आज की अनसुनी दास्तानें में बात साउथ और नॉर्थ कोरिया की। 1940 के दशक में विभाजन की त्रासदी से गुजर रहे कोरिया में एक ही खूबसूरत बात हुई जिसका नाम था चोई इयुन-ही। चोई इयुन-ही कोरिया की वो एक्ट्रेस रहीं, जिसने पूरे कोरियाई सिनेमा की नींव रखी। खुद की जिंदगी मुश्किलों से भरी थीं लेकिन उन्होंने कोरिया के सिनेमा को नई दिशा दी। वे पैदा तो साउथ कोरिया में हुईं लेकिन उनके दीवानों में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग इल (किम जोंग उन के पिता) भी शामिल थे। किम जोंग ने चोई इयुन-ही को धोखे से किडनैप तक करवा लिया।
8 साल तक उन्हें अपनी कैद में रखा और फिल्में बनवाते रहे। इतना ही नहीं, जिस धोखेबाज पति को चोई इयुन-ही तलाक दे चुकी थीं, उसी से किम जोंग इल ने फिर उनकी शादी करवा दी। दोनों पति-पत्नी 8 सालों तक कैद में रहकर नॉर्थ कोरिया के तानाशाह के लिए फिल्में बनाते रहे। फिर 8 साल बाद फिल्मी अंदाज में वहां से जान बचाकर भाग सके।
पढ़िए, कोरिया की पहली स्टार चोई इयुन-ही की फेयरीटेल जैसी सक्सेस और डरावने सपने जैसी कैद की कहानी....
16 साल की उम्र से अभिनय कर रही थीं चोई
चोई इयुन-ही का जन्म 20 नवंबर 1926 को ग्वांग-जू, ग्योंग-जी प्रोविंस (साउथ कोरिया) में हुआ। बचपन से ही चोई को अभिनय में रुचि थी। 1942 से 16 साल की चोई को स्टेज शो में अभिनय करने का मौका मिला। चोई अभिनय में माहिर थीं तो उन्हें पहली फिल्म ए न्यू ओथ मिली जो 1947 में साउथ कोरिया में रिलीज हुई।
लगातार फिल्में करते हुए एक साल में ही चोई कोरियन फिल्मों की स्टार बन गईं। ए सन ऑफ नाइट (1948) और ईयरिंग फॉर होम (1949) इनकी शुरुआती हिट कोरियन फिल्में रहीं। 1950 के दशक में इनकी पॉपुलैरिटी ऐसी थी कि लोग इन्हें और इनके को-स्टार्स किम जी मी और उम ऐंग रैन को साउथ कोरिया की ट्रोइका यानी कोरियन इंडस्ट्री चलाने वाले सितारे कहने लगे थे।
सेट पर हुई मोहब्बत और डायरेक्टर से शादी
साल 1953 में कोरियन डॉक्यूमेंट्री में काम करते हुए चोई की मुलाकात इसके डायरेक्टर शिन सैंग-ओक से हुई। शिन सैंग-ओक को प्रिंस ऑफ साउथ कोरियन सिनेमा कहा जाता था। दोनों की पहली दोस्ती हुई और फिर ये दोस्ती प्यार में बदल गई। ठीक एक साल बाद 1954 में दोनों ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया।
साउथ कोरिया का गोल्डन एरा लाने वाली चोई
चोई और शिन की जोड़ी ने शिन फिल्म प्रोडक्शन शुरू किया। दोनों की जोड़ी ऐसी बनी कि इन्होंने साउथ कोरियन इंडस्ट्री का गोल्डन एरा लाने वालीं कन्फेशन ऑफ ए कॉलेज वुमन, ए फ्लॉवर इन हेल, सिओन चुन ह्यांग, मदर एंड अ गेस्ट और लव अफेयर जैसी कई हिट फिल्में दीं।
कभी मां नहीं बन सकती थीं चोई इयुन-ही
चोई इयुन को मेडिकल टेस्ट के बाद बांझपन का पता चला जिससे वो कभी मां नहीं बन सकती थीं। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दो बच्चों जिओंग-क्यून और म्यूंग-किम को गोद लिया।
पति ने दिया धोखा तो तोड़ ली शादी
