साड़ी पहनाना भी कोई काम है?
जी हां, है। हम बात कर रहे हैं सेलिब्रिटी साड़ी ड्रेपर डॉली जैन की। दिलचस्प है कि कभी खुद साड़ी पहनने से नफरत करने वाली डॉली ने सुपरस्टार श्रीदेवी के कहने पर साड़ी पहनाने को अपना प्रोफेशन बनाया और आज वो हर बड़ी एक्ट्रेस की फेवरेट हैं।
डॉली की क्लाइंट लिस्ट में दीपिका, आलिया से लेकर नयनतारा तक कई बड़ी एक्ट्रेसेस शामिल हैं। अंबानी के घर में शादी हो या किसी फिल्म स्टार की, दुल्हन को साड़ी पहनाने का काम इनका ही होता है। डॉली 325 तरह की साड़ी बांधना जानती हैं, ये वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है, मात्र 18.5 सेकेंड्स में साड़ी पहनाने का।
तो साड़ी से जुड़ी डॉली की ये सारी बातें जानते हैं उन्हीं की जुबानी...
7वीं के बाद नहीं कर सकीं पढ़ाई
सच कहूं तो मेरी जर्नी कई उतार-चढ़ाव से भरी है। शुरुआती समय में जब बच्चे अपने बचपन को एन्जॉय कर रहे होते हैं, उसी समय 7वीं क्लास में मुझे कुछ दिक्कतों के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी। मैं क्लास 7 के बाद पढ़ नहीं पाई। जब भाई-बहनों को स्कूल जाता देखती थी तो मुझे भी लगता था कि मैं भी जाऊं, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जो भगवान आपके लिए बनाते हैं। बिना पढ़े भी मैं आज इस मुकाम पर हूं। मैं बहुत शुक्रगुजार हूं भगवान की कि उन्होंने मुझे शुरुआत से ही मुश्किल हालातों में डाला और मुझे तैयार कर दिया। कहते हैं ना सोना पकता है, वो टाइम मेरे पकने का था।
मुझे साड़ी से नफरत थी
सच कहूं तो मुझे साड़ी से नफरत थी। मुझे कभी नहीं लगा था कि मैं साड़ी जैसी चीज से प्यार कर सकूंगी। मेरी मम्मी हमेशा से साड़ी पहनती थीं। वो 5 मिनट में साड़ी पहन लेती थीं। जब हमारा परिवार बेंगलुरु से कोलकाता आया तो हमारे सर्किल के लोग सलवार-सूट पहनते थे और फिर मम्मी ने भी सूट पहनना शुरू कर दिया। मेरी शादी एक ऐसे घर में हुई, जहां मुझे सिर्फ साड़ी पहनने की इजाजत थी। हमें कुर्ता, डेनिम, ड्रेसेस कुछ भी पहनने की इजाजत नहीं थी। शुरुआत में मुझे बहुत समय लगता था। ये बहुत टाइम टेकिंग चीज है।
पहले साड़ी पहनने में लगते थे 1 घंटे
शुरुआत में मुझे साड़ी पहनने में कभी 45 मिनट तो कभी 1-1 घंटे लग जाते थे। साड़ी पहनने के लिए मुझे घर में सुबह जल्दी उठना पड़ता था। मुझे लगता था कि कभी-न-कभी मैं अपनी सासू मां को पटा लूंगी कि वो कभी मुझे कुछ और पहनने दें, लेकिन मैं हार गई। मेरी सास कभी मानी ही नहीं और जब तक वो मानीं, तब तक मैं रोज इतनी साड़ी पहनने लगी थी और इतने तरीकों से पहनती थी कि लोग मुझसे कहते थे कि डॉली तुम्हारा साड़ी पहनने का तरीका बहुत अच्छा है। जब तक मेरी सास मानीं, तब तक मुझे साड़ी से प्यार हो गया था।
लोग कहते हैं कि हम सूट में कम्फर्टेबल हैं, लेकिन लोग कम्फर्ट से ज्यादा सुंदर और अट्रैक्टिव दिखना चाहते हैं। मैं पहले बहुत पतली हुआ करती थी तो उस समय साड़ी मुझ पर बहुत खिलती थी। मैं साड़ी में अच्छी लगती थी। मुझे साड़ी पहनने से प्यार हो गया, लेकिन मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि इसे प्रोफेशन बनाऊंगी।
श्रीदेवी ने दी थी साड़ी ड्रेपिंग को प्रोफेशन बनाने की सलाह
मेरे मामाजी मुंबई में रहते थे। उनका घर उसी बिल्डिंग में है जहां श्रीदेवी जी रहती थीं। श्रीदेवी जी ने एक बार अपने घर में पार्टी रखी और बिल्डिंग के सभी लोगों को इनवाइट किया। पार्टी में श्रीदेवी की साड़ी पर कुछ गिर गया और वो उसे ठीक करने के लिए कमरे में चली गईं।
