राज कपूर के बड़े बेटे का फैसला:पत्नी-बेटियों के करीब शिफ्ट होने के लिए पैतृक घर बेचेंगे रणधीर कपूर, भाई-बहनों के साथ साझा करेंगे बिक्री से हुई कमाई

2 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक

कोरोना वायरस से जूझ रहे रणधीर कपूर कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट ले रहे हैं। इस बीच यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि वे चेम्बूर स्थित अपना पैतृक घर बेचने जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बात की जानकारी खुद रणधीर ने साझा की है। उन्होंने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कहा, "मेरे पैरेंट्स ने कहा था कि मैं जब तक चाहूं, तब तक इस घर में रह सकता हूं। लेकिन अब मैंने इसे बेचने का फैसला कर लिया है।"

भाई बहनों के साथ साझा करेंगे बिक्री से हुई कमाई
रणधीर ने ई-टाइम्स से बातचीत में आगे कहा, "मुझे घर की बिक्री से हुई कमाई अपने भाई-बहनों ऋषि, राजीव, रितु और रीमा के साथ साझा करनी होगी। इसमें कोई दिक्कत नहीं। क्योंकि मैंने अपने करियर में मैंने काफी अच्छा किया है और ठीक-ठाक इंवेस्टमेंट भी है। राजीव ज्यादातर मेरे साथ ही रहे। पुणे में उनका एक घर था, लेकिन वे ज्यादातर मुंबई में ही रहते थे। अब मैं बबिता, बेबो (करीना) और लोलो (करिश्मा) के घरों के पास शिफ्ट हो रहा हूं।"

राजीव के प्रॉपर्टी विवाद को लेकर चर्चा में रहे
रणधीर कपूर हाल ही में दिवंगत छोटे भाई राजीव कपूर के प्रॉपर्टी विवाद को लेकर भी चर्चा में रहे थे। दरअसल, तलाकशुदा राजीव की कोई संतान नहीं है और उनकी प्रॉपर्टी का मामला कोर्ट में है। सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने रणधीर कपूर और रीमा जैन से अंडरटेकिंग मांगी, जिसमें उन्हें राजीव की डाइवोर्स डिक्री खोज कर जमा करने के लिए कहा है।

रणधीर ने अपने बयान में कहा था, "मेरे भाई राजीव का तलाक हो चुका था। मुझे प्रोबेट बनवाना होगा। इसके लिए मुझे उनके तलाक के कागजात की जरूरत है। वे पुणे में और यहां (मुंबई) रहते थे। यह मुझे नहीं मिले हैं और मैं इसे ट्रेस कर रहा हूं। मैंने इस काम पर एक ट्रेसर को लगाया है और लोग इस पर काम कर रहे हैं। नहीं पता, उन्होंने यह कहां रखा है।"

दो साल पहले आरके स्टूडियो बेचा था
करीब दो साल पहले कपूर भाइयों (रणधीर, ऋषि और राजीव) ने अपने पिता राज कपूर द्वारा बनाया गया आर के स्टूडियो बेच दिया था। बताया जाता है कि इस प्रॉपर्टी की डील करीब 170- 190 करोड़ के बीच हुई थी। नए मालिक ने 2.4 एकड़ में फैले स्टूडियो के सिर्फ 2 एकड़ की कीमत ही चुकाई थी। दरअसल, बचे हुए 0.4 एकड़ जमीन पर झुग्गी-बस्तियों और दुकानों ने अतिक्रमण कर लिया था। यहां एक पुलिस चौकी भी है और इसका कुछ हिस्सा सड़क को चौड़ा करने के भी लिए चिन्हित किया गया था।

खबरें और भी हैं...