1976 में चोई इयुन-ही को चंद अखबारों के जरिए पता चला कि उनके पति शिन सैंग ओक के एक यंग एक्ट्रेस ओह सु मी से दो बच्चे भी हैं। इस खबर ने चोई को अंदर से तोड़ दिया। इस स्थिति में उन्होंने पति शिन से तलाक ले लिया। पति से अलग होते ही चोई का करियर डगमगाने लगा। फिल्में मिलनी लगभग बंद हो गईं।
प्रोडक्शन हाउस खुलवाने की लालच में एक बिजनेसमैन ने बुलाया हॉन्गकॉन्ग
तलाक के 2 साल बाद 1978 में चोई साउथ कोरिया छोड़कर होंगकॉन्ग चली गईं। दरअसल चोई को खुद को एक बड़ा बिजनेसमैन कहने वाले शख्स ने इस लालच में हॉन्गकॉन्ग बुलाया था कि वो उनके लिए यहां फिल्म कंपनी का सेटअप करेगा।
हॉन्गकॉन्ग में तानाशाह ने अगवा कर लग्जरी विला में बंद किया
हॉन्गकॉन्ग पहुंचते ही चोई को कुछ आदमियों ने किडनैप करके गाड़ी में डाल लिया। कुछ समय बाद चोई को एक स्पीड बोट के जरिए होंगकॉन्ग के एक आइलैंड ले जाया गया। बुक, ए किम जोन्ग इल प्रोडक्शन के मुताबिक चोई को अगवा करने वाले उन्हें 8 दिन बाद 22 फरवरी 1978 नोर्थ कोरिया के प्योंगयांग के एक आलीशान बंगले में बंदी बनाकर ले गए। इस विला में उन्हें पहरे में रखा गया।
पूर्व पति ढूंढने पहुंचा तो उसे भी किया गया किडनेप
तलाक होने और दूसरे परिवार की जिम्मेदारी होने के बावजूद जैसे ही शिन को चोई के लापता होने की खबर मिली तो वो 6 महीने बाद उन्हें ढूंढते हुए हॉन्गकॉन्ग पहुंच गए। जैसे ही शिन वहां पहुंचे तो उन्हें भी उन्हीं आदमियों ने अगवा कर लिया। कई महीनों तक शिन को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी पूर्व पत्नी चोई को भी इसी तरह अगवा किया गया है। शिन ने दो बार पहरे होने के बावजूद भागने की नाकाम कोशिश की। गुस्से में उन लोगों ने शिन को जेल में बंद कर दिया। एक लेटर मिलने के बाद 23 फरवरी 1983 को शिन को जेल से छोड़ दिया गया।
क्यों हुई थी चोई और शिन की किडनैपिंग
दरअसल साउथ कोरिया और नोर्थ कोरिया का बंटवारा होने के बाद साउथ कोरियन फिल्म इंडस्ट्री तेजी से उभरी थी, हालांकि नॉर्थ कोरिया में सिर्फ पॉलिटिकल या वहां के तानाशाहों की तारीफों में ही फिल्में बना करती थीं। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग इल फिल्मों के बड़े प्रशंसक थे, लेकिन देश में लगातार फ्लॉप फिल्में बनने से वो बहुत फ्रस्टेट हो चुके थे।
चोई और शिन साउथ कोरिया के स्टार्स थे। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग इल चाहते थे कि वो दोनों नॉर्थ कोरिया में रहकर उनके लिए फिल्में बनाएं, जिससे नॉर्थ कोरिया की फिल्म इंडस्ट्री को दुनियाभर में पहचान मिल सके।
तानाशाह ने दोबारा करवाई शादी
किम जोंग इल ने चोई और शिन के तलाक के 7 साल बाद 1983 में उनकी जबरदस्ती दोबारा शादी करवाई। चोई और शिन पर वहां फिल्में बनाने का दबाव डाला गया। नॉर्थ कोरिया में तानाशाह या पॉलिटिकल प्रोपोगेंडा के तहत फिल्में बनती थीं, लेकिन चोई ने किम जोंग इल को समझाया कि इस सब्जेक्ट की फिल्मों से उन्हें कभी ग्लोबली पहचान नहीं मिल पाएगी। तानाशाह किम ने चोई की बात मान ली और उन्हें दूसरे सब्जेक्ट की फिल्में बनाने की अनुमति दी।
नॉर्थ कोरिया इंडस्ट्री को भी दिलवाई दुनियाभर में पहचान
