सुशांत सिंह राजपूत की डायरी के 15 पन्ने उनकी मौत के 58 दिन बाद सामने आए। इन पन्नों में उनके सपने थे, खुद को तैयार करने की ललक थी और कुछ पीड़ा भी थी। इनमें बॉलीवुड से हॉलीवुड तक की फ्यूचर की प्लानिंग थीं। बहन और गर्लफ्रेंड से रिश्तों की कहानी थी।
सुशांत की डायरी में 2020 की प्लानिंग में सबसे अहम था उनका वो पन्ना, जिसमें सुशान्त को एहसास होने लगा था कि परिवार पीछे छूट रहा है। परिवार से दूरियां बढ़ रही हैं। लिहाजा उन्होंने प्लान किया और लिखा भी कि, वह 2020 की अपनी प्लानिंग में परिवार के साथ रहेंगे। कोई भी उनसे न छूटने पाए इसका ध्यान रखेंगे। पब्लिक लाइफ में सेल्फलेस, केयरिंग और रिस्पांसिबल बनेंगे।
इसी डायरी के पन्नों की 5 बड़ी बातें
नीचे पढि़ए 15 पन्नों पर लिखी कहानी, हर पन्ने की अपनी कहानी-
पहली प्लानिंग - 2020 में हॉलीवुड और बॉलीवुड।
दूसरी प्लानिंग– पहले प्रॉडक्शन हॉउस लिखा और काट दिया, फिर क्रिएटिव कंटेंट लिखा। इसे आगे दो हिस्सों – आइडिया डेवलपमेंट और प्रोडक्शन हॉउस में बांटा। आइडिया डेवलपमेंट में टॉप राइटर्स को शामिल किया और प्रोडक्शन हॉउस में एक्सपीरियंस के बारे में लिखा। इसके नीचे टीम स्ट्रक्चर भी बनाया है। इसमें राइटर और स्क्रीनिंग की योजना है।
तीसरी प्लानिंग- ये सबसे महत्वपूर्ण है और इसमें इमरजेंट टेक्नोलॉजी का स्टार्टअप शुरू करनी योजना है।
पहले निशान के आगे लिखा है – सोचना और नाम, स्टेक होल्डर, कैपिटल, आईपी प्रोटेक्शन और लीगल टीम के बारे में फैसला लेना है।
दूसरा एक्शन पाइंट – बेस्ट फॉरेन फिल्म्स और राइटर्स की पहचान करना है।
तीसरे एक्शन पाइंट में बहन प्रियंका के नाम के साथ मेघा (लीगल) और पीडी + श्रद्धा (एक्सक्लूसिव) लिखा है।
पहली स्टेप में कंपनी बनाना, दूसरी स्टेप में खुद को एक्सप्लोर करने की बात लिखी है। साथ में पीडी और श्रद्धा का नाम भी है। स्टेप 3 को 3 हिस्सों में बांटा था – पहला- स्क्रीनिंग के लिए आइडिया पर फोकस करना, दूसरा- उसे एक्जीक्यूट करना और तीसरा- लोगों से मीटिंग करने से जुड़ा था।
चौथे स्टेप में – कंटेंट जनरेशन लिखा था, लेकिन फिर उसे काट दिया और इस स्टेप में इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी यानी IP को अपनी चिंता बताते हुए दो सवालिया निशान लगाए। इस पन्ने की आखिरी स्टेप में, ऊपर से काटी कंटेंट जनरेशन की बात लिखी है।
स्टेप 1: इसमें 3 पाइंट हैं और उनमें किसी प्रियंका और मेघा मेहता का नाम है। तीन हफ्ते के टाइम की बात लिखी है। इसमें उनके साथ काम करने वाले कंट्रीब्यूटर के नाम, स्टेकहोल्डर, कैपिटल और आईपी प्रोटेक्शन की बात है।
स्टेप 2 : इसमें तीर के तीन निशान बनाए हैं । पहले निशान के साथ दुनिया के सबसे नामी राइटर्स की प्रोजेक्ट बेस के लिए पहचान करने की बात है। दूसरे के साथ सही टैलेंट की पहचान औ तीसरे में प्रियंका के नाम के आगे पीडी +श्रद्धा के नाम के साथ एक्सक्लूसिवटी शब्द का इस्तेमाल किया है।
