सत्यजीत रे की जन्म शताब्दी:जयाप्रदा को सत्यजीत रे ने बताया था सिनेमा की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस, बोलीं- मेरे लिए यह लाइफटाइम अचीवमेंट है

2 वर्ष पहलेलेखक: मनीषा भल्ला
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पूरी दुनिया की फिल्म इंडस्ट्रीज में सत्यजीत रे का नाम बड़े आदर से लिया जाता है। 2 मई को उनके जन्म के सौ साल पूरे हो गए हैं। लेकिन बॉलीवुड में इसे लेकर कोई खास गतिविधि नहीं है। कुछ ही कलाकार और निर्देशक हैं, जो सत्यजीत रे को याद कर लेते है। बॉलीवुड से काफी दूर हो चुकीं 80 के दशक की टॉप स्टार जयाप्रदा सत्यजीत रे को खूब याद करती हैं। सत्यजीत रे ही थे, जिन्होंने जया को भारतीय सिनेमा का सबसे खूबसूरत चेहरा बताया था। हालांकि, वे कभी जयाप्रदा को लेकर फिल्म नहीं बना पाए। इस बात का मलाल आज भी जयाप्रदा को है ।

किसी में सत्यजीत रे के काम के करीब पहुंचने का दम नहीं

दैनिक भास्कर से बातचीत में जयाप्रदा ने बताया, 'न उस वक्त था और न ही आज किसी में इतना दम है कि कोई उनके काम के आसपास भी पहुंच सके।' जया के मुताबिक, जब 'सरगम' रिलीज हुई, तब सत्यजीत रे ने उन्हें कॉम्प्लीमेंट देते हुए कहा था-'जयाप्रदा इज मोस्ट ब्यूटीफुल एक्ट्रेस'। उस जमाने में सत्यजीत रे द्वारा कि गई जयाप्रदा की सुंदरता की यह तारीफ एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मैगजीन के कवर पेज की हेडलाइन बनी थी। जयाप्रदा बताती हैं, 'यकीन जानें, आज भी सत्यजीत रे की इस तारीफ की याद भर से मेरा दिन बन जाता है। यह कॉम्पलीमेंट मेरे लिए लाइफटाइम अचीवमेंट जैसा है। मुझे इसके बाद किसी कॉम्प्लीमेंट की जरूरत नहीं लगी।'

बनते-बनते रह गई जयाप्रदा के साथ फिल्म

सत्यजीत रे वाकई जया को अपनी फिल्म में कास्ट करना चाहते थे। वे बताती हैं, 'सत्यजीत रे ने कोलकाता में अपने घर आने का न्योता दिया। मै वहां गई थी। उस वक्त वे एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और मुझे उसमें साइन करना चाहते थे।' जहां के मुताबिक, उन्होंने इसके लिए तुरंत हामी भर दी थी। लेकिन दुर्भाग्य से संयोग ऐसे बने कि जया वह प्रोजेक्ट नहीं कर पाईं। जया बताती हैं कि उस प्रोजेक्ट पर काम करते वक्त सत्यजीत रे बीमार हो गए थे। दूसरी तरफ वे भी तेलुगु और हिंदी की दूसरी फिल्मों में व्यस्त हो गईं।

जया बताती है कि आज भी कई बार सोचती हूं कि काश वह प्रोजेक्ट आगे बढ़ पाता और मैं उनके डायरेक्शन में काम कर पाती। ये मलाल मुझे ताउम्र रहेगा। जयाप्रदा के मुताबिक, सत्यजीत रे से उनकी ये एक ही लंबी मुलाकात थी। लेकिन यह मुलाकात हमेशा के लिए यादगार है। वे बताती हैं कि सत्यजीत रे का औरा ही ऐसा था कि कोई एक दफा मिलने के बाद उन्हें भूल ही नहीं सकता। वे जादू की तरह दूसरे पर छा जाते थे।

'सत्यजीत रे असली किरदार पर्दे पर उतारते थे'
जयाप्रदा कहती हैं कि आज के निर्देशक कहानियां और कैरेक्टर गढ़ते हैं। लेकिन सत्यजीत रे असली किरदारों को स्क्रीन पर उतारते थे। पूरी फिल्म उनके दिमाग में होती थी। वे बस दूसरे को बताते थे कि तुम ऐसा करो, तुम वैसा करो। जयाप्रदा सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' और 'चारुलता' से बहुत प्रभावित रही हैं। वे बताती हैं कि सत्यजीत रे अपने जमाने से आगे की फिल्में बनाते थे। 'चारुलता' इसकी एक मिसाल है।