चोई और शिन ने 1983 से नोर्थ कोरिया की फिल्में बनाईं। दोनों ने किम जोंग के राज में नॉर्थ कोरिया की सबसे महंगी फिल्म पुलकासारी बनाई जिससे गॉडजिला फिल्म प्रेरित है। दोनों ने वहां लव लव माय लव, रनअवे, सॉल्ट जैसी कई बेहतरीन फिल्में बनाईं।
नॉर्थ कोरिया से भागने के लिए लिया US गवर्नमेंट का सहारा
चोई और शिन भले ही नॉर्थ कोरिया का गोल्डन एरा लाने का क्रेडिट दिया गया, लेकिन दोनों तानाशाही से तंग आ चुके थे। एक दिन नॉर्थ कोरिया से भागने के लिए दोनों ने सबूत इकट्ठा करने शुरू किए। दोनों ने किम जोंग इल की एक रिकॉर्डिंग की जिससे ये साबित हो सके कि दोनों को अगवा करके रखा गया है।
रिकॉर्डिंग के दौरान किम जोंग ने बातों-ही-बातों में दोनों की किडनेपिंग की कहानी सुना दी। साथ ही ये भी कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों को यही कहना होगा कि वो मर्जी से नॉर्थ कोरिया आए हैं।
गार्ड्स से बचते हुए होटल में छिपे चोई-शिन
पुलगासारी की कामयाबी के बाद चोई और शिन ने किम जोंग इल से दूसरी फिल्म बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि वो विएना में ये फिल्म बनाएंगे। इजाजत मिल गई और 1986 में दोनों विएना गए। यहीं से किम ने दोनों से ऑस्ट्रिया जाकर अगली फिल्म का फायनेंसर ढूंढने को कहा। 12 मार्च 1986 को दोनों विएना के इंटरकॉन्टिनेंटल होटल में जर्नलिस्ट अकीरा एनोकी से मिलने पहुंचे।
दोनों दो सफेद सूट पहने गार्ड की मौजदूगी में बेहद डरे और घबराए हुए वहां बैठे थे। कुछ समय तक फिल्म की बात करने के बाद दोनों ने गार्ड्स को कमरे से बाहर जाने के लिए राजी कर लिया। दोनों ने गार्ड्स के जाते ही वहां मौजूद होटल स्टाफ से मदद मांगी और युनाइटेड स्टेट एंबेसी को खबर करवाई कि दोनों शरण लेना चाहते हैं।
ट्रैफिक में पीछा करते रहे नॉर्थ कोरिया के गार्ड
चोई और शिन ने दोपहर करीब 12ः30 बजे होटल से टैक्सी ली और होटल से भाग गए। शक होते ही नॉर्थ कोरिया से आए गार्ड उनका पीछा करने लगे। भारी ट्राफिक के कारण दोनों को बचने में कामयाबी मिल गई। गार्ड्स पीछा करते रहे इसी बीच जैसे-तैसे दोनों टैक्सी से निकलकर एंबेसी पहुंच सके। US एंबेसी ने दोनों को शरण दी और नॉर्थ कोरिया के गार्ड्स से बचाया।
जान का खतरा होने पर दोनों ने बना ली कोरिया से दूरी
नॉर्थ कोरिया से भागने के बाद चोई और शिन साउथ कोरिया वापस जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें डर था कि कहीं साउथ कोरिया की सरकार उनकी कहानी पर यकीन न करते हुए उन पर कार्यवाही ना करे। क्योंकि दोनों दबाव के कारण कॉन्फ्रेंस में ये कबूल कर चुके थे कि वो मर्जी से नॉर्थ कोरिया गए हैं। दूसरा डर नॉर्थ कोरिया के सीक्रेट एजेंट का था, जो साउथ कोरिया की सड़कों पर घूमते थे और जो उनकी जान के दुश्मन बन चुके थे।
US सरकार ने बदल दिया था नाम
नॉर्थ कोरिया के कई एजेंट चोई और शिन की तलाश में लगे थे। US सरकार ने इस स्थिति को समझते हुए दोनों को नाम बदलकर रहने की सलाह दी। चोइ इयून ही का नाम बदलकर चोय यिओसा हो गया और शिन सैंग-ओक, शीन सैंग ओक हो गए।
21 साल बाद साउथ कोरिया लौटीं चोई
