‘गैसलाइट’ में व्हील चेयर पर बैठकर काम करना मुश्किल था:लव आजकल 2 मेरी गलती थी, उससे सबक लिया है: सारा अली खान

2 महीने पहले
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पिछले साल ‘अतरंगी रे’ के बाद सारा अली खान की अब ‘गैसलाइट’ डायरेक्ट ओटीटी प्लेटफॉर्म यानी डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आ रही है। इसमें सारा के साथ साथ विक्रांत मैसी और चित्रांगदा सिंह भी हैं। सारा इसमें मिसा के रोल में हैं, जबकि विक्रांत और चित्रांगदा ने कपिल और रुक्मिणी का रोल प्ले किया है। दैनिक भास्कर के लिए उन्होंने खास बातचीत की है। पेश हैं प्रमुख अंश:-

:- गैसलाइट बाकी हॉरर फिल्मों से कैसे अलग है?

विक्रांत:- ये हॉरर तो नहीं है, लेकिन आप इसे मर्डर मिस्ट्री कह सकते हैं। थ्रिलर भी कह सकते हैं। राइटर नेहा और डायरेक्टर पवन कृपलानी ने इसकी दुनिया कमाल की गढ़ी है। बेशक यहां मैं, सारा और चित्रांगदा मैम तीन अलग एक्टिंग की स्कूल से आते हैं, पर एक ही फिल्म में आए हैं। तो बहुत सारी चीजें इसे यूनीक बनाती हैं। फिल्म सिर्फ दो घंटे की है, और पूरा परिवार इस मर्डर मिस्ट्री को देख सकता है।

:- डायरेक्टर या स्क्रिप्ट के अलावा क्या वजह रहीं, जो गैसलाइट को हां कहा ?

सारा:- उन दोनों के अलावा तो कोई और वजह होती नहीं है मेरे लिए। बतौर एक्टर मैं लगातार अलग अलग तरह की फिल्में करना चाहती हूं। यहां मेरा किरदार पूरी फिल्म में व्हील चेयर पर है। वह मेरे चैलेंजिंग था, क्योंकि मैं हाई एनर्जी वाली लड़की हूं। हमेशा उछलती- कूदती रहती हूं। यहां तो पॉसिबल तो था ही नहीं।

चित्रांगदा:- असल में डायरेक्टर या स्क्रिप्ट ही सबसे ज्यादा जरूरी होते हैं। मैंने भी इससे पहले कभी कोई मर्डर मिस्ट्री नहीं की है। मेरे कैरेक्टर के बहुत सारे शेड्स हैं।

:- तीनों के लिए इस फिल्म से क्या टेकअवे रहे?

सारा:- जब मैं अपने मिसा के किरदार को थर्ड पर्सन के नजरिए से देखती हूं तो पाती हूं कि बेहद कठिन परिस्थितियों के बावजूद वो अपने मकसद से हटती नहीं है। उसे देखकर मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है कि अगर वो स्ट्रॉन्ग रह सकती है, जो व्हील चेयर पर रहती है तो मैं बतौर सारा जिसके पास लविंग मदर और प्यारा माहौल है, उसके पास कोई बहाना नहीं है कि मैं हार मान लू।

चित्रांगदा:- बेहद रोचक। मेरे मामले में एक मर्डर मिस्ट्री जॉनर की जो एक पेस होती है, वह किस तरीके से लिखी जाती है, वह यहां सीखने को मिला। जो साइलेंसेस हैं, उनको प्ले करना। या ऐसी फिल्मों में बैकग्राउंड स्कोर कितना मायने रखता है, वह सब कमाल का अनुभव था। महसूस हुआ कि हर बार आप को हाई लेवेल एनर्जी के साथ ही डायलॉग बोलने की जरूरत नहीं होती। कई बार थोड़ा कम कर ही आप बहुत ज्यादा कर लेते हैं।

विक्रांत:- सच कहूं तो यही मेरे भी आंसर होते। बेशक मैंने थ्रिलर भी की है पहले, मगर हां, सायकॉलॉजिकल स्पेस में यह मेरी पहली फिल्म है। ये हमारे डायरेक्टर पवन कृपलानी की पसंदीदा स्पेस है। बतौर अभिनेता उनसे बहुत कुछ सीखा है।

:- एक्टिंग के अलावा और क्या करना पसंद है?

सारा:- मुझे तो स्विमिंग पसंद है, वरना मेरी हैंड और आई की कॉर्डिनेशन उतनी अच्छी है नहीं। ये एक बेहतर तरीका भी है, जहां आप फिट भी रह सकते हैं।

विक्रांत:- मैं समें ऐड करना चाहूंगा कि कल को क्रिकेट भी अगर या टेनिस से सानिया मिर्जा की बायोपिक बने तो मैं यकीनन सारा को सानिया प्ले करते देखना चाहूंगा।

:-वैसे तो गलतियां करने से लोग काफी डरते हैं, पर आप सब कितना यकीन रखते हैं कि गलती करो और उनसे सीखो ?

सारा:- लव आजकल 2 को मैं अपनी गलती मानती हूं। उसमें मेरा काम गलत था। उससे सीख ली कि गलतियां होती हैं। और कोशिश कर रही हूं कि चलते रहो।

चित्रांगदा:- गलतियां तो होती रहती हैं। छोटी मोटी तो होती रही हैं। पर्सनल लाइफ में बड़ी गलतियां भी हुई हैं। मैं तो बल्कि उनको सलाह दूंगी, जिन्होंने लाइफ में गलतियां की हैं। उन्हें नहीं, जिन्होंने किताबें पढ़कर बस स्ट्रेट लाइफ जी है।