नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कहती है, 2019 में 8.37 लाख लोगों की मौत कैंसर से हुई। 2019 में देश में 16 लाख से अधिक लोग कैंसर की तीसरी स्टेज में थे। साल 2020 में कोरोना के कारण दिक्कतें और बढ़ीं।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के एक्सपर्ट्स कहते हैं, हर साल 18 साल से कम उम्र के 60 हजार बच्चे कैंसर का शिकार बनते हैं। पिछले 6 महीने में इनके इलाज में 50 फीसदी तक की कमी आई। वजह थी कोरोना का डर। ये तो थी कैंसर के मामलों की बात। अब जानिए इससे बचाव कैसे करें।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कैंसर एक्ससपर्ट डॉ. प्रवीण गर्ग कहते हैं, हमारे गलत खानपान से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है। कुछ खास तरह की चीजों को डाइट से दूर करके इस खतरे को घटा सकते हैं। हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। कैंसर-डे की सीरिज में पढ़िए ऐसी ही 5 चीजें जो कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं...
1. प्रोसेसिंग मीट: मीट को प्रोसेसिंग के जरिए लम्बे समय तक खाने लायक बनाया जाता है। इसके लिए मीट में कई तरह के फ्लेवर और केमिकल का प्रयोग किया जाता है। इसके कारण कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ता है। एक्सपर्ट कहते हैं, अगर डाइट में इस तरह के खाने को कम करते हैं तो कैंसर का खतरा घटता है। इसके अलावा अधिक नमक वाले खाने से भी दूरी बनानी चाहिए।
2. मैदा: यह ऐसी चीज है जिसे घरों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इसे तैयार करने में फफूंद को खत्म करने वाले फंगिसाइड और कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। इतना ही नहीं, मैदा को सफेद रखने के लिए क्लोरीन ऑक्साइड मिलाया जाता है। ये सभी केमिकल कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
3. सोडा: इसमें अधिक मात्रा में शुगर होती है जो वजन बढ़ाने के साथ शरीर में सूजन की वजह भी बनती है। इसके अलावा इसमें कई तरह के केमिकल और आर्टिफिशियल रंगों (4-मिथाइलिमिडेजोल) का प्रयोग किया जाता है जो कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
4. हाइड्रोजेनेटेड ऑयल्स: वनस्पति तेल में आमतौर पर हाइड्रोजेनेटेड ऑयल मिलाया जाता है। इसका कैंसर से सीधा कनेक्शन है। इसमें ट्रांस-फैट्स काफी मात्रा में होता है। ये मोटापा बढ़ाते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता को घटाते हैं। कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि मोटापे से कैंसर का खतरा बढ़ता है।
5. माइक्रोवेव पॉपकार्न: ये ऐसे पॉपकॉर्न होते हैं जो केमिकल वाले पैकेट में आते हैं। इन्हें माइक्रोवेव में तैयार किया जाता है। ये जिस बैग में रखे होते हैं उसमें परफ्लोरो-ऑक्टेनॉयक एसिड होता है जो लिवर, ब्लैडर, किडनी और टेस्टिस के कैंसर का खतरा बढ़ाता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की रिसर्च कहती है यह केमिकल महिलाओं की फर्टिलिटी पर भी बुरा असर डालता है।
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