दोनों ने खौफ में कई साल वर्जीनिया और बेवर्ली हिल्स कैलिफोर्निया में ही 13 साल बिताए। आखिरकार दोनों 1999 में साउथ कोरिया वापस आए। चोई और शिन की नामौजूदगी में उनकी नौकरानी ने उनके दोनों बच्चों की परवरिश की थी। सरकार ने दोनों पर भरोसा किया और उनका स्वागत किया। इसी साल शिन सैंग-ओक को कांस फिल्म फेस्टिवल में बतौर ज्यूरी मेंबर बुलाया।
साल 2001 में चोई थिएटर ग्रुप की हेड बन गईं। 2002 में इन्होंने म्यूजिकल क्रेजी फॉर यू फिल्म भी प्रोड्यूस की। 2007 में चोई ने ऑटोबायोग्राफी कन्फेशन ऑफ चोई इयून ही पब्लिश की।
साल 2006 में शिन का हैपेटाइटिस के कारण निधन हो गया। बढ़ती उम्र के साथ 2008 तक चोई ने भी फिल्मों में काम करना बंद कर दिया। 16 अप्रैल 2018 को किडनी फेल्योर के चलते चोई ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। 91 साल की चोई इयुन-ही के निधन से पूरे साउथ कोरिया में शोक की लहर थी। चोई इयुन-ही ने कभी नॉर्थ कोरिया के तानाशाह को किडनैपिंग के लिए माफ नहीं किया।
1985 नॉर्थ कोरिया में रहते हुए चोई को सॉल्ट फिल्म के लिए मोस्को फिल्म फेस्टिव में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था। ये अवॉर्ड चोई के लिए बेहद खास था, लेकिन नॉर्थ कोरिया से भागते हुए वो अवॉर्ड वहीं छूट गया। पति शिन चाहते थे कि वो किसी तरह उस अवॉर्ड का रेप्लिका तैयार करवाकर अपनी पत्नी को गिफ्ट करें। अवॉर्ड के नियमों के तहत ऐसा करवाना गैरकानूनी था, इसलिए शिन उन्हें अवॉर्ड गिफ्ट नहीं कर सके।
चोई की किडनैपिंग के बाद साउथ कोरिया में फिल्में बनना हुईं कम
वर्ल्ड वॉर 2 के बाद साल 1945 में नोर्थ कोरिया और साउथ कोरिया का विभाजन हुआ था। साउथ कोरिया में जापान का कब्जा हुआ वहीं नोर्थ कोरिया को चाइना का समर्थन मिला। जापानी हुकूमत होने के चलते साउथ कोरिया में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब थी। जापानी लोग यहां साउथ कोरिया की महिलाओं को अपने सैनिकों के मनोरंजन के लिए बंदी बनाकर रखा करते थे। पाबंदियों के चलते लोगों ने फिल्में देखना भी लगभग बंद कर दिया।1959 तक साउथ कोरिया में सालाना महज 8 फिल्में बना करती थीं। चोई इयुन-ही के आने के बाद 50 के दशक से कोरियन सिनेमा का स्वर्ण युग आया और वहां फिल्में बड़ी संख्या में बनने लगीं।
1973 में जब चोई की किडनैपिंग हुई तो 70 के दशक में फिर एक बार कोरियन सिनेमा का सबसे बुरा दौर रहा। फिल्मों की क्वालिटी का स्तर गिर गया और फिर यहां फिल्में बननी भी लगभग बंद हो गईं। 1970- 2005 तक यहां ज्यादातर विदेशी फिल्में ही रिलीज हुआ करती थीं। साल 2005 आते हुए कोरिया में फिल्म प्रोडक्शन बढ़ गया और दोबारा सिनेमाघरों में कोरियन फिल्में विदेशी फिल्मों के मुकाबले ज्यादा रिलीज होने लगीं।
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Reference-
http://www.koreatimes.co.kr/www/news/nation/2016/10/180_215463.html
https://www.screendaily.com/news/legendary-korean-actress-choi-eun-hee-dies-aged-91/5128333.article
https://www.bbc.com/news/world-asia-43792417
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