Lata Mangeshkar Death | Lata Mangeshkar Rare Photos; Legendary Singer Lata Mangeshkar Pictures From The Past
PHOTOS में लता जी का सुरीला सफर:13 साल की उम्र में एक्टिंग से लेकर अपनी गायिकी से पं. नेहरू की आंखों में आंसू लाने तक, देखें चुनिंदा तस्वीरें
एक वर्ष पहले
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'भारत रत्न' लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीत गाए हैं। बकौल लता जी, 'पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं होती'... ये मानने वाली महान गायिका लता मंगेशकर लंबे समय तक पिता के सामने गाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थीं। फिर परिवार को संभालने के लिए उन्होंने इतना गाया कि सर्वाधिक गाने रिकॉर्ड करने का कीर्तिमान 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में 1974 से 1991 तक हर साल अपने नाम दर्ज कराती रहीं। लता जी से जुड़ी कुछ खास यादें देखिए तस्वीरों में...
9 सितंबर 1938 को लता जी ने अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर के साथ पहला क्लासिकल परफॉर्मेंस सोलापुर में दिया था। ये 83 साल पहले की बात है। तब लता जी महज 9 साल की थीं।
लताजी मानती थीं कि पिता की वजह से ही वे आज सिंगर बन पाईं, क्योंकि संगीत उन्होंने ही सिखाया। जानकर आश्चर्य हो सकता है कि लता के पिता दीनानाथ मंगेशकर को लंबे समय तक मालूम ही नहीं था कि बेटी गा भी सकती है। लता को उनके सामने गाने में डर लगता था। वो रसोई में मां के काम में हाथ बंटाने आई महिलाओं को कुछ गाकर सुनाया करती थीं। मां डांटकर भगा दिया करती थीं कि लता के कारण उन महिलाओं का वक्त जाया होता था, ध्यान बंटता था।
लता ने बहन आशा के साथ मास्टर विनायक की पहली हिंदी फिल्म 'बड़ी मां' (1945) में छोटा सा रोल किया था। आशा भोसले लता जी से 4 साल छोटी हैं।
13 साल की उम्र में लता ने 1942 में 'पहिली मंगलागौर' फिल्म में एक्टिंग की। कुछ फिल्मों में उन्होंने हीरो-हीरोइन की बहन के रोल किए हैं, लेकिन एक्टिंग में उन्हें कभी मजा नहीं आया।
26 जनवरी 1963 को जब लता मंगेशकर ने लाल किले से 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे।
लता जी ने खुद ये किस्सा बताते हुए कहा था, '1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद प्रदीप जी ने 'ए मेरे वतन के लोगों' गाना लिखा जिसे मैंने पहली बार 1963 के गणतंत्र दिवस पर गाया था। गाना खत्म करने के बाद मैंने स्टेज से उतरकर कॉफी मंगाई। तभी महबूब साहब भागते हुए मेरे पास आए और कहा, 'लता, कहां हो तुम...पंडित जी तुमसे मिलना चाहते हैं।' फिर मैं उनके पीछे-पीछे चल दी। जब पंडित जी ने मुझे देखा तो खड़े हो गए। वहां इंदिरा जी और कई बड़े नेता भी मौजूद थे। महबूब साहब ने पंडित जी को मेरा परिचय दिया 'आप हैं लता मंगेशकर'। तब नेहरू जी ने मुझसे कहा, 'बेटी, तुमने आज मुझे रुला दिया।''
एक बार अमेरिका में लता दीदी का कोई कॉन्सर्ट था, तब उनसे मिलने अमिताभ बच्चन गए थे। प्रोग्राम शुरू होने में थोड़ा समय था, तब दीदी ने कहा कि आप मेरे अंगने में...ऐसे गाने से शुरुआत कीजिए। फिर मुझे आप मुझे स्टेज पर बुलाइए, मैं स्टेज पर आऊंगी तो मेरा परिचय देना। अमिताभ बच्चन झेंप गए। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कभी स्टेज पर किया नहीं है। दीदी ने जवाब में कहा कि कभी न कभी तो करना पड़ेगा, चलो आज कर लो। तब उन्होंने स्टेज पर मेरे अंगने में... गाया। उन्होंने बताया कि उसके बाद वे स्टेज शो करने लग गए।
यह तस्वीर 1973 की है जब राजेश खन्ना ने डिंपल कपाड़िया के साथ शादी की तो उसमें लता मंगेशकर भी पहुंची थीं।
नरेंद्र मोदी और लता मंगेशकर की भी गहरी बॉन्डिंग रही। लता ने जब अपने पिताजी के स्मरण में मास्टर दीनानाथ मंगेशकर रुग्णालय बनवाया और जब अस्पताल में एक-दो मंजिल और बढ़ाई गई तो, उस वक्त अस्पताल देखने नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। वे उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब दीदी ने हंसते-हंसते कहा कि मैं सोचती हूं कि आप बहुत जल्द देश के प्रधानमंत्री बन जाएं। यह 2007-08 की बात है। बाद में उनकी बात सच निकली।
लता मंगेशकर और राज कपूर के रिश्ते काफी पारिवारिक थे। राज कपूर की लगभग हर फिल्म में लता जी ही नायिका की आवाज रहीं। इतने गहरे रिश्ते होने के बाद भी लता जी अपने सिद्धांतों की पक्की रहीं और कई बार राज कपूर से उनकी अनबन भी हुई।
लता मंगेशकर और मो. रफी के रिश्ते काफी रोचक रहे। गायकों को गानों की रायल्टी ना मिलने के मामले में लता काफी मुखर रहीं और रफी इसके खिलाफ थे। ये ही मतभेद मनभेद का कारण बने और 1963 से 1967 तक लता रफी ने साथ में कोई गाना नहीं गाया। बाद में रफी साहब ने लता जी को पत्र लिख कर माफी मांगी और फिर दोनों ज्वेल थीफ फिल्म के लिए साथ गाने पर राजी हुए।
लता मंगेशकर की गोद में ये कोई और नहीं, बल्कि ऋषि कपूर हैं जब वे दो-तीन महीने के हुआ करते थे। स्वर्गीय ऋषि कपूर ने यह तस्वीर खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कभी शेयर की थी।
लता और मीना कुमारी बहुत अच्छी सहेलियां थीं। मीना कुमारी अक्सर लता से मिलने के लिए रिकॉर्डिंग स्टूडियो पहुंच जाया करती थीं। लता जी भी मानती थीं कि उनकी आवाज सबसे ज्यादा मीना कुमारी और नरगिस पर फिट बैठती है।