  • सत्यजीत रे की जिंदगी से जुड़े कुछ रोचक किस्से:-

1. सत्यजीत की सीक्रेट मैरिज को पृथ्वीराज का आशीर्वाद
सत्यजीत रे और बिजया टीनएज फ्रेंड थे। दोनो करीबी रिश्तेदार भी थे। इसलिए उन्हें पता था कि उनकी शादी के लिए घरवाले कभी तैयार नहीं होंगे। बिजया अपनी बहन के घर मुंबई चली गईं। उस वक्त एडवरटाइजिंग कंपनी में काम कर रहे सत्यजीत रे भी काम के बहाने मुंबई पहुंच जाते थे। 20 अक्टूबर 1949 को सत्यजीत और बिजया ने गुपचुप शादी कर ली। उन्हें आशीर्वाद देने खुद पृथ्वीराज कपूर पहुंचे थे। इस शादी के बारे में फैमिली को पता नहीं था। इसलिए दोनो 6 महीने तक अलग-अलग ही रहे। बाद में सत्यजीत की मां ने उनके रिश्ते को स्वीकर किया और बंगाली रस्मो-रिवाज से उनकी फिर से शादी हुई।

2. दो प्रधानमंत्रियों को बेझिझक 'न' बोल दिया था
देश के प्रधानमंत्री को 'न' बोलने का साहस कुछ ही लोग कर पाते हैं। सत्यजीत रे ने ऐसा साहस एक बार नहीं, बल्कि दो बार दिखाया था। वे अपनी फिल्मों के लिए जग जाहिर हो चुके थे। एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्यजीत को एक रिक्वेस्ट भेजी। इंदिरा चाहती थीं कि वे सामाजिक थीम के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू पर एक फिल्म बनाएं। लेकिन सत्यजीत ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया था।

ऐसा ही साहस दूसरी बार उन्होंने तब किया था, जब वे खुद अस्पताल में थे। उस वक्त के प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव उनका हालचाल पूछने कोलकाता के अस्पताल पहुंच गए। राव ने उन्हें जल्द स्वस्थ होने की कामना दी। साथ ही उनके साथ उनकी मुलाकात की फोटो खिंचवाने की इच्छा जताई। लेकिन, सत्यजीत ने कहा, 'आपको पता होगा कि बाहर कई मीडिया पर्सन कितने दिनों से खड़े हैं। वे बार-बार मुझे रिक्वेस्ट भेज रहें है कि मैं उन्हें एक फोटोग्राफ का मौका दे दूं। लेकिन मैंने मना कर दिया है। अगर आज मैंने आपकी बात मान ली तो बाहर खड़े जर्नलिस्ट को लगेगा कि सत्यजीत रे ने हमारी रिक्वेस्ट नहीं मानी, लेकिन प्रधानमंत्री के आगे झुक गए। मैं नहीं चाहता कि मेरे बारे में ऐसी बात हो।' राव ने भी इस खुद्दार फिल्ममेकर की भावना समझी और वहां से चल दिए।

3. 'गांधी' के मेकर, सत्यजीत के एक्टर
विश्व सिनेमा में रिचर्ड एटनबरो का बड़ा नाम है। भारत में लोग उन्हें 'गांधी' फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर के तौर पर जानते हैं। 'जुरासिक पार्क' फिल्म में उनका किरदार बच्चे-बच्चे को याद है। रिचर्ड एटनबरो ने सत्यजीत रे की हिन्दी फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में जनरल जेम्स आउट्राम का किरदार निभाया था। 1977 में जब ये फिल्म शूट हो रही थी, तब रिचर्ड बॉलीवुड के टॉप क्लास एक्टर में पहुंच चुके थे।

4. शर्मिला टैगोर सत्यजीत रे की खोज
हिंदी फिल्मों की आइकॉनिक हीरोइन रहीं शर्मिला टैगोर सत्यजीत रे की खोज हैं। वे सिर्फ 13 साल की थीं, जब सत्यजीत ने उन्हें अपनी फिल्म 'अपूर संसार' में कास्ट किया था । शर्मिला को एक बाल नृत्य समारोह में देखने के बाद सत्यजीत ने उन्हें अपर्णा के रोल के लिए पसंद किया था। बाद में शर्मिला ने सत्यजीत रे की 'देवी' , 'नायक', 'आरनेय दिन रात्रि' और 'सीमाबद्ध' में भी काम किया था।

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