आजम मूवी रिव्यू:एक रात की कहानी है फिल्म आजम, शतरंज की चालों की तरह है गद्दी पाने का खेल

5 दिन पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय
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जिम्मी शेरगिल, रजा मुराद, सयाजी शिंदे स्टारर फिल्म आजम आज 26 मई को रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म को श्रवण तिवारी ने डायरेक्ट किया है, जिसे एक रात की कहानी पर बनाया गया है।

फिल्म रिलीज के साथ पढ़िए इसका रिव्यू-

क्या है फिल्म की कहानी?

‘आजम’ फिल्म एक रात की कहानी है, जिसमें एक के बाद एक बड़े से बड़ा गैंगवार सरगना मारा जाता है, इससे अपराध की दुनिया में हलचल मच जाती है। मुंबई के माफिया डॉन नवाब खान (रजा मुराद) को ब्लड कैंसर होता है। नवाब अस्पताल में भर्ती है और पता चलता है कि वह कुछ दिनों का ही मेहमान है।

फिल्म में जावेद के किरदार में नजर आए जिम्मी शेरगिल।
फिल्म में जावेद के किरदार में नजर आए जिम्मी शेरगिल।

नवाब के मरने के बाद उसकी कुर्सी पर बैठने की ख्वाहिश उसका बेटा कादर पठान (अभिमन्यु) से लेकर उसके इर्द-गिर्द हर सरगना को होती है। इस बीच नवाब के यहां काम करने वाला एक मामूली-सा फंटर जावेद (जिम्मी शेरगिल) ऐसा जाल बिछाता है, जिसमें एक रात में ही एक के बाद एक गैंगवार के बड़े से बड़े सरगनाओं की हत्याएं होने लगती हैं।

उसकी इस चाल से पुलिस महकमे में हलचल मच जाता है। पुलिस से लेकर होम मिनिस्टर तक इस गैंग को कंट्रोल करना चाहते हैं। खैर, इस खेल में हर कोई अपने आपको बचाने और एक-दूसरे का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ना का दांव खेलता है। सस्पेंस थ्रिलर ड्रामा जोनर में रची गई इस कहानी का सिलसिला शाम से शुरू होता है और सुबह होते-होते जो बचता है, वह मुंबई का डॉन बनता है।

फिल्म में डॉन नवाब पठान के बेटे कादर पठान बने अभिमन्यु।
फिल्म में डॉन नवाब पठान के बेटे कादर पठान बने अभिमन्यु।

कैसी है कलाकारों की एक्टिंग?

फिल्म में जिम्मी शेरगिल, रजा मुराद, गोविंद नामदेव, इंद्रनील बनर्जी, सयाजी शिंदे, अनंग देसाई, अभिमन्यु सिंह आदि प्रमुख भूमिकाओं में हैं। इन सभी ने पर्दे पर अपने-अपने किरदार को बखूबी जीवंत किया है। जावेद के लीड रोल में जिम्मी शेरगिल को पर्दे पर काफी स्पेस मिला है, सो उन्होंने उसे बखूबी निभाया है। रजा मुराद के ज्यादातर सीन अस्पताल के बेड पर लेटे हुए दिखाई देंगे, पर उन्होंने अपने रोल में जान फूंक दी है।

कैसा है फिल्म का निर्देशन?

फिल्म के डायरेक्टर श्रवण तिवारी का काम अच्छा है। कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग भी श्रवण के ही हैं। आपराधिक दुनिया में रची गई इस कहानी का स्क्रीनप्ले वाकई बेहद दमदार और मजेदार बन पड़ा है। कहानी में काफी सारे किरदार होने के बावजूद अपनी दुनिया में ऐसे लेकर जाती है कि दर्शक के रूप में पलक नहीं झपकती है। मुंबई पुलिस स्टेशन की लोकेशन से लेकर सड़क, समुद्र आदि बड़े वास्तविक ढंग से दिखाया गया है।

फाइनल वर्डिक्टः फिल्म देखें या नहीं?

फिल्म में अगर कुछ कमी नजर आती है, तब वह नाच-गान की कमी लगती है। डांस और गाने के शौकीन दर्शकों इसे लेकर हतोत्साहित हो सकते हैं। बाकी क्राइम थ्रिलर जोनर की ‘आजम’ ऐसी फिल्म है, जिसे इस जॉनर में रुचि रखने वाला दर्शक एंजॉय करेंगे। फिल्म को पांच में तीन स्टार तक दिया जा सकता है।