दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर पिछले 5 दशक से अमिताभ बच्चन के दोस्त थे। यही वजह है कि उनके निधन के चार दिन बाद भी बिग बी उनके गम से बाहर नहीं आ पाए हैं। सोमवार सुबह उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वे काफी दुखी नजर आ रहे हैं। साथ ही दुनिया छोड़कर जा चुके अपने दोस्त की यादें भी साझा कर रहे हैं। हालांकि, यह वही संदेश है, जो अमिताभ ने 30 अप्रैल की रात अपने ब्लॉग में लिखा था।
अमिताभ बोले- वे गए तो उनके चेहरे पर सौम्य मुस्कान थी
भावुक अमिताभ वीडियो में कह रहे हैं- मैंने ऊर्जावान, चुलबुला, आंखों में शरारत लिए चिंटू के दुर्लभ पलों को देखा था। जब एक शाम मुझे राजजी के घर पर आमंत्रित किया गया था। इसके बाद मैंने उन्हें अक्सर आरके स्टूडियो में देखा, जब वे फिल्म 'बॉबी' के लिए प्रशिक्षित हो रहे थे। और अभिनय की बारीकियां सीख रहे थे। वे आत्मविश्वास के साथ चलते थे जैसे उनके दादा पृथ्वीराज जी चलते थे।
हमने कई फिल्मों में साथ काम किया। जब वे अपनी लाइन बोलते थे, तो आपको उनके हर शब्द पर भरोसा होता था। उनका कोई विकल्प नहीं था। जिस दक्षता से वे गानों में लिप्सिंग करते थे, वैसा और कोई नहीं कर सकता। सेट पर उनका खिलंदड़ स्वभाव बेहद प्रभावी होता था। गंभीर दृश्यों पर भी वे हास्य ढूंढ लेते थे और सभी एकदम से हंस पड़ते थे।
न सिर्फ सेट पर... किसी औपचारिक समारोह में भी उनका व्यवहार ऐसा ही होता था। वे माहौल को हल्का-फुल्का बनाए रखते थे। अगर सेट पर वक्त मिलता था तो वो ताश निकाल लेते थे और दूसरों को खेलने के लिए बुला लेते थे। इस गेम में गंभीर स्पर्धा होती थी। यह मनोरंजन मात्र नहीं बचता था। इलाज के दौरान उन्होंने अपनी हालत पर कभी अफसोस नहीं जाहिर किया। हॉस्पिटल जाते वक्त वे हमेशा कहते रहे कि रूटीन विजिट है। जल्द फिर मिलते हैं।
जीवन में आनंद से जीने का जीन उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला था। मैं उनसे मिलने कभी अस्पताल नहीं गया क्योंकि मैं उनके हंसमुख चेहरे पर संकट नहीं देखना चाहता था। लेकिन एक बात तय है, जब वे गए तो उनके चेहरे पर एक सौम्य मुस्कान थी।
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