BCCI ने खिलाड़ियों की सेहत और सुरक्षा का हवाला देकर IPL 2021 को सस्पेंड तो कर दिया, लेकिन इसके पीछे कोरोना के अलावा कई वजहें थी। इस साल कोरोना के चलते लीग की TRP में भारी गिरावट दर्ज की गई। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च कौंसिल (BARC) के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस साल IPL की व्यूअरशिप 14% गिरी है। मतलब साफ है कि कोरोना से परेशान लोगों ने लीग से मुंह मोड़ लिया था।
ऐसे में अगर IPL जारी भी रहता तो TRP कम होने की वजह से मैच के दौरान दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के रेट रि-नेगोशिएट करने का दबाव बन सकता था। सीजन जारी रखने से और ज्यादा घाटा हो सकता था। वैसे अब पूरा सीजन पोस्टपोन हो गया है, इस वजह से ब्रॉडकास्टर स्टार नेटवर्क के इस साल की एडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू के सारे एस्टीमेट गड़बड़ा जाएंगे। बाजार के सूत्रों की मानें, तो स्टार नेटवर्क के लिए ये घाटा करीब 2500 करोड़ का हो सकता है।
कोरोना की वजह से विरोध भी हो रहा था
देश में कोरोना के बेकाबू हालात के चलते IPL का वैसे भी काफी विरोध हो रहा था। आधा दर्जन से ज्यादा खिलाड़ियों के कोविड पॉजिटिव होने के बाद आखिरकार इसे स्थगित कर दिया गया, लेकिन BARC की रेटिंग ये साबित करती है कि अगर यह सस्पेंड न भी होता, तो भी IPL-14 की व्यूअरशिप गिर ही रही थी।
आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में प्रति मैच व्यूअरशिप 8.34 मिनट (बिलियन) जबकि प्रति मैच क्यूम्यूलेटिव रीच (मिनट) 116 रही, लेकिन इस साल कुल 17 मैच में प्रति मैच व्यूअरशिप 6.62 मिनट (बिलियन) रही जबकि क्यूम्यूलेटिव रीच (मिनट) 105 रही।
BARC के एक अधिकारी बताते हैं कि पहले सप्ताह सब ठीक रहा। हालांकि, जैसे-जैसे देश में कोरोना का विकराल रूप सामने आया, वैसे-वैसे दूसरे सप्ताह से IPL की TRP प्रभावित होनी शुरू हो गई थी।
IPL से लोगों ने मुंह मोड़ा
प्रवाकेटर एडवाइजरी में प्रिंसिपल और एड जगत के जानकार परितोष जोशी बताते हैं कि हम जिस समाज का हिस्सा होते हैं, अगर उसके लिए संवेदनशील नहीं हैं तो हम सिर्फ पैसे से मतलब रखने वाले माने जाएंगे। TRP बता रही है कि लोग IPL के मूड में नहीं हैं, लेकिन इस पूरे प्रकरण में BCCI, IPL खिलाड़ी और फ्रैंचाइजी पूरी तरह से कठोर दिखी हैं।
परितोष के मुताबिक यह ऐसा मौका था, जब दुनिया का सबसे धनी खेल और उसकी संस्था लोगों की मदद के लिए आगे आतीं। इससे पहले विदेशों में खेल में संवेदनशीलता दिखाई गई है, लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने नहीं। उनका कहना है कि ऐसे संकट में जिसे सिर्फ IPL की ही परवाह हो ऐसी संस्था को मंथन की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि देश मे त्राहिमाम मचा हुआ है, लेकिन BCCI अपने ही बायो-बबल में रहा। उसने ऐसा दिखाया है कि जैसे उसे देश से कोई मतलब ही नहीं, लेकिन वह अपने बायो-बबल में भी अपने खिलाड़ियों को सुरक्षित नहीं रख सका। ऐसे में TRP गिरना जाहिर सी बात है।
सीजन कैंसल होने से स्टार इंडिया को बड़ा नुकसान
एडवर्टाइजिंग से जुडे़ सूत्रों की मानें, तो स्टार इंडिया को उम्मीद थी कि पिछले सीजन की तुलना में इस बार ज्यादा लोग IPL देखेंगे। उस हिसाब से एडवर्टाइजमेंट के रेट भी बढ़ाए गए थे। पिछले साल दस सेकंड के स्लॉट के 11-12 लाख रुपए तय किए गए थे। इस बार ये दर बढ़ाकर 13 लाख रुपए कर दी गई थी।
सूत्र बताते हैं कि ये तो सिर्फ रेट हैं, पर वास्तविक भुगतान तो कितने सेकंड के लिए एड चल पाया था, उस पर ही निर्भर करता है। TRP कम होने की स्थिति में ये रेट रि-निगोशिएट भी होते हैं। इससे कम होने की वजह से एडवर्टाइजिंग रेट को कम करने का दबाव शुरू हो गया था। अब शायद ये सीजन फिर शुरू होगा, तब भी ये रेट फिर से निगोशिएट हो सकते है ।
सबस्क्राइबर पर भी दबाव
स्टार नेटवर्क के लिए दोहरी मार ये होगी कि उस के कुछ सबस्क्राइबर्स भी छूट सकते हैं। लोग बड़ी तादाद में सिर्फ IPL देखने के लिए हॉटस्टार का सबस्क्रिप्शन लेते हैं। IPL से बढ़े दर्शक हॉटस्टार के दूसरे शोज और फिल्में भी देखते हैं और बाद में काफी सबस्क्राइबर्स रिटेन हो जाते हैं। स्टार की स्पोर्ट्स चैनल सब्सक्राइब करने वालों में भी अब काफी गिरावट आएगी, ऐसी आशंका है।
बड़े इवेंट सिर्फ एक वजह से स्थगित नहीं होते
मीडिया एक्सपर्ट वनीता कोहली खांडेकर ने भास्कर को बताया कि लीग के ज्यादातर एड कॉन्ट्रैक्ट कई महीनों पहले से साइन हो जाते हैं। फिर भी उसमें आखिरी वक्त में कुछ चेंज करना का क्लॉज हमेशा रहता है। IPL जैसी बड़ी इवेंट कैंसिल करने का फैसला एकदम ही नहीं लिया जाता है और इसके पीछे कोई एक ही वजह भी नहीं रहती है। सारे बड़े एडवर्टाइजर्स IPL जैसे बड़े इवेंट से हर वक्त जुड़ना चाहते हैं। इसलिए अब ये सीजन फिर से शुरू होगा या नया सीजन होगा, तब इस बार के घाटे का कैल्युकेशन निकालकर वो कंपेंसेट कर ही दिया जाएगा।
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