया कि वो केवल उन्हीं फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़ते हैं, जिसे देवनागरी लिपि लिखा गया हो।
इंग्लिश को माना जाता है सिंबल
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में मनोज ने कहा- 'हिंदी के साइडलाइन होने में केवल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि हमारा समाज भी जिम्मेदार है। मुझे लगता है कि सभी अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा जल्दी इंग्लिश बोलना सीख जाए, इसके बाद अगर उसके पास समय तो वो दूसरी भाषा सीखे।' माता-पिता के तौर पर यह हमारी गलती है। मनोज आगे कहते हैं कि हम शिक्षक के तौर पर भी फेल हो रहे हैं, क्योंकि कि हम अपनी भाषा का महत्व नहीं जानते हैं, न ही अपने बच्चों को सिखा पाते हैं।'
केवल देवनागरी लिपि की स्क्रिप्ट पढते हैं मनोज
इंडस्ट्री में इंग्लिश के बढ़ते चलन पर मनोज ने कहा- इंडस्ट्री में जो भी नए लोग आ रहे हैं, उनमें से 90- 95 प्रतिशत लोग केवल इंग्लिश भाषा में लिखते हैं। यह बेहद दुख की बात है कि इंडस्ट्री में इंग्लिश का इनफ्लुएंस बढ़ता जा रहा है। हालांकि मैं केवल उन्हीं फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़ता हूं, जो देवनागरी में लिखी हों।
आर्टिस्ट के लिए हिंदी स्क्रिप्ट है बेहद जरूरी
मनोज आगे कहते हैं कि आज के दौर में बहुत कम एक्टर ऐसे हैं, जो देवनागरी स्क्रिप्ट की डिमांड करते हैं। लेकिन मैं किसी अन्य भाषा में फिल्म की कहानी नहीं पढ़ता हूं। अगर कोई स्क्रिप्ट अंग्रेजी में होती है, तो मैं उसे वापस लौटा देता हूं। ऐसा नहीं है कि मुझे इंग्लिश नहीं आती है, बल्कि एक आर्टिस्ट के तौर पर हमें हिंदी में ही खुद को एक्सप्रेस करना चाहिए। ऐसा करने से हमें भाषा को लिखने पढ़ने और बोलने की समझ और बेहतर होगी।'
मनोज ने हिंदी के सपोर्ट में ऐसा पहली बार नहीं कहा है। इससे पहले भी कई मौकों पर एक्टर हिंदी भाषा के महत्व के बारे में बात कर चुके हैं। वर्कफ्रंट की बात करे तो मनोज जल्द ही नेटफ्लिक्स की सीरीज सूप में नजर आने वाली, जिसमें उनके साथ कोंकणा सेन ने काम किया है।
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