पोन्नियन सेल्वन-1 कहानी है चोल सम्राट राजराजा की:8 साल रिसर्च कर चोलों ने बनाई थी अपनी नौसेना, 1000 जहाज और 10 लाख नौसैनिक थे

8 महीने पहलेलेखक: अरुणिमा शुक्ला
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30 सितंबर को साउथ की फिल्म पोन्नियन सेल्वन-1 (PS-1) रिलीज हो रही है। पोन्नियन सेल्वन तमिल शब्द है, हिंदी में इसका अर्थ है कावेरी नदी का बेटा। पोन्नियन सेल्वन कहा जाता था 10वीं शताब्दी के चोल सम्राट राजराजा प्रथम को। ये फिल्म इन्हीं की कहानी है।

चोल राजवंश भारत का सबसे लंबे समय तक चलने वाला राजवंश रहा है, जिसने करीब 1500 साल तक दक्षिण भारत में राज किया। जिसमें 9वीं से 13वीं शताब्दी के बीच 400 साल दक्षिण भारत के साथ ही श्रीलंका, मालदीव, इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों तक इन्होंने युद्ध किए, जीते और वहां राज किया। चोल राजाओं की खासियत ये थी कि उन्होंने ज्यादातर युद्ध समुद्र के रास्ते जीते। उनकी सेना में 1000 युद्धपोत और 10 लाख से ज्यादा नौसैनिक थे। सेना में 60 हजार हाथी भी थे। ये जहाजों में हाथियों को ले जाते और दूसरे देशों पर हमला करते। श्रीलंका को चोल राजाओं ने ऐसे ही जीता था।

चोल साम्राज्य को सबसे ज्यादा पोन्नियन सेल्वन ने ही बढ़ाया। ये फिल्म उसी राजवंश में हुए एक षड्यंत्र की कहानी है। जितनी दिलचस्प कहानी सम्राट पोन्नियन सेल्वन की है, उतनी ही उन पर बन रही फिल्म PS-1 की भी है। 50 के दशक में इस पर लेखक कल्कि कृष्णमूर्ति ने नॉवेल लिखा था। ये अब तक का तमिल का सबसे बेहतरीन नॉवेल माना जाता है। तमिल सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन ने इस पर फिल्म बनाने की कोशिश की थी और उस दौर में 10 हजार रुपए में इस नॉवेल के राइट्स खरीदे थे, लेकिन वो फिल्म नहीं बना पाए। 90 के दशक में मणिरत्नम ने भी फिल्म बनाने की कोशिश की। लगभग 60 साल बाद अब इस कहानी पर फिल्म बन पाई है। आज पढ़िए, पोन्नियन सेल्वन और उन पर बनी फिल्म की कहानी.....

पहले इतिहास की बात...कहानी चोल साम्राज्य की।

8 साल रिसर्च की, फिर बनाई अपनी नौसेना

इतिहास में चोल साम्राज्य का जिक्र दो बार आता है। 8वीं शताब्दी के पहले इनके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। सन 850 के आसपास इनका दोबारा उदय हुआ। पल्लव राजाओं को हराकर 9 वीं शताब्दी में चोल सत्ता में आ गए थे। पल्लव और पांड्य की नौसेना बहुत ही शक्तिशाली थीं। वो इन्हीं के दम पर युद्ध जीतते थे। इनकी नौसेना को देखकर ही करीब 8 साल की लंबी रिसर्च के बाद चोलों ने अपनी नौसेना बनाई और सत्ता में आए। इस नौसेना में 1000 युद्धपोत थे और 10 लाख नौ सैनिक। ये दुनिया की सबसे बड़ी नौ सेना थी। चोल साम्राज्य की दूसरी बड़ी ताकत थी हाथी। उनकी सेना में 60 हजार हाथी थे। दुश्मन सेना के पैदल सैनिकों को हाथियों के पैरों तले कुचलना उनकी युद्ध नीति थी।

