अमिताभ बच्चन के जुहू वाले बंगले प्रतीक्षा की दीवार गिराने में देरी को लेकर लोकायुक्त ने BMC को फटकार लगाई है। महाराष्ट्र लोकायुक्त के जस्टिस वीएम कनाडे ने कहा है कि इस मामले में देरी को लेकर बीएमसी के अधिकारी बेतुके बयान दे रहे हैं। दरअसल प्रतीक्षा की यह दीवार सड़क चौड़ीकरण में बाधा बन रही थी। इसलिए इसे हटाने का आदेश दिया गया था।
धरने पर बैठने की धमकी
इस मामले में शिकायतकर्ता ट्यूलिप मिरांडा ने कहा था कि जब कोई आम नागरिक अतिक्रमण करता है, तो बीएमसी उसे तुरंत जाकर ढहा देती है लेकिन अमिताभ बच्चन के बंगले पर कार्रवाई करने में बीएमसी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। ट्यूलिपने कहा, "लोकायुक्त ने बीएमसी की विचित्र रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है और अगली सुनवाई में सड़क विभाग से जवाब मांगा है। अगर बीएमसी कार्रवाई करने में विफल रहती है तो हम धरने पर बैठेंगे।"
2017 से रुका हुआ है प्रोजेक्ट
BMC ने 'प्रतीक्षा' के आगे की दीवार तोड़ने का नोटिस 2017 में ही अमिताभ बच्चन को दिया था। इस नोटिस के खिलाफ बच्चन ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया और उन्हें स्टे मिल गया था। इसके बाद से अब तक सड़क के चौड़ीकरण का काम रुका हुआ था। हालांकि, कुछ दिन पहले BMC ने काम को फिर से शुरू करने को लेकर अदालत में गुहार लगाई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
बीएमसी का स्पष्टीकरण या बेतुके बहाने
बच्चन परिवार के 5 बंगले हैं, प्रतीक्षा सबसे पुराना
मुंबई में बच्चन परिवार के पास पांच बंगले हैं। इसमें प्रतीक्षा, जलसा, जनक, वत्स और आशियाना शामिल हैं। इन बंगलों की कीमत 300 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है।विले पार्ले से जेडब्ल्यू मैरिएट की ओर जाने वाले मार्ग पर उनका दूसरा बंगला ‘जलसा’ स्थित है, जिसमें पूरा बच्चन परिवार रहता है। अपने प्रशंसकों को दर्शन भी वह इसी बंगले की बालकनी से देते हैं। उनका तीसरा बंगला ‘जनक’ भी जलसा से चंद कदमों की दूरी पर है, जिसका उपयोग कार्यालय के रूप में किया जाता है।
प्रतीक्षा बंगले से सटी उद्योगपति के.वी. सत्यमूर्ति की इमारत की वाॅल मनपा ने तोड़ चुका है।राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने 6 महीने पहले अमिताभ बच्चन के जुहू स्थित बंगले 'प्रतीक्षा' के बाहर एक पोस्टर लगाया था। इसमें बिग बी से बड़ा दिल दिखाने की अपील की गई थी।
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