महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने हाल ही में रैली के दौरान गीतकार और लेखक जावेद अख्तर की जमकर तारीफ की। जावेद के पाकिस्तान में 26/11 आतंकी हमले पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि हमें ऐसे ही और मुस्लिम चाहिए जो पाकिस्तान के खिलाफ बोलें और उन्हें हमारे देश के बारे में बताएं।
मुझे जावेद अख्तर जैसे मुस्लिम चाहिए- राज ठाकरे
दरअसल, 22 मार्च को गुड़ी पड़वा के मौके पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुंबई में पड़वा मेलावा रैली की थी। दादर के छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क में आयोजित भाषण के दौरान राज ने कहा- ‘मुझे जावेद अख्तर जैसे बहुत से लोग चाहिए। मुझे ऐसे ही भारतीय मुसलमान चाहिए जो पाकिस्तान के खिलाफ बोलें और उन्हें हमारी ताकत बाताएं। जावेद अख्तर ऐसा ही करते हैं और मुझे उनके जैसे ही मुस्लिम चाहिए।’ बता दें कि राज ठाकरे से पहले भी कई कंगना रनोट समेत कई सेलेब्स जावेद के इस कदम के लिए उनकी सराहना कर चुके हैं।
जावेद ने पाकिस्तान पर कसा था तंज
दरअसल, जावेद 17 और 19 फरवरी को लाहौर में हुए फैज फेस्टिवल में पहुंचे थे। जहां कार्यक्रम के दौरान महिला ने सवाल किया- जावेद साहब क्या आप हिन्दुस्तान जाकर वहां के लोगों को बताते हैं कि पाकिस्तान बड़ा फ्रेंडली, लविंग और पॉजिटिव मुल्क है। हम बम नहीं मारते, फूल भी पहनाते हैं और प्यार भी करते हैं?
इस पर जावेद अख्तर ने कहा- 'हम तो बंबई के लोग हैं, हमने देखा हमारे शहर पर कैसे हमला हुआ था। वो लोग (आतंकी) नॉर्वे से तो नहीं आए थे, ना इजिप्ट से आए थे। वो लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं। तो ये शिकायत अगर हर हिंदुस्तानी के दिल में है तो, आपको बुरा नहीं मानना चाहिए।'
पाकिस्तान ने कभी लता मंगेशकर को इनवाइट नहीं किया
इतना ही नहीं जावेद ने कहा- ‘भारत ने अतीत में कई पाकिस्तानी कलाकारों की मेजबानी की है, पाकिस्तान ने लता मंगेशकर की कभी मेजबानी नहीं की।’
लगा कि विश्व युद्ध जीत आया हूं
ऐसा महसूस होता है मुझे नहीं जाना चाहिए था। पाकिस्तान से वापस लौटने के बाद एबीपी के एक इवेंट के दौरान जावेद ने कहा- ‘यह मामला बहुत बड़ा हो गया। ऐसा महसूस होता है कि मुझे नहीं जाना चाहिए था। यहां आया तो अंदाजा नहीं था कि तीसरा विश्व युद्ध जीत के आया हूं। लोगों के रिएक्शन देखकर मैं शर्मिंदा था ऐसा क्या कह दिया? लेकिन इतनी बात तो कहनी पड़ेगी, चुप रहें क्या?
जब यहां नहीं डरता, तो वहां क्या डरेंगे- जावेद
जावेद से जब सवाल किया गया कि क्या वो लाहौर में पाकिस्तानी लोगों से भरे हॉल में उनके देश के खिलाफ मन की बात कहने से डरे थे। इस पर उन्होंने कहा था- ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जिस मुल्क में पैदा हुए, हम यहां जीने-मरने की बातें करते हैं। दूसरे मुल्क में दो दिन के लिए जाने में भला क्या डर? मुझे यहां डर नहीं लगता, तो वहां क्यों डरूंगा?
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