विजयालय थे चोलों के पहले राजा

इसके बाद शक्तिशाली नौसेना के बल पर चोलों ने श्रीलंका और मालदीव के द्वीपों पर कब्जा कर लिया। चोल साम्राज्य के संस्थापक विजयालय थे जो कि पहले पल्लवों के सामंत थे। उन्होंने 850 ईस्वी में चोल साम्राज्य की स्थापना की। उनके बेटे आदित्य प्रथम थे। आदित्य भी विजयालय साम्राज्य के सफल शासक थे।

अब कहानी सम्राट राजराजा प्रथम यानी पोन्नियन सेल्वन की

इन्हीं में एक राजा सुंदर चोल ने राजगद्दी सभांली। उनके दो बेटे थे, आदित्य द्वितीय और अरुलमोझी वर्मन। उनकी एक बेटी कुंडवई भी थी। अरुलमोझी वर्मन को ही बाद में राजराजा प्रथम और पोन्नियन सेल्वन कहा गया। उन्होंने 30 साल तक राज किया था।

राजराजा प्रथम ने नौसेना के दम पर विदेशी व्यापार को बढ़ाया था। मालदीव पर भी जीत उन्होंने नौसेना के दम पर की थी। राजराजा प्रथम के राज्यकाल में ही उनके बेटे राजेंद्र प्रथम को युवराज बना दिया गया था। राजराजा प्रथम और राजेंद्र प्रथम, जहां पर जीत हासिल करते थे वहां पर वो शिव और विष्णु के मंदिर बनवाते थे। 10वीं शताब्दी के चोल वंश में राजेंद्र प्रथम पहले ऐसे व्यक्ति थे जो पहली बार दक्षिण से उत्तर भारत की तरफ बढ़कर गंगा नदी तक आए थे।

अब बात फिल्म की..क्या है फिक्शनल कहानी

फिल्म में इन्हीं महान शासक पोन्नियन सेल्वन की कहानी को दिखाया गया है। इस फिल्म की कहानी शुरू होती है सम्राट सुंदर चोल से। सुंदर चोल जीवन के आखिरी पड़ाव थे तो खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें राज गद्दी से हटा दिया गया था। उसके बाद ये चुनौती थी कि राज गद्दी कौन संभालेगा। राजा सुंदर चोल के दो बेटे और एक बेटी थी। पहला बेटा आदित्य और दूसरा अरुलमोझी वर्मन। इन्हें पोन्नियन सेल्वन के नाम से जाना जाता था। उनकी बेटी का नाम कुंडवई था।

राजा के खराब स्वास्थ्य की जानकारी उनके दुश्मनों को लग जाती है और वो हमले की तैयारी करने लगते हैं। रानी नंदनी, जो पेरिया पज़ुवेत्तारैयार की पत्नी है, प्रिंस आदित्य को मारना चाहती हैं, ताकि उनके पति राज सिंहासन पर बैठ सकें। पोन्नियन सेल्वन और उनके मंत्रियों को इस साजिश की भनक लग जाती है। इसके बाद कमांडर वल्लवरैयन वंदियादेवन को पोन्नियन सेल्वन को श्रीलंका से वापस लाने और सिंहासन बचाने का काम सौंपा जाता है।

इसके बाद का स्पॉइलर हम नहीं देंगे। फिल्म में देखना होगा कि कमांडर शाही परिवार को बचा पाते हैं कि नहीं।

बाहुबली से भी है पोन्नियन सेल्वन का कनेक्शन

बाहुबली में एक सीन दिखाया गया था, जिसमें नदी के बीचों बीच एक बच्चे को शिवगामी अपने एक हाथ से पानी की धारा से ऊपर उठाए रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि नदी से निकले एक हाथ में बच्चे वाला ये आइडिया, बाहुबली के डायरेक्टर एस.एस. राजामौली को पोन्नियन सेल्वन नॉवेल से ही मिला था।