स्टेप 3: इसमें बताया है कि परमानेंट मेंबर एक स्क्रीनिंग प्रोसेस लेकर आएंगे। इसके बाद उन्हें एक्जीक्यूट करेंगे और आखिर में लोगों से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर टीम बनाने की बात है।
स्टेप 4: इसमें कंटेंट जनरेशन शब्द लिखकर उसके आगे दो !! चिन्ह लगाए हैं।
सुशांत ने पन्ने में अपनी पब्लिक परसोना या सामाजिक छवि को P से इंडिकेट किया है। नीचे खुद को स्वार्थरहित, केयरिंग और त्याग करने वाला बताया है।इसके बाद सुशांत ने इस पन्ने और इसके बाद के पन्ने में ट्रैजिक फ्लॉ यानी अपने उन 3 कलंकों के बारे लिखा है जो उन्हें बहुत परेशान कर रहे थे।
P और N को डिकोड करते हुए सुशांत ने लिखा है- सामजिक छवि मेरी निजी जरूरतों पर हावी हो रही है। बिंद्रा को मुझे याद दिलाना चाहिए कि मेरा मुक्कु के साथ रिश्ता बहुत मतलबी है जो कइयों के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है। इसलिए मुझे उसे अवॉइड करना चाहिए/ कर ही देना चाहिए।
इसमें बुक मार्क लगे पेज पर आधे हिस्से में बड़े रहस्यमयी ढंग से खुद को दोषी ठहराने की बात और #MeToo के बारे में लिखा है। इसमें उन्होंने ट्रैजिक फ्ला यानी दो कलंकों के बारे में लाल स्याही से जानबूझकर लिखा है। इसमें उन्होंने दो नामों को N और P कोड से लिखा है।
N और P को भी लाल स्याही से लिखा और गोले में घेरकर दोनों अक्षरों के बीच ग्रेटर देन का चिन्ह बनाया और नीचे नीली स्याही से डिटेल में लिखा – मैं हार मान रहा हूं, मुक्कू को ऐसे पीड़ा भोगते नहीं देख सकता (Me Too)तीर के निशान के साथ लाल स्याही से ट्रैजिक फ्ला (3) लिखा है और यहां P को N से बड़ा बताया है। नीचे नीली स्याही से डिटेल में लिखा – जब मैं अपने बारे में और अपनी जरूरतों के बारे में नहीं सोचता हूं।
सुशांत ने आगे लिखा है-
इसमें सुशांत ने लिखा- स्क्रिप्ट के स्ट्रक्चरल पैटर्न को खोजो। क्या मटेरियल इस्तेमाल किया जाएगा। सीन को एक्साइटिंग बनाने के लिए जरूरी चीजों को खोजकर उन्हें अपने परफॉर्मेंस के जरिए सामने ला सकें।
अपनी तैयारी में, शुरुआत से ही मटेरियल के आखिर में प्ले करने के लोभ को दूर रखो।
एक्टर्स चाहते हैं कि कि वे रोल के हर फैक्ट को एक ही टाइम पर प्ले करें। ताकि वह और गहराई ला सकें, यह गलत है। उस चीज के साथ जुड़ें जो किसी एक पर्टिकुलर मोमेंट में आपको आगे ले जाता है।
यहां सुशांत ने सीन के बारे में लिखा है- आप इमोशनली कहां हैं, सीन की शुरुआत में। इमोशन की लय क्या है। बहुत तेज, धीमी या सामान्य।
बाहरी तौर पर - आपकी बाधाएं क्या हैं। कौन और क्या आपके रास्ते में खड़ा है। दूसरे इंसान की लाइनें।
आप जिन बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उसके लिए खुद को संवेदनशील बनाएंगे। जो कहा नहीं जा रहा है उसे समझें।
अंदरुनी तौर पर- क्या आइडिया, कमजोरियां आपकी इन जरूरतों को पूरा नहीं होने देतीं और इसे मुश्किल बनाती हैं।
सुशांत लिखते हैं- पहला पॉइंट- आखिरी लाइन।
यह महत्वपूर्ण है कि जितना हो सके आप अपने काम को हर पल क्लियर रखें। काम किसी दिए गए मोमेंट में सिम्पल होना चाहिए।