मैं उनकी बहुत बड़ी फैन थी, तो मैं भी उनके साथ कमरे में चली गई। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी साड़ी ठीक कर देती हूं। अक्सर सेलिब्रिटी के पास साड़ी ठीक करने वाले स्टाइलर रहते हैं, लेकिन वो उस समय अकेली थीं, तो मैं मदद करने चली गई। उस समय उन्होंने मुझसे कहा कि मैं खुद साड़ी ठीक कर लूंगी। मुझे लगा कि वो नहीं चाहती थीं कि मैं करूं, लेकिन फिर भी मैंने उनकी मदद करने के लिए उन्हें इंसिस्ट किया।
उन्होंने मुझे अपनी साड़ी दी और मैंने पहनाना शुरू कर दिया। जब मैं उन्हें साड़ी पहना रही थी तो वो काफी गौर से देख रही थीं। वो मेरी उंगलियों को देख रही थीं, मैं डर गई कि शायद मैं कुछ गलत कर रही हूं।
श्रीदेवी ने कहा था साड़ी तुम्हारी उंगलियों में खेलती है
जब पूरी साड़ी बंध गई तो मैंने उनसे कहा कि मैं आशा करती हूं कि आपको ये ठीक लगी। उन्होंने सीधे मेरे हाथ पकड़े और कहा कि डॉली मैं इतने सालों से साड़ी पहनती आ रही हूं, बचपन से मैं इंडस्ट्री में हूं और मेरी कई सालों की जर्नी है, लेकिन मैंने आज तक किसी को भी इतनी जल्दी और इस तरह से साड़ी बनाते नहीं देखा। ऐसा लग रहा है कि साड़ी आपकी उंगलियों में खेल रही है। एक मिनट का ब्रेक लेकर उन्होंने कहा, आप इसे प्रोफेशनली क्यों नहीं करती हैं। साड़ी ड्रेपिंग को आपको प्रोफेशन बनाना चाहिए।
कलाकार से बड़ा है कला की पहचान करने वाला
उस वक्त मुझे नहीं लगा कि मुझे ऐसा कुछ करना चाहिए, लेकिन श्रीदेवी जैसी लीजेंड्री एक्ट्रेस का ऐसा कहना बहुत बड़ी बात थी। मैं आज भी उन्हें अपनी हर सांस में जिंदा रखती हूं, क्योंकि उन्हीं की बदौलत मैं आज जो हूं वो हूं। कलाकार एक होता है और एक होता है कला को पहचानने वाला। कलाकार को ये पता नहीं होता कि उसके अंदर कोई कला है, क्योंकि वो नॉर्मली अपना काम करता है, लेकिन जब कोई दूसरा देखकर उस चीज को पहचानकर तारीफ करता है तो वो कलाकार से भी बड़ा दर्जा पाता है। मेरी नजर में वो श्रीदेवी जी थीं।
पापा ने कहा कोई प्रोफेशन छोटा-बड़ा नहीं होता
मैंने कोलकाता वापस आते ही अपने पापा से कहा कि मैं साड़ी ड्रेपिंग को अपना प्रोफेशन बनाना चाहती हूं। मेरे गांव के लोगों ने, परिवार ने और दोस्तों ने मेरा यकीन नहीं किया, लेकिन मेरे पापा ने कहा कि हर काम अच्छा होता है अगर आप उसे अच्छे नजरिए से देखें और एक मुकाम दे सकें। अगर हम ही किसी काम को छोटा समझेंगे तो लोग तो कहेंगे ही। इस तरह मेरी साड़ी ड्रेपिंक का प्रोफेशन शुरू हुआ।
मैंने सबसे पहले तो श्रीदेवी जी के लिए ही काम किया। उसके बाद मैंने रेखा जी, हेमामालिनी जी, सोनम कपूर, कटरीना, दीपिका, प्रियंका जैसी कई एक्ट्रेसेस को साड़ी पहनाई।
पहली साड़ी पहनाने के मिले थे 250 रुपए
मैंने जब प्रोफेशनली अपना काम शुरू किया था तो मैंने 250 रुपए लिए थे। मैंने 250 रुपए से शुरुआत की, क्योंकि मुझे पता नहीं था कि इस काम के लिए कितने रुपए लिए जाते हैं। वो ढाई सौ रुपए भी मैंने इसलिए लिए थे, क्योंकि ये मेरे आने-जाने का खर्च था। ये 17 साल पहले की बात है।
सोसाइटी मेरे लिए एक कांटा रही
