‘मर्दानी’ फेम ताहिर राज भसीन बुधवार को 34 साल के हो रहे हैं। वे तापसी पन्नू के अपोजिट ‘लूप लपेटा’, सोनाक्षी सिन्हा के अपोजिट ‘बुलबुल तरंग’ तथा श्वेता त्रिपाठी के अपोजिट ‘ये काली काली आंखें’ में हीरो की भूमिका निभा रहे हैं। वो साथ ही रणवीर सिंह स्टारर ‘83’ में ताहिर राज भसीन महान भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर का किरदार निभाते नजर आएंगे। पिछले दिनों वे लद्दाख में शूटिंग भी कर रहे थे।
ताहिर बताते हैं, "लद्दाख में पहाड़ों पर सीधी चढ़ाई के लिए दो जरिए होते हैं। एक या तो एसयूवी या दूसरा खच्चर पर बैठिए। पर हम तीसरा ऑप्शन चुनते थे। अपना सामान लादते और खुद ट्रैकिंग करते पहाड़ों पर चढ़ जाते थे। तीसरे ऑप्शन को चुनने पर जो शानदार नजारा देखने को मिलता था, वह पहले दो विकल्पों में कहां। बॉलीवुड में मेरा अब तक का सफर इसी ट्रैक पर चलने का रहा है।"
ऐसे बना ताहिर का काम मील का पत्थर
ताहिर आगे कहते हैं, "अभी मैं जिन प्रोजेक्ट में काम कर रहा हूं और जो भूमिकाएं निभा रहा हूं, उनकी कदर मेरी नजरों में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। इसकी वजह यह है कि दर्शकों ने पिछले कुछ सालों के दौरान मेरे जिस अभिनय को देखा है और प्यार दिया है, उसी की बदौलत यह काम मेरे हाथ लगा है। सेल्फ-मेड होने का तमगा लग जाने से मुझे गहरी संतुष्टि मिली है। मर्दानी फिल्म के एंटागोनिस्ट किरदार वाल्ट से लेकर छिछोरे के कॉलेज स्टड डेरेक की भूमिका निभाने तक की वैरायटी जर्नी बड़ी रोमांचक रही है। इन असाधारण फिल्मों में अनुभवी निर्देशकों के साथ काम करना मेरे लिए मील का पत्थर बन गया!"
ताहिर ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- "अपनी हर अगली रिलीज के साथ मैंने अनुभव किया है कि मुझे जो स्क्रिप्ट पेश की गईं, वे पहले से ज्यादा बड़ी, ज्यादा दिलचस्प और मेरे लिए ज्यादा संतोषजनक होती चली गईं। खुद के लिए अपेक्षाएं बढ़ाते जाना और बेंचमार्क ऊंचे करते जाना ही मेरा मकसद है। फिलहाल मैं इस साल फिल्माए जा रहे सभी प्रोजेक्ट के अंदर रोमांटिक हीरो में तब्दील होने का वाकई मजा ले रहा हूं।"
ये है ताहिर की तमन्ना
अपने बर्थडे पर ताहिर के मन में खुद के लिए एक खास तमन्ना मचल रही है और वह इसे जाहिर भी करना चाहते हैं। वह खुलासा करते हैं, "खुद के लिए मेरी तमन्ना यही है कि मुझे ऐसे जबर्दस्त लीड रोल हासिल हों, जिनके जरिए मैं असाधारण कहानियों को परदे पर उतार सकूं और मुझे गजब के निर्देशकों तथा कमाल के को-स्टार के साथ काम करने का मौका मिलता रहे। इस मुश्किल वक्त में इंडस्ट्री के लिए मेरी दुआ है कि हम आज की चुनौतियों को कल की ताकत के रूप में स्वीकार करें और अपने हक में उनका भरपूर इस्तेमाल करें।"
कोरोना से उबर जाएगी इंडस्ट्री
ताहिर को उम्मीद है कि इंडस्ट्री महामारी के झटकों से जल्द ही उबर जाएगी और पूरी ताकत और रफ्तार के साथ अपना काम करने लगेगी। वह यकीन के साथ कहते हैं, “हर मुश्किल कोई नया बदलाव लेकर आती है। पिछले साल ने हमें जिन सकारात्मक बातों पर विचार करने के लिए मजबूर किया है, उनको फॉलो करना चाहिए। ये सकारात्मक चीजें हैं- सार्वजनिक जगहों की स्वच्छता का महत्व, तकनीक का इस्तेमाल करने की क्षमता और ज्यादा किफायती तथा पर्यावरण के अनुकूल बनने के लिए दूर से काम करने की सलाहियत।“
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