बॉलीवुड के लिए इस साल की शुरुआत बुरी साबित हुई है। एसएस राजामौली की RRR की रिलीज डेट टल गई है। RRR की रिलीज डेट अभी 7 जनवरी थी। वहीं प्रभास स्टारर राधे श्याम 14 जनवरी को ही रिलीज होगी। मेकर्स ने इस बात की पुष्टि की है। आज सुबह से ही दोनों फिल्मों की रिलीज डेट का टलना तय माना जा रहा था। RRR के मेकर्स नई रिलीज डेट का ऑफिशियल अनाउंसमेंट जल्दी करेंगे। मेकर्स ने कोरोना के बढ़ते केस के चलते यह फैसला लिया है, क्योंकि महाराष्ट्र समेत आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 50% ऑक्यूपेंसी के साथ थिएटर ऑपरेट हो रहे हैं। वहीं, दिल्ली में सिनेमाघर पूरी तरह से बंद हैं।
RRR का बजट 400 करोड़ और राधे श्याम का 350 करोड़ रुपए
फिल्म RRR का बजट 400 करोड़ रुपए है। वहीं, राधाकृष्ण कुमार के डायरेक्शन में बनी राधे श्याम का बजट 350 करोड़ रुपए का है। राधे श्याम की पहली रिलीज डेट 30 जुलाई 2021 थी, लेकिन कोविड को देखते हुए इसे टाल दिया गया था। 23 दिसंबर को करीब 40 हजार फैंस की मौजूदगी में इसका ट्रेलर रिलीज किया गया था।
क्रिटिक्स ने किया अनाउंसमेंट
साउथ के फिल्म क्रिटिक्स ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर कर इसकी जानकारी दी है।
कई राज्यों में 50% ऑक्यूपेंसी के साथ चल रहे थिएटर्स
महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में थिएटर्स को प्रशासन ने 50% ऑक्यूपेंसी के साथ चलाने की अनुमति दी है। वहीं, दिल्ली सरकार ने थिएटर्स पूरी तरह से बंद कर दिए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने थिएटर मालिकों को रात 8 बजे के बाद शो न चलाने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद मेकर्स को ये डर है कि फिल्म अपनी लागत भी नहीं निकाल पाएगी।
फिल्म के मेकर्स को कमाई की उम्मीद सबसे ज्यादा इसी टैरेटरी से है। महाराष्ट्र में 100 करोड़, तमिलनाडु में 50 करोड़ और दिल्ली से 60 करोड बिजनेस की उम्मीद थी, जो अब नजर नहीं आ रही है। इसके बाद मेकर्स ने ये बड़ा फैसला लिया है।
अजित की वलीमई भी है कारण
साउथ के एक्टर अजीत की फिल्म वलीमई की रिलीज डेट 13 जनवरी 2022 है। तमिलनाडु समेत पूरे साउथ में अजित की लोकप्रियता बहुत है, जिससे मेकर्स को उम्मीद है कि फिल्म 15 दिन तक अच्छा बिजनेस करेगी। RRR और राधे श्याम के मेकर्स इसके चलते भी अपनी रिलीज आगे बढ़ा रहे हैं।
भारतीय फिल्म एक्जिबिटर्स के लिए बड़ा झटका
एंटरटेनमेंट बिजनेस रिसर्च एनालिस्ट करन तौरानी का कहना है कि, भारतीय फिल्म एक्जिबिटर्स के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। बीते तीन-चार महीनों में देखा गया है कि सिर्फ बड़ी फिल्में ही अच्छा फुटफॉल ला सकती है। इसलिए देश में जहां पर भी थिएटर्स चालू हैं वहां पर एक्जिबिटर्स के लिए छोटी-छोटी फिल्मों के साथ बिजनेस करना घाटे का ही सौदा है। क्योंकि एक थिएटर चलाने में रोजाना बहुत बड़ा खर्च होता है।
तौरानी ने कहा कि अब अगले मार्च या अप्रैल तक किसी बड़ी फिल्म रिलीज होने की उम्मीद कम है। हम उसी स्थिति में वापस जा रहे हैं जब सिनेमा या तो बंद हो गए थे या तो फिर ऑक्युपेंसी कम कर दी गई थी। गाडी पटरी पर लौटते-लौटते और छह से आठ हफ्ते का समय लग सकता है। वैसे पहले और दूसरे वेव के मुकाबले कम समय में थिएटर बिजनेस रिवाइव हो सकता है।
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