नाटू-नाटू के ऑस्कर जीतते ही पूरी दुनिया इस गाने की फैन हो गई है। 13 मार्च को भारत में कोरियन एंबेसी स्टाफ ने इस गाने पर जमकर डांस किया। न्यूज एजेंसी ANI ने एंबेसी स्टाफ का डांस करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इससे पहले भी कोरियन एंबेसी स्टाफ का नाटू-नाटू पर डांस करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। उस डांस की पीएम मोदी ने भी तारीफ की थी।
पूरी दुनिया इस गाने को पसंद कर रही हैं..
कोरियन एंबेसी के मुख्य स्टाफ लिम सांगवू ने ईटीवी से बात करते हुए कहा, जब आप इस गाने को सुनते हैं तो इस पर थिरकने पर मजबूर हो जाते हैं। इसके डांस मूव्स काफी एनर्जी वाले हैं, हमें खुशी है कि इसने ऑस्कर अवॉर्ड्स अपने नाम किया है। ये सिर्फ भारत का गाना नहीं है बल्कि अब पूरी दुनिया इसे पसंद कर रही है।
'कोरिया को लोग भारतीय फिल्मों-गानों को पसंद करते हैं'
कोरियाई दूतावास में काउंसलर मिनसुन किम ने कहा है कि वो भारतीय फिल्मों के बहुत बड़े फैन हैं। उन्होंने कहा, 'कोरिया में आरआरआर बहुत बड़ी हिट रही थी। इस फिल्म को देखने के बाद एंबेसी के लोगों ने सोचा कि इसके गाने नाटू-नाटू पर डांस वीडियो बनाकर भारतीय फिल्मों के प्रति अपने प्यार को दर्शाया जा सकता है।
हम इस डांस के जरिए दुनिया को बताना चाहते हैं कि कोरिया के लोग भारतीय फिल्मों और गानों को कितना पसंद करते हैं।' किम का कहना है कि कोरिया में भारतीय फिल्मों के काफी प्रशंसक हैं और अब इनकी तादाद और भी ज्यादा बढ़ रही है।
95वें ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी में रहा भारत का दबदबा
95वें ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी में इस बार भारत और बॉलीवुड छाया रहा। फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता वहीं द एलिफेंट व्हिस्परर्स बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म बनी।
ऑस्कर अवॉर्ड में भारत को कुल तीन नॉमिनेशन मिले थे। अवॉर्ड जीतने के बाद नाटू-नाटू के कंपोजर एम.एम कीरवानी भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि हर इंडियन प्रार्थना कर रहा था कि RRR ही ऑस्कर जीते।
पहला भारतीय गाना जिसने ऑस्कर जीता
नाटू-नाटू का ऑस्कर जीतना कई मायनों में खास है क्योंकि आखिरी बार 2008 में फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' के गाने 'जय हो' के लिए एआर रहमान को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का ऑस्कर मिला था। इसके 15 साल बाद भारत को ये अवॉर्ड मिला है। 'जय हो' गाने को ऑस्कर तो मिला, लेकिन ये ब्रिटिश फिल्म थी।
ऐसे में 'नाटू- नाटू' ऑस्कर पाने वाला पहला ऐसा गाना है जो भारतीय फिल्म का है। इसे जूनियर एनटीआर और रामचरण पर फिल्माया गया था।
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कभी सुसाइड करने वाले थे नाटू-नाटू के कोरियोग्राफर:कंपोजर कीरवानी बेवक्त मौत के डर से संन्यासी बने थे, बेटा है नाटू-नाटू का सिंगर
नाटू-नाटू गाने के बनने और बनाने वाले लोगों की कहानी काफी इंट्रेस्टिंग है। जिन कंपोजर एमएम कीरवानी को ऑस्कर मिला है, वो कभी असमय मृत्यु के डर से डेढ़ साल तक संन्यासी बनकर रह चुके हैं। इतना ही नहीं, वे बिना मुहूर्त देखे अपनी कार से भी नहीं उतरते। इस गाने को उन्हीं के बेटे काल भैरव ने आवाज दी है। वहीं गाने के स्टेप्स जिन पर दुनियाभर के लोग थिरक रहे हैं, उन्हें बनाने वाले कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित भी सुसाइड करते-करते रुके थे। पूरी खबर पढ़ें
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