इस जर्नी में बहुत स्ट्रगल रहा है, क्योंकि सोसाइटी इस काम को एक्सेप्ट करने के लिए तैयार नहीं थी। सोसाइटी को CA, CS, फैशन डिजाइनर, इंटीरियर डिजाइनर का प्रोफेशन समझ आता था, लेकिन साड़ी पहनाने का प्रोफेशन उनकी समझ से बाहर था। सोसाइटी मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा कांटा रही है। कहते है ना आदमी वहीं पर अपनी सड़क मजबूत कर सकता है जहां सबसे ज्यादा तकलीफ हो। ये बहुत घना जंगल था मेरे लिए। मैं धीरे-धीरे पेड़ काटती गई और अपना रास्ता बनाती चली गई। अब मैंने वो रास्ता इतना मजबूत बना दिया है कि कई लोग अब इस प्रोफेशन में आना चाहते हैं। पहला कदम उठाना मुश्किल होता है, लेकिन फिर कारवां आपके साथ जुड़ता चला जाता है। मुझे लगता है कि सोसाइटी जो पहले बहुत बड़ा ड्रॉबैक थी, आज वही सोसाइटी आपके साथ आपकी ताकत बनकर खड़ी है।
हुनर से बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
मैं भारत में पहली प्रोफेशनल ड्रेप आर्टिस्ट हूं। और भी आर्टिस्ट जरूर होंगे, लेकिन इस प्रोफेशन को इतने बड़े मुकाम पर पहुंचाना, लिम्का रिकॉर्ड, इंडिया रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्ड करने वाली मैं सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की पहली आर्टिस्ट हूं। मेरे नाम 18.5 सेकेंड में साड़ी पहनाने और 325 तरह से एक ही साड़ी को पहनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।
हर एक्ट्रेस के साथ काम करना एक अलग एक्सपीरिएंस होता है। सोनम कपूर के साथ मेरा अलग अनुभव है, वो बहुत प्यारी और स्वीट हैं। प्रियंका के साथ अलग था, तो हर सेलिब्रिटी अपनी अलग पर्सनैलिटी रखता है। मेरा एक्सपीरिएंस हर एक्ट्रेस के साथ बेहद खूबसूरत रहा है, क्योंकि मुझे सबसे कुछ न कुछ सीखने को मिला है। सबने मेरे काम की बहुत सराहना की है। ये जरूर कहूंगी कि दीपिका पादुकोण मेरी फेवरेट हैं।
कैसे बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड?
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में डॉली ने बताया है कि ससुराल में रहते हुए वो सबके सोने के बाद रात 11 बजे से सुबह 3 बजे तक मैनिक्विन (पुतला) में साड़ी बांधने की प्रैक्टिस किया करती थीं। जब डॉली 80 अलग-अलग तरीकों से साड़ी बांधना सीख गईं तो उन्होंने अपनी रिकॉर्डिंग लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को भेजी। इसके लिए लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ से डॉली को अवॉर्ड दिया गया। कुछ सालों बाद डॉली ने 80 की बजाय 325 तरीकों से साड़ी बांधना सीखकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया और नया रिकॉर्ड कायम किया।
इसी तरह पर्दे के पीछे काम करने वाली हस्तियों की कहानी जानने के लिए नीचे दी गई खबर पढ़ें-
हेमा मालिनी से श्रीदेवी तक की बॉडी डबल रहीं रेशमा- 5 महीने की प्रेग्नेंट थीं तब स्टंट के लिए पहली मंजिल से लगा दी थी छलांग
रेशमा बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन हैं। पहले लड़के ही हीरो और हीरोइन दोनों के बॉडी डबल का काम करते थे, लेकिन रेशमा ने पहली बार फिल्मी पर्दे पर किसी एक्ट्रेस के लिए बॉडी डबल का काम कर दुनिया को ये दिखाया कि औरतें भी भारी-भरकम एक्शन सीन कर सकती हैं। इनकी मजबूरी और हौंसले को इस बात से आंका जा सकता है कि CID फिल्म के एक सीन के लिए इन्होंने पहली मंजिल से छलांग लगा दी थी। वो भी तब जब ये 5 महीने की प्रेग्नेंट थीं। दिलचस्प बात ये है कि खुद रेशमा का चेहरा कभी बड़े पर्दे पर नहीं दिखा, लेकिन उनकी जिंदगी पर एक फिल्म बन चुकी है।
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