गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने अगर सुशांत सिंह राजपूत का केस पहले ही सीबीआई को सौंप दिया होता तो बात ही खत्म हो जाती। दरअसल, जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने उनका एक इंटरव्यू किया था। चौधरी ने शाह से पूछा था कि क्या सुशांत की मौत का मामला बिहार चुनाव में मुद्दा बनेगा और क्या लोग इस पर वोट डालेंगे।
'मीडिया ने भी इसे ज्यादा तूल दिया है'
अमित शाह ने अपने जवाब में कहा- हो सकता है कि कुछ लोग इस मुद्दे पर भी वोट डालें। मगर इतनी सारी कॉन्ट्रावर्सी हुई और मुझे आश्चर्य इस बात का है कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले क्यों नहीं इसे सीबीआई को दे दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट को इस पर फैसला करना पड़ा। बात बड़ी हो गई। अगर सुशांत के परिवार की मांग थी और पहले से ही इस केस को सीबीआई को दे देते तो बात खत्म हो जाती वहीं पर। खैर मीडिया ने भी इसे ज्यादा तूल दिया है।
'मैंने किसी को कोई निर्देश नहीं दिया'
जब शाह से पूछा गया कि एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो), सीबीआई और एम्स उनके अंडर में हैं तो क्या उन्होंने किसी को कोई निर्देश दिया था? जवाब में उन्होंने कहा- मेरा निर्देश देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। सभी संस्थाएं स्वतंत्र रूप से जांच कर रही हैं। न्यूट्रल जांच होनी चाहिए।
भारत सरकार, कम से कम नरेंद्र मोदी सरकार इस प्रकार की चीजों में विश्वास नहीं रखती है कि हम एजेंसी की जांच के अंदर कोई राजनीतिक निर्देश दें। हमने बस इतना कहा है कि जो सच है, उसे जनता और अदालत के सामने रखें।
14 जून को हुई थी सुशांत की मौत
14 जून को सुशांत का शव मुंबई स्थित उनके किराए के घर में सीलिंग फेन से लटका मिला था। 25 जुलाई को पटना में एफआईआर दर्ज कराने के बाद सुशांत के पिता केके सिंह ने बिहार सरकार से मामले की जांच सीबीआई से कराने की गुहार लगाई थी। महाराष्ट्र सरकार ने इस पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केस की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
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