एआर रहमान ने बताया 2009 में कैसे जीता ऑस्कर:बोले- वेस्ट के लोग हमारे गाने सुने.. हमें ऐसे गाने बनाने चाहिए; अवॉर्ड जीतने के लिए एक्सपेरिमेंट जरूरी

2 महीने पहले
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दो बार ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुके म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान और वायलिनिस्ट एल सुब्रमण्यम के बीच हुई बातचीत का एक वीडियो फिर से सुर्खियां बटोर रहा है। इस वीडियो में एआर रहमान अपने गाने ‘जय हो’ की मेकिंग और ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के बारे में बात कर रहे हैं। वीडियो में रहमान ने कहा है कि ऑस्कर में गलत फिल्में भेजी जाती रही हैं।ऑस्कर के नॉमिनेशन से पहले 6 जनवरी को ए आर रहमान ने अपने यूट्यूब चैनल पर ये वीडियो अपलोड किया था। ‘नाटू-नाटू’ के ऑस्कर जीतने पर एआर रहमान ने म्यूजिक कंपोजर को ‘जय हो टू यू!’ कहकर बधाई दी।

एआर रहमान को 2009 में आई फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के गाने ‘जय हो’ के लिए बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग और बेस्ट ओरिजिनल स्कोर का ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है।
एआर रहमान को 2009 में आई फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के गाने ‘जय हो’ के लिए बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग और बेस्ट ओरिजिनल स्कोर का ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है।

एआर रहमान ने ऐसा क्या बदला की ऑस्कर मिल गया
इस वीडियो में एआर रहमान बता रहे हैं कि उन्होंने अपने म्यूजिक के बारे में ऐसा क्या बदला कि उनका कंपोज किया गाना ऑस्कर तक पहुंच गया। जब एल सुब्रमण्यम ने रहमान से पुछा कि आपने पुराने ढंग से बहुत सारे म्यूजिशियन और और्केस्ट्रा के साथ गाने बनाने के तरीके को कैसे बदला तो रहमान बोले- ये टेक्नोलॉजी की देन थी।
पहले एक फिल्म में सिर्फ 8 ट्रैक हुआ करते थे। क्योंकि मैं जिंगल्स बैकग्राउंड से आता हूं, तो मेरे पास 16 ट्रैक्स थे और मैं इनसे काफी कुछ कर लेता था।

किसी को मेरे फेलियर के बारे में नहीं पता, क्योंकि ये स्टूडियो के अंदर होता था लेकिन मेरे सक्सेस से सब वाकिफ हैं : रहमान
किसी को मेरे फेलियर के बारे में नहीं पता, क्योंकि ये स्टूडियो के अंदर होता था लेकिन मेरे सक्सेस से सब वाकिफ हैं : रहमान

टेक्नोलॉजी और एक्सपेरिमेंट ने दिलाई जीत
बिना और्केस्ट्रा के गाने कंपोज करना आसान था क्योंकि हर किसी को डेप्थ चाहिए थी और लगभग सभी बड़े इंस्ट्रूमेंट्स धीरेधीरे साइज में छोटे होते जा रहे थे। इसके साथ ही टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही थी। इस वजह से मुझे एक्सपेरिमेंट करने का काफी टाइम मिला।
होम स्टूडियो की मदद से मैंने अपने गानों के साथ टेक्नोलॉजी और और्केस्ट्रा को मिलाकर ढेर सारे एक्सपेरिमेंट किए और अपने म्यूजिक को इम्प्रूव किया।

मैं ये सवाल खुद से करता रहा। इसी सवाल का जवाब देने के लिए मैंने बेहतर प्रोडक्शन किया, क्वालिटी पर काम किया और आज भी ये ही सवाल मुझे बेहतर काम करने का मोटिवेशन देता है : रहमान
मैं ये सवाल खुद से करता रहा। इसी सवाल का जवाब देने के लिए मैंने बेहतर प्रोडक्शन किया, क्वालिटी पर काम किया और आज भी ये ही सवाल मुझे बेहतर काम करने का मोटिवेशन देता है : रहमान

इस सवाल का जवाब है सबसे बड़ा मोटिवेशन

मुझे मेरे सीनियर्स ने ऐक्सपैरिमैंट करने का बहुत स्कोप दिया। हां, हम सभी को जीने के लिए पैसे तो चाहिए ही, लेकिन मेरे अंदर पैशन भी था। मैं जब वेस्ट को गाने बनाते-सुनते देखता था तब मुझे लगता था कि अगर वो ऐक्सपैरिमैंट करने से पीछे नहीं हटते तो हम क्यों इसमें पीछे हैं ? हम उनके गाने सुनते हैं, क्या हमें ऐसा म्यूजिक नहीं बना लेना चाहिए कि वो भी हमारे गाने सुनने लगें ?

ऑस्कर जीतने के लिए सही फिल्मों का चुना जाना जरूरी : रहमान

ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए भारत की फिल्मों और नॉमिनेशन पर बात करते हुए एआर रहमान ने कहा- कभी-कभी मुझे लगता है कि हमारी कई फिल्में ऑस्कर तक पहुंच सकती हैं। लेकिन, सही फिल्मों क ऑस्कर तक जाने का मौका नहीं मिलता। कौनसी फिल्म ऑस्कर की लिस्ट में जाने लायक है ये तय करने के लिए हमें थर्ड ऑय से फिल्में देखनी होंगी।