कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोविड-19 वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन इसकी ज्यादा डोज भी इम्यूनिटी पर असर डाल रही है, जिससे वायरस की चपेट में आने का खतरा बढ़ रहा है। कम से कम बढ़ते मामलों के ग्लोबल ट्रेंड से यही लग रहा है।
डेनमार्क के स्वास्थ्य मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ओमिक्रॉन से संक्रमित 90% मरीजों को पहले ही कोरोना वैक्सीन के दो डोज या बूस्टर शॉट लग चुके हैं। देश में फिलहाल नए वैरिएंट के 41,342 मामले हैं, जिनमें से 29,781 लोग वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं। डेटा के अनुसार, जर्मनी और अमेरिका में भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिला है।
ये कहते हैं रिपोर्ट के आंकड़े
डेनिश स्वास्थ्य मंत्रालय के स्टेटन्स सीरम संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक, डेनमार्क में वैक्सीन न लगवाने वाले 3,500 संक्रमितों की तुलना में 37,842 संक्रमित ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन लगवाई है। अब तक डेनमार्क की 78% आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है।
आंकड़ों के मुताबिक, 41,342 ओमिक्रॉन संक्रमितों में से अपना वैक्सीनेशन शेड्यूल पूरा कर चुके 29,781 मरीज हैं। इनके अलावा 7,330 मरीज ऐसे हैं, जो तीसरा शॉट यानी बूस्टर डोज भी ले चुके हैं। केवल 731 ओमिक्रॉन संक्रमितों ने ही वैक्सीन की एक डोज ली है।
जर्मनी और अमेरिका में भी दोनों डोज वाले संक्रमित ज्यादा
जर्मनी में भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। डेटा के अनुसार, यहां 96% ओमिक्रॉन मरीजों की वैक्सीन की दोनों खुराक पूरी हो चुकी हैं। साथ ही, इस वैरिएंट से पीड़ित मात्र 4% लोग ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन का एक डोज भी नहीं लिया है।
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) की एक रिपोर्ट कहती है कि देश में ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे करीब 80% लोग ऐसे हैं, जो कोरोना के खिलाफ वैक्सीन ले चुके हैं।
क्यों हो रहे वैक्सीनेटेड लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित?
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स ने इस सवाल का जवाब दिया है। उनका कहना है कि वैक्सीन के बहुत सारे डोज भी हमारे इम्यून सिस्टम को थका सकते हैं। इसके कारण हमारा शरीर ओमिक्रॉन से लड़ने में फेल हो सकता है। ये जवाब इजराइल में वैक्सीन के चौथे डोज को मंजूरी मिलने के बाद दिया गया था।
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