सिम्पल मोमेंट्स यानी इसे हासिल करने का सबसे तेज रास्ता है सीन की आखिरी लाइन को खोजो। यानी सीन किस बारे में है, आप जो चाहते हैं वह उसे पूरा करता है या नहीं। यही वह बात है जो सीन को आगे ले जाती है। अगर तैयारी अच्छी है तो इतना काम आपके नाम पर काफी है।
एक्टिंग की स्किल सुधारने से जुड़ी तैयारी के इस पन्ने में सुशांत लिखते हैं - आपको ऐसा तब तक करते रहना चाहिए जब तक कि कोई अन्य प्रेरणा आपको किसी ओर बॉटम लाइन (B.L) तक न पहुंचा दे।
- किसी भी कैरेक्टर के सभी किरदारों को हमेशा एक सा मत प्ले करो। एक बार में अपने एक रोल पर मेहनत करो और उसे बनाओ (सिंपल) ।
- आपका काम एकदम स्पष्ट, मजबूत और डायनेमिक होगा।अब किसी सीन की बॉटम लाइन की बात करते हैं। तो इसमें तय करने की सबसे आसान शर्त यह होगी कि वह कौन सी बड़ी ताकत है जो आपको किसी सीन में आगे ले जाती है।आप जिंदगी के किसी एक मुकाम पर क्या हासिल करना जरूरी समझते हैं। खुद को ओवर- इंटेलिक्चुलाइज यानी अति-बुद्धिमता से भरा मत मानो। बस, अपनी बॉटम लाइन को प्ले करो।
- अपनी लाइनों को याद मत करो।
- अपने अगले रिस्पांस से खुद के लिए ट्रिगर यानी कोई प्रेरणा हासिल करो।
-अब थोड़ा संभल जाओ। ट्रिगर / स्टिमुलस यानी कोई प्रेरणा – एक बार में आने वाली कोई डायनमिक प्रतिक्रिया।
15. अपनी स्क्रिप्ट तैयार करने पर सुशांत के नोट्स - 3
सुशांत लिखते हैं - आप कैसे दर्शकों के अविश्वास को विश्वास में बदल सकते हैं। सुशांत ने लिखा है कि अगर आपको उनके भरोसे को जीतना है तो आपको पहले यह करना चाहिए, लेकिन कैसे ? उन चीजों को ढूंढें, जो कि उस कैरेक्टर, के लिए प्यार और सहानुभूति पैदा करें, या कम से कम उन बातों को समझे हर एक व्यक्ति को कुछ ऐसे लक्ष्य के लिए प्रयास करना चाहिए जो सकारात्मक हो। उसे तैयारी के लिए मेहनत करनी चाहिए, प्रदर्शन के लिए नहीं!
आपको तैयारी को अपने अंदर उतार लेना चाहिए, इसे उस व्यक्ति को आकार देने दें, जो आप हैं, फिर अपने आप को ऐसे अनुशासन में रखें जिससे कि जब आप काम शुरू करना पक्का कर लें तो खुद की सुनते हुए तैयारी का विचार ही एकतरफ हो जाए।
इसमें तीर के निशान के साथ पांच एक्शन पाइंट्स हैं – हमेशा अपने को ध्यान में रखकर काम करो - अपनी तैयारी से इस बात को परख लें कि आप किस तरह के इंसान हैं। आप क्या हैं – परिवर्तनशील? अभिमानी? विनम्र या तर्क करने वाले ? आप ऐसी कौन सी कोर बातें अपने अंदर भरते हैं जो आपको मटेरियल यानी भौतिक चीजों से अलग करती हैं।
- किसी काम की शुरुआत में आप कितने इमोशनली कनेक्ट होते हैं। कोई भी एक्शन लेने से पहले, अपनी एक्टिविटी पर 30 से 60 सेकंड तक नजर रखें।
- आपको कौन सी चीज आगे लेकर जाती है? आपको कुछ पूरा करने के लिए क्या चाहिए? उसे संभव बनाइये (ऊर्जा से भरें)। हमेशा कोर का चुनाव कीजिए, किसी भी परिस्थिति में जितना हो सके खुद लॉजिकल और क्रेडिबल बनाइये।
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