'आशिकी' का यादगार संगीत देने वाली मशहूर संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण के श्रवण राठौड़ का गुरुवार शाम निधन हो गया। दो दिन पहले उनके कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आई थी। श्रवण को डायबिटीज था, जिससे चलते कोरोना से उनके फेफड़े पूरी तरह संक्रमित हो चुके थे। श्रवण का इलाज रहेजा हॉस्पिटल में चल रहा था। दैनिक भास्कर से श्रवण के निधन की खबर गीतकार समीर अनजान ने शेयर की।
कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था
रहेजा हॉस्पिटल से डॉ. कीर्ति भूषण ने यह खबर कन्फर्म की। डॉ. भूषण ने कहा- "श्रवण का निधन रात 9:30 बजे हुआ। हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की लेकिन वे इस मुसीबत से उबर नहीं सके। श्रवण की मौत की वजह कोविड संक्रमण के कारण हुआ कार्डियोमायोपैथी था, जिसके कारण उन्हें पल्मोनरी एडिमा और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो गया था।"
समीर बोले- मेरा दोस्त चला गया
समीर अंजान ने भावुक होकर दैनिक भास्कर को बताया- "मेरा दोस्त चला गया। मेरे बोल को संगीत देने वाला, उनको लोगों के दिलों तक पहुंचाने वाला संगीतकार चला गया। इतनी जल्दी क्या थी भाई। ईश्वर आपको श्री-चरणों में स्थान दें। भाभी जी और बच्चों को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।"
सुरों से सजाया था नाइंटीज का दौर
श्रवण बॉलीवुड के जाने-माने संगीतकार थे। उन्होंने नदीम के साथ मिलकर कई फिल्मों में बेहतरीन संगीत देकर पॉपुलैरिटी हासिल की थी। नदीम-श्रवण की जोड़ी 90 के दशक की सबसे चर्चित जोड़ियों में से एक थी। इस जोड़ी ने पहली बार 1977 में भोजपुरी फिल्म 'दंगल' के लिए म्यूजिक दिया था जिसमें इनका कंपोज किया गाना 'काशी हिले पटना हिले' काफी हिट रहा। इसके बाद दोनों ने पहली बार बॉलीवुड फिल्म 'जीना सीख लिया' के लिए संगीत दिया।
संगीत जिसे श्रवण ने नदीम के साथ अमर कर दिया
दोनों को सक्सेस मिली फिल्म 'आशिकी' में दिए संगीत के कारण जो कि सुपरहिट साबित हुई। उस वक्त इस एल्बम की करीब 2 करोड़ कॉपी बिकी थीं। बाद में दोनों ने 'साजन', 'दिल है कि मानता नहीं', 'सड़क', 'सैनिक', 'दिलवाले', 'राजा हिंदुस्तानी', 'फूल और कांटे' और 'परदेस' जैसी फिल्मों का संगीत दिया और ये सभी एल्बम काफी हिट हुए। 2000 के दशक में दोनों ने 'ये दिल आशिकाना', 'राज', 'कयामत', 'दिल है तुम्हारा', 'बेवफा' और 'बरसात' जैसी कई फिल्मों के लिए संगीत दिया। नदीम के यूके में रहने के बावजूद श्रवण ने लंबे समय तक जोड़ी के नाम से ही संगीत बनाया।
गुलशन कुमार के मर्डर में फंसे नदीम तो टूट गई जोड़ी
गुलशन कुमार मर्डर केस में नाम सामने आने के बाद श्रवण के सहयोगी नदीम इंग्लैंड भाग गए। 2002 में एक भारतीय कोर्ट में सबूत ना होने की वजह से उनके खिलाफ हत्या में शामिल होने के केस को रद्द कर दिया गया लेकिन उनकी गिरफ्तारी के वारंट को वापस नहीं लिया गया जिसके कारण नदीम आज भी परेशान हैं।
बाद में श्रवण से उनकी जोड़ी टूट गई और फिर 2005 में आई 'दोस्ती : फ्रैंड्स फॉरएवर' के बाद किसी फिल्म में दोनों ने एक साथ संगीत नहीं दिया।
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