दुनियाभर में आज (शुक्रवार को) 'वर्ल्ड बुक डे' मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म 'पृथ्वीराज' के प्लॉट के बारे में स्पेसिफिक जानकारी मिली है, वो यह कि 'पृथ्वीराज' मध्यकालीन भारत के महाकवि चंदबरदाई की रचना 'पृथ्वीराज रासो' पर बेस्ड है। फिल्म के डायरेक्टर डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इस बात की पुष्टि की है। द्विवेद्वी इससे पहले भी 'मोहल्ला अस्सी', 'चाणक्य', 'पिंजर' और 'जेड प्लस' पर फिल्म व धारावाहिक बना चुके हैं, ये सब बुक एडेप्टेशन थीं।
'वर्ल्ड बुक डे' के मौके पर डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेद्वी ने बताया, " 'पृथ्वीराज' फिल्म मुख्य तौर पर 'पृथ्वीराज रासो' नामक एक मध्यकालीन काल के महाकाव्य पर आधारित है। इसकी रचना महाकवि चंदबरदाई ने की थी। 'रासो' के चंद अलग-अलग संस्करणों के अलावा फिल्म के लिए और भी लिटरेरी वर्क का इस्तेमाल हुआ है। इसके अतिरिक्त फिल्म में रासो की कुछ समीक्षा भी मौजूद हैं। वह इसलिए कि मूल रासो के कई वर्जन हैं।"
बुक एडेप्टेशन ग्रेट कैरेक्टर्स के साथ कम्युनिकेट करने की प्रक्रिया
डॉ. द्विवेदी का कहना है कि पृथ्वीराज फिल्म बनाने के लिए उनको इस शूरवीर सम्राट के बारे में गहरा शोध करना पड़ा। उन्होंने कहा, "मैं व्यापक और गंभीर शोधकार्य में डूब जाया करता हूं, क्योंकि मुझे भारत के महानायकों और उनके कालखंडों की अनसुनी और अनछुई दुनिया में प्रवेश करने की प्रक्रिया बहुत आनंदित करती है। यह दरअसल उन ग्रेट कैरेक्टर्स के साथ उन्हीं के दौर में जाकर उनसे कम्युनिकेट करने की प्रक्रिया है। मुझे विश्वास है कि इससे पहले भी जिन फिल्म मेकर्स ने बुक एडेप्टेशन की होगी, उन्हें यह अनूठा अनुभव जरूर हुआ होगा।"
पृथ्वीराज जैसे महान कैरेक्टर्स कई पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे
द्विवेदी ने आगे कहा, "सच कहूं तो मैं पृथ्वीराज जैसे महान कैरेक्टर्स को यंग ऑडियंस की नजरों में और रिलेवेंट बनाने के लिए नहीं चुनता। मैं सिनेमा के लिए उनको अपना विषय इसलिए बनाता हूं कि पृथ्वीराज जैसे कैरेक्टर्स हर युग में रिलेवेंट होंगे। पृथ्वीराज जैसे हिस्टॉरिकल कैरेक्टर्स गैलेक्सी के ऐसे चमकते सितारें हैं, जो आगामी कई पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे।"
तीन सालों में प्रोड्यूसरों ने खरीदे 150 बुक्स के राइट्स
हॉलीवुड में तो बुक ऐडेप्ट कर फिल्में बनाने का चलन शुरू से ही बहुत ज्यादा रहा है। बॉलीवुड में इसने पिछले तीन सालों में खासी रफ्तार पकड़ी थी। 'स्टोरी इंक' कंपनी के फाउंडर सिद्धार्थ जैन बताते हैं, "कोविड से पहले के तीन सालों में मैंने 150 बुक्स के राइट्स फिल्म प्रोड्यूसरों को सेल करवाए। महामारी से पहले एक साल में अमूमन 50 से 60 बुक्स की राइट्स फिल्म प्रोड्यूसर्स लिया करते थे। कोविड के बाद से यह आंकड़ा महज 30 पर आ गिरा, वह इसलिए कि फिल्मों की शूटिंग अभी हो नहीं रहीं। ऐसे में प्रोड्यूसर बुक्स के राइट्स नहीं ले रहे। ज्यादातर क्राइम, थ्रिलर और सच्ची घटनाओं पर बेस्ड बुक्स की डिमांड है। प्रोड्यूसर्स माइथोलॉजिकल जॉनर वाली बुक्स की राइट्स नहीं लेते, क्योंकि उनकी विवादों में आने के चांसेज ज्यादा रहते हैं।"
कोविड के बाद 30 बुक्स के राइट्स प्रोड्यूसरों ने लिए
सिद्धार्थ ने आगे बताया, "देखा जाए तो कोविड के बाद 30 बुक्स के राइट्स प्रोड्यूसरों ने लिए, मगर उनमें से फिलहाल एक ही सीरिज बनाई जा रही है। वह नीलम और शेखर कृष्णमूर्ति की बुक है। वह उपहार सिनेमा कांड पर बेस्ड है। इसे एंडेमॉल के साथ मिलकर मैं प्रोड्यूस कर रहा हूं। हाल ही में इसकी बस शूटिंग शुरू हुई है। जिन बुक्स पर बड़े बजट के प्रोजेक्ट शुरू होने हैं, उन पर कोई काम शुरू नहीं हो रहा है। मिसाल के तौर पर विनीत बाजपेयी की 'हड़प्पा ट्रिलॉजी' दो साल पहले फरवरी में अनाउंस हुई थी। उसे 'सुपर-30' वाले रिलायंस एंटरटेनमेंट और ऋतिक रोशन बनाने वाले थे। बजट 200 करोड़ माउंट हो गया था। मगर मोटी रकम और कोविड कारणों के चलते फिल्म फिलहाल ठंडे बस्ते में है।"
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