एक्ट्रेस इशिता दत्ता जो जल्द ही फिल्म 'दृश्यम 2' में नजर आने वाली हैं, ने हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत की और फिल्म से जुड़े कुछ खास किस्से शेयर किए। उन्होंने बताया कि अजय देवगन सेट पर हमेशा प्रैंक करके काम के माहोल को कूल बनाते थे। फिल्म में इशिता ने अजय की ऑनस्क्रीन बेटी का रोल निभाया है।
'दृश्यम 2' के लिए आप कितनी एक्साइटेड हैं?
इस फिल्म के लिए मैं बहुत ज्यादा एक्साइटेड हूं। पूरे सात साल बाद ये फिल्म आ रही है। खुशी की बात ये है कि आम लोगों में भी फिल्म को लेकर खासा उत्साह है। रिलीज पर लोगों का कैसा रिएक्शन रहता है, अब बस वो देखने की बेताबी है।
शूट के दौरान किन चीजों ने एक्साइट किया?
पहले तो वही चीज कि जहां फिल्म का पहला पार्ट शूट हुआ था, हम सब सात साल बाद उसी सेम लोकेशन पर एक साथ गए। वहां जा कर सबको ऐसा लगा कि अरे हम तो टाइम मशीन में वापस आ गए हैं। वहां जाना बिल्कुल सही डिसीजन रहा। उससे हमें फिर से अपने पुराने किरदारों को जीने में मदद मिली। वक्त के साथ सब किरदार इवॉल्व तो हुए हैं, मगर अब भी जहन में सात साल पुराने हादसे के घाव तो हैं हीं।
फिल्म के सेट पर अजय देवगन ने किसी तरह का प्रैंक किया?
हां बिल्कुल हमेशा की तरह वो यहां भी हंसी-मजाक करते रहे। हम लोग बीच पर एक सॉन्ग शूट कर रहे थे। अचानक पीछे देखा कि एक बंदा समंदर में डुबकी मार रहा है। पहले हम सभी ये देखकर डर गए कि कोई डूब रहा है, लेकिन ये अजय सर और उस बंदे का मिलाजुला प्रैंक था, जिसने हम सबको डरा दिया था।
एक्टिंग को लेकर अजय देवगन से क्या कुछ सीखा?
वाकई उनके खाते में कई नैशनल अवॉर्ड्स हैं। वो जो डायलॉग डिलीवर करते हैं, उसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे उनकी आवाज भीतर से आ रही है। वो हम आप रेप्लिकेट न कर सकें, मगर वो देखना ही अपने आप में बड़ा लर्निंग एक्सपीरिएंस रहा। कई सीन में तबु मैम समेत बाकी सारे कलाकार साथ होते थे। उस दौरान वो किस तरह आपस में बातें करते थे। सीन में गिव एंड टेक करते थे, वो सारी चीजों को मैं ऑब्जर्व करती रहती थी।
पहला सीन क्या था, जिससे सब वापस सात साल पहले वाले मोड में आईं?
टेबल पर पूरी फैमिली का साथ खाना खाने वाला सीन। वहां सारे स्टार्स की आपस में बातचीत बड़ी इंटरैक्टिव होती थी। हमने जरा सा ही रिहर्सल कर वो सीन फिल्माया था। उसी से हम सबने वही पुराना वाला सुर पकड़ लिया था।
ऐसी कोई दिलचस्प चीज जिसने आपको भी परेशान किया हो?
गोवा में हमने विजय सलगांवकर के घर का एक्सटीरियर फिल्माया था। मुंबई में उसका इंटीरियर और हैदराबाद में भी हमने कुछ सीन्स को ऐसे ही शूट किए। फिर भी दो से तीन महीनों में हमने मोस्टली सारा ही शूट कर लिया था। मेरे किरदार के हिस्सों का शूट जरूर 20 से 25 दिनों तक हुआ। फिल्म सीरियस किस्म की है, तो वैसा फन एक्सपीरिएंस तो कम ही रहा।
फिल्म में एक सीक्वेंस है, जहां मेरा किरदार पिता से नई गाड़ी चलाने और सीखने की जिद करता है। सच कहूं तो मुझे गाड़ी चलाना नहीं आता है। हालांकि सीन में मैं वो करने को कॉन्फिडेंट थी। आसपास सारे स्टार्स डरे हुए थे कि मैं वो सीन कर सकूंगी या नहीं। गाड़ी के सामने बड़ा सा कैमरा भी लगा हुआ था, इस वजह से सामने मुझे कुछ दिख ही नहीं रहा था। मैं बिना क्लच छोड़े एक्सेलेटर दबा रही थी। तो इस वजह से गाड़ी अजीब साउंड कर रही थी। तो सब लोग वाकई में डरे हुए थे। इस तरह कैमरे में वो रियल इमोशन कैप्चर